एक 18 वर्षीय लड़की, जो सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने की तैयारी कर रही थी, को उसके अपने परिवार ने जान से मार दिया। पुलिस के अनुसार, यह मामला ऑनर किलिंग का है, जिसमें उसके पिता और चाचा शामिल हैं।
सुनवाई से पहले की घटना
लड़की ने NEET परीक्षा में 478 अंक प्राप्त कर सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश सुनिश्चित किया था। लेकिन उसके परिवार को उसकी शिक्षा और भविष्य से ज्यादा 'इज्जत' की चिंता थी।
चाचा का डर
पुलिस के अनुसार, चंद्रिका के चाचा ने कुछ कॉलेजों का दौरा किया, जहां लड़के और लड़कियां एक साथ पढ़ते थे। उन्होंने अपने भाई से कहा कि अगर चंद्रिका कॉलेज गई, तो वह किसी लड़के से प्यार कर सकती है, जिससे परिवार की बदनामी होगी। इसके बाद, परिवार ने उसका फोन छीन लिया और उसे घर के कामों में लगा दिया।
हत्या की योजना
FIR के अनुसार, चाचा ने पिता के कहने पर लड़की को दूध में नशीली दवा मिलाकर पिलाई। जब वह बेहोश होने लगी, तो उसे स्टोररूम में ले जाकर चुन्नी से गला दबा दिया। इसके बाद, उन्होंने इसे आत्महत्या के रूप में पेश करने की कोशिश की।
गांव वालों को झूठी कहानी
पुलिस के मुताबिक, शिवराम ने गांव के कुछ लोगों से कहा कि चंद्रिका को हार्ट अटैक आया, जबकि दूसरों को बताया कि उसने आत्महत्या की। उन्होंने सभी से कहा कि असली बात किसी को न बताएं। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह हत्या पूरी तरह से योजनाबद्ध थी। वर्तमान में, लड़की का पिता फरार है, जबकि चाचा पुलिस की हिरासत में है।
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