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राजस्थान में मानसून का रौद्र रूप: कई जिलों में भारी बारिश, उदयपुर-बांसवाड़ा समेत चार जिलों में रेड अलर्ट

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राजस्थान में मानसून ने एक बार फिर रौद्र रूप धारण कर लिया है। पश्चिमी मध्य प्रदेश और पूर्वी राजस्थान की सीमा पर बने वेलमार्क लो-प्रेशर सिस्टम के कारण राज्य के दक्षिणी और पश्चिमी जिलों में भारी बारिश का सिलसिला जारी है। बारिश के चलते कई जगह जलभराव और नदी-नालों में उफान की स्थिति बन गई है।

रेड अलर्ट जारी

मौसम विभाग ने शनिवार को उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में अगले 24 घंटे तक मूसलधार बारिश की संभावना जताई गई है। विभाग ने प्रशासन और आमजन को सतर्क रहने की अपील की है।

ऑरेंज और येलो अलर्ट

इसके अलावा चित्तौड़गढ़, राजसमंद, झालावाड़, सिरोही और जालोर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, कई अन्य जिलों में येलो अलर्ट घोषित किया गया है। इसका अर्थ है कि प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में कहीं तेज तो कहीं मध्यम बारिश होती रहेगी।

जलभराव और यातायात प्रभावित

दक्षिणी राजस्थान के कई कस्बों और गांवों में लगातार बारिश के कारण जलभराव की स्थिति बन गई है। कई जगहों पर सड़कों पर पानी भर गया है, जिससे यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है। ग्रामीण इलाकों में छोटे पुल और culvert डूबने से संपर्क मार्ग भी बाधित हुए हैं।

प्रशासन अलर्ट पर

जिन जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, वहां प्रशासन ने राहत और बचाव दल तैनात कर दिए हैं। नदी-नालों के किनारे बसे गांवों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। जिला प्रशासन लगातार हालात की मॉनिटरिंग कर रहा है और कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिए गए हैं।

किसानों के लिए राहत और चिंता

भारी बारिश से एक ओर किसानों की खरीफ फसल को राहत मिली है, वहीं दूसरी ओर अति वर्षा के कारण फसलों के जलभराव में डूबने की आशंका भी बढ़ गई है। विशेषकर धान, मक्का और सोयाबीन की फसल वाले क्षेत्रों में किसान चिंता में हैं।

पर्यटन पर असर

उदयपुर, चित्तौड़गढ़ और राजसमंद जैसे पर्यटन स्थलों पर भारी बारिश के चलते पर्यटकों की आवाजाही प्रभावित हुई है। कई झीलों और बांधों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। प्रशासन ने प्रमुख बांधों के गेट खोलने की तैयारी शुरू कर दी है।

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