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नकल रोकने में हाईटेक टेक्नोलॉजी का बड़ा रोल, बायोमैट्रिक फिंगरप्रिंट ने उजागर किया कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा का फर्जीवाड़ा

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राजस्थान के अलवर में 14 सितंबर को आयोजित कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। परीक्षा केंद्र पर फिंगर प्रिंट मैच न होने से यह फर्जीवाड़ा सामने आया है। पुलिस ने जब आरोपी अभ्यर्थी से सख्ती से पूछताछ की तो पता चला कि वह मई-जून में आयोजित प्री डी.एल.एड परीक्षा में अपने दोस्त की जगह शामिल हुआ था और उसके दोस्त ने परीक्षा भी पास कर ली थी। फिलहाल पुलिस ने आरोपी अभ्यर्थी को गिरफ्तार कर लिया है।

परीक्षा में कई डमी अभ्यर्थी पकड़े गए

दरअसल, पिछले शनिवार और रविवार को प्रदेश भर में कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। इस दौरान परीक्षा में अलग-अलग जगहों पर कई ऐसे अभ्यर्थी पकड़े गए, जो पिछली प्रतियोगी परीक्षा में दूसरों की जगह परीक्षा में शामिल हुए थे। जयपुर, भीलवाड़ा समेत कई जिलों में आयोजित परीक्षा में पुलिस ने तकनीक की मदद से डमी अभ्यर्थियों पर शिकंजा कसा। जानकारी के अनुसार, दो दिवसीय परीक्षा के दौरान जयपुर समेत प्रदेश भर के विभिन्न परीक्षा केंद्रों से कुल 13 डमी अभ्यर्थी पकड़े गए। पकड़े गए अधिकांश अभ्यर्थी ऐसे हैं जो पूर्व में किसी अन्य नाम से परीक्षा दे चुके थे और इस बार नए नाम से आए थे। जिसके बाद एआई आधारित बायोमेट्रिक जाँच से उनके फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।

अलवर में भी फर्जीवाड़ा पकड़ा गया

इसी तरह, अलवर जिले में भी एक अभ्यर्थी का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है। जहाँ कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में शामिल हुई धौलपुर के सापू स्थित खड़गपुर निवासी पिंकी गुर्जर पुत्री बहादुर सिंह के बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट मेल नहीं खा रहे थे। पूछताछ में पिंकी ने कबूल किया कि मई-जून 2025 में उसने अपनी सहेली आयुषी पुत्री रामधार सिंह निवासी मनिया, धौलपुर की जगह प्री बीएसटीसी/डीएलएड परीक्षा दी थी, जिसमें उसके फिंगरप्रिंट लिए गए थे और आयुषी परिणाम में पास हो गई थी।

फिंगर प्रिंट मेल नहीं खाए
पिंकी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि 14 सितंबर को उसने खुद अलवर में दूसरी पारी में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा दी थी, लेकिन फिंगरप्रिंट पहले दर्ज रिकॉर्ड से मेल नहीं खा रहे थे। इस तरह, यह बात सामने आई कि पिंकी ने पहले किसी अन्य अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा दी थी। महिला कांस्टेबल की मौजूदगी में पूछताछ के बाद पिंकी और उसके भाई ऋषिकेश को थाने लाया गया। मामले में जीरो नंबरी एफआईआर दर्ज कर मामला धौलपुर कोतवाली थाने में स्थानांतरित कर दिया गया है।

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