जब भी भारत का इतिहास पढ़ा जाता है, तो उस इतिहास में किलों का जिक्र जरूर होता है। एक तरह से भारत का इतिहास किलों के बिना अधूरा है। जैसे- लाल किला, आमेर किला, अगर किला, जैसलमेर किला, ग्वालियर किला आदि। इस सूची में हजारों किलों के नाम शामिल हैं।आपने कभी न कभी भारत में मौजूद विशाल और प्रसिद्ध किलों को जरूर देखा होगा। अगर नहीं भी देखा है, तो भी आपने प्रसिद्ध किलों के बारे में सुना या पढ़ा जरूर होगा। लेकिन अगर आपसे पूछा जाए कि क्या आप भारत में मौजूद शापित किलों के बारे में जानते हैं? तो आपका जवाब क्या होगा। आइए इस लेख में आपको भारत में स्थित उन शापित किलों के बारे में बताते हैं, जहां आज भी पर्यटक जाने से कतराते हैं।
भानगढ़ किला
राजस्थान के लगभग हर शहर में एक से एक बेहतरीन और विशाल किले हैं। कुछ किले राजस्थान में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपनी मेहमाननवाजी के लिए मशहूर हैं। लेकिन राजस्थान के अलवर जिले में स्थित भानगढ़ किला एक ऐसा किला है, जिसे डरावना और शापित किला भी कहा जाता है।ऐसा माना जाता है कि इस किले को एक तांत्रिक ने श्राप दिया है। जी हां, स्थानीय लोगों और किवदंती के अनुसार एक साधु ने गुस्से में आकर किले के राजा को श्राप दे दिया था, जिसके बाद से इस किले में अजीबोगरीब घटनाएं होने लगी। कहा जाता है कि किले के बनने से पहले एक साधु यहां ध्यान करता था लेकिन बाद में उसे हटा दिया गया। जब वह कुछ दूरी पर फिर से ध्यान करने बैठा तो किले की छाया उस पर पड़ने लगी और फिर साधु ने गुस्से में आकर उसे श्राप दे दिया।
शनिवार वाड़ा किला
शनिवार वाड़ा किले का निर्माण 18वीं शताब्दी में मराठा साम्राज्य पर शासन करने वाले पेशवाओं ने करवाया था। कहा जाता है कि किले की नींव शनिवार के दिन रखी गई थी, इसलिए इसका नाम शनिवार वाड़ा रखा गया।लेकिन आपको बता दें कि भारत के सबसे प्रसिद्ध किलों में से एक शनिवारवाड़ा किला एक शापित किला भी है। कहा जाता है कि इसी महल में पेशवा नारायण राव की बेरहमी से हत्या की गई थी। इस घटना के बाद कई लोग इसे शापित किला मानने लगे हैं। कई लोगों का दावा है कि इस किले से अजीबोगरीब आवाजें आती रहती हैं।
पिठोरिया किला
झारखंड का पिठोरिया किला भी शापित किलों में शामिल है। पिठोरिया गांव रांची-पतरातू मार्ग पर है जहां यह किला स्थित है। कई लोग इसे जगतपाल सिंह किला के नाम से भी जानते हैं।ऐसा माना जाता है कि यह एक विशाल किला था, लेकिन एक श्राप के कारण खंडहर बन गया। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस किले को जगतपाल सिंह ने श्राप दिया था।कहा जाता है कि जगतपाल सिंह ने मध्यकाल में एक लड़ाई में अंग्रेजों का साथ दिया था। इस घटना के बाद उन्हें फांसी दे दी गई थी। ऐसा माना जाता है कि श्राप के बाद हर साल इस किले पर बिजली गिरती है और किले का कुछ हिस्सा टूट जाता है।
गोलकोंडा किला
गोलकोंडा किला हैदराबाद में हुसैन सागर झील से करीब 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यह 4 हजार साल से भी पुराना किला है। इस किले का निर्माण 13वीं सदी के आसपास शुरू हुआ था और 16वीं सदी तक चलता रहा।कहा जाता है कि एक विशाल किला किला होने के साथ-साथ एक रहस्यमयी जगह भी है और शापित किला। कहा जाता है कि शाम के समय इस किले से चीखने, चिल्लाने और रोने की आवाजें आती रहती हैं। कई लोगों का मानना है कि इस किले में बंधकों को रखा जाता था और उन्हें खाना-पानी भी नहीं दिया जाता था। इस दौरान कई बंधकों की मौत हो गई। कहा जाता है कि इन बंधकों की वजह से यह किला शापित है।
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