भारत में क्विक-कॉमर्स तेजी से आगे बढ़ रहा है। कम समय में ग्राहकों के डोर स्टेप पर सामान पहुंचाने की ये होड़ कई कंपनियों पर भारी पड़ रही है। भारत की प्रमुख फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स कंपनी स्विगी भी इसी आग में जल रही है। स्विगी के हाल के वित्तीय आंकड़ों के अनुसार, स्विगी इंस्टामार्ट को हर 100 रुपये की बिक्री पर 18 रुपये का नुकसान हो रहा है। चिंता में निवेशक कंपनी के शेयरों में 49% की भारी गिरावट ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। निवेशकों के मन में यह सवाल है कि क्या अभी भी मुनाफा कमाने का मौका है? वित्तीय वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में स्विगी ने 1,081 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया। पिछले साल की समान तिमाही से यह लगभग दोगुना नुकसान है। ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू में इजाफा फिर भी बढ़ रहा नुकसान इंस्टामार्ट का ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू (GOV) 101% बढ़कर 4,670 रुपये करोड़ हो गया, लेकिन इसकी समायोजित ईबीआईटीडीए हानि 840 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो पिछले साल रुपये 307 करोड़ थी और पिछली तिमाही में 578 करोड़ रुपये था। स्विगी प्रबंधन ने भले ही इसके लिए विकास निवेश और बढ़ती प्रतिस्पर्धा को जिम्मेदार ठहराया हो, लेकिन निवेशकों का धैर्य खत्म होते जा रहा है। इंस्टामार्ट के इस नुकसान के पीछे प्रमुख कारण1. स्विगी ने चौथी तिमाही में 316 नए डार्क स्टोर ओपन किए। इसके बाद कल स्टोर्स की संख्या 1021 हो गई। लेकिन अधिक लागत और कम उपयोगिता के कारण नुकसान ज्यादा बढ़ गया।.2. जेप्टो, ब्लिंकिट जैसे प्रतिद्वंदियों के साथ बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण इन्स्टामार्ट के मार्केटिंग खर्च बढ़ गए हैं। 3. बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण ग्राहकों को प्रोत्साहित करने के लिए डिलीवरी शुल्क पर छूट और अन्य ऑफर्स ने मार्जिन को और कम किया है। स्विगी के शेयर्स का बुरा हाल केवल 5 महीने में ही स्विगी के शेयर लगभग 49% नीचे आ गए। पिछले साल क्रिसमस के आसपास शेयर की वैल्यू 617 रुपये के उच्चतम स्तर पर थी। लेकिन अब भाव 315 रुपये के पास आ गया है। ये 390 रुपये के आईपीओ मूल्य से भी कम है। शेयर्स के घटते दाम निवेशकों की चिंता को बढ़ा रहे हैं। क्या स्विगी डूब रही है?इन्स्टामार्ट को हो रहा नुकसान चिंताजनक है, लेकिन स्विगी का समग्र व्यवसाय अभी भी खतरे में नहीं है। कंपनी ने फूड डिलीवरी में सुधार किया है। स्विगी के चौथी तिमाही के परिणाम में जीओवी में 17.6% की वृद्धि दर्ज हुई। स्विगी का कहना है कि साल 2027 तक भारत में ई कॉमर्स बाजार 30 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। ऐसे में इस मार्केट के कई खिलाड़ियों को सह अस्तित्व में रहकर काम करना होगा। स्विगी के सीईओ श्रीहर्ष मजेटी का कहना है कि Q4 में इंस्टामार्ट के नुकसान का शिखर था, और अब कंपनी इसे कम करने की दिशा में काम कर रही है। क्या कहते हैं विशेषज्ञ?एचएसबीसी: नगदी की भारी कमी और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण अपने लक्ष्य को 385 रुपये से घटकर 350 रुपये कर दिया है। उनका कहना है कि स्विगी का QC व्यवसाय इटरनल के ब्लिंकिट की तुलना में लगभग 60% छूट पर कारोबार करता है। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि निवेशकों को अधिक धैर्य रखने की आवश्यकता है। लाभ में सुधार के लिए अगले 12 महीने तक की देरी हो सकती है। जेफरीज: होल्ड रेटिंग के साथ टारगेट प्राइस को 400 रुपये से घटाकर 380 रुपये कर दिया। BofA: अपने टारगेट में कटौती की, उन्होंने लक्ष्य को घटाकर 295 रुपये कर दिया और अंडरपरफॉर्म को बनाए रखा। मोतीलाल ओसवाल: इंस्टामार्ट का GOV प्रति डार्क स्टोर ब्लिंकिट से 37% कम और दैनिक ऑर्डर 20% पीछे हैं। बीत चुका है सबसे बुरा समयस्विगी प्रबंधन की तरफ से निवेशकों से यह कहा गया है कि सबसे बुरा समय बीत चुका है। बेहतर टेक रेट और ग्राहक प्रोत्साहन में कमी के साथ योगदान मार्जिन में सुधार करने के लिए कोशिश की जा रही है। क्या करें निवेशक?निवेशकों को क्या करना चाहिए यह निवेश की अवधि पर निर्भर करता है। यानी आप कितने समय तक निवेश को जारी रखना चाहते हैं। इंस्टामार्ट का नुकसान और प्रतिस्पर्धा का दबाव अल्पकालिक जोखिम को बढ़ाता है। विश्लेषकों का अनुमान है कि लाभप्रदता में सुधार के लिए 12 महीने और लग सकते हैं। हालांकि निवेश करने से वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना बेहतर रहेगा।
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