भारत में चीतों के विलुप्त होने के 70 साल बाद भी सरकार देश में उनकी संख्या बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है। इसी परिप्रेक्ष्य में राजस्थान के जैसलमेर जिले के शाहगढ़ बल्ज क्षेत्र में तेंदुआ छोड़ने पर विचार किया जा रहा है।
जैसलमेर से तेंदुए मध्य प्रदेश लाए जाएंगे
सरकारी दस्तावेज जारी होने के बाद इस परियोजना के बारे में जानकारी सामने आई है। तदनुसार, कुछ क्षेत्रों में तेंदुए छोड़े जाएंगे। एक अन्य अधिकारी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के गांधी सागर अभयारण्य के बाद तेंदुओं को गुजरात के कच्छ जिले के बन्नी घास के मैदानों और फिर राजस्थान के जैसलमेर जिले के शाहगढ़ बल्ज क्षेत्र में छोड़ा जाएगा।
2022 में शुरू होगा 'प्रोजेक्ट चीता'
भारत में चीतों के विलुप्त होने के 70 साल बाद, केंद्र सरकार ने देश में चीतों को फिर से लाने के लिए सितंबर 2022 में 'प्रोजेक्ट चीता' लॉन्च किया। चीतों को पुनः स्थापित करने के प्रयासों के तहत, 20 अफ्रीकी चीतों को मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में लाया गया। इनमें से आठ चीते सितंबर 2022 में नामीबिया से और 12 चीते फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए।
अब तक 26 चीता शावकों का जन्म हो चुका है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, तब से अब तक भारत में 26 चीता शावकों का जन्म हो चुका है, जिनमें से 19 जीवित बचे हैं। 11 शावकों को जंगल में छोड़ दिया गया है, जबकि शेष शावकों को कुनो राष्ट्रीय उद्यान में बने बाड़ों में रखा गया है।
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