बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे सियासी हलचल भी तेज होती जा रही है। एनडीए की ओर से उम्मीदवारों की लिस्ट जारी हो चुकी है, सीट शेयरिंग तय हो चुकी है और प्रचार अभियान ने भी रफ्तार पकड़ ली है।
लेकिन अब गठबंधन के भीतर सीएम फेस को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है -क्या इस बार भी नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे या कुछ नया समीकरण तैयार हो रहा है?
इस सवाल को और हवा तब मिली जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 17 अक्टूबर को कहा,”नीतीश कुमार पर न सिर्फ बीजेपी, बल्कि बिहार की जनता को भी भरोसा है। NDA की जीत के बाद मुख्यमंत्री कौन होगा, यह फैसला विधायक दल करेगा।” इस बयान को जहां बीजेपी ने “सामान्य प्रक्रिया” बताया, वहीं कुछ सियासी जानकारों ने इसे नीतीश कुमार की भूमिका पर “मंथन” की शुरुआत के तौर पर देखा।
क्योंकि अब तक एनडीए की ओर से हर बार चुनाव से पहले नीतीश कुमार को चेहरा घोषित किया जाता रहा है।
इस पूरे मामले पर अब हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतन राम मांझी और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। जिससे सीएम फेस को लेकर सस्पेंस और गहरा हो गया है। साथ में ये भी जानेंगे कि JDU का पूरे मामले पर क्या कहना है।
जीतन राम मांझी बोले – नीतीश को CM चेहरा घोषित करना चाहिए
अमित शाह के बयान के तुरंत बाद HAM प्रमुख जीतन राम मांझी ने इस मुद्दे पर अपनी राय खुलकर रखी। उन्होंने कहा,”भाजपा और जेडीयू दोनों कह चुके हैं कि चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। मेरा व्यक्तिगत विचार है कि अगर उन्हें आधिकारिक रूप से मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया जाए तो और बेहतर होगा।”
मांझी ने आगे कहा कि अमित शाह का बयान एनडीए की आधिकारिक लाइन माना जाएगा, लेकिन “चुनाव से पहले नेता का नाम तय होना चाहिए ताकि मतदाताओं में कोई भ्रम न रहे।” उन्होंने कहा, “दुविधा महागठबंधन में है, जहां उम्मीदवारों की लिस्ट तक फाइनल नहीं हो पाई है। एनडीए में सबकुछ अब तक ठीक रहा है।”
चिराग पासवान बोले -नीतीश के नेतृत्व में ही लड़ रहे हैं चुनाव
दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अमित शाह के बयान का पूरी तरह समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यह “सामान्य प्रक्रिया” है और हर चुनाव में यही परंपरा रही है कि मुख्यमंत्री का चयन विधायक दल की बैठक के बाद होता है।
चिराग ने कहा, “हम पांच दलों का गठबंधन हैं। जितने विधायक जीतकर आएंगे, वे मिलकर अपना नेता चुनेंगे। यही लोकतांत्रिक प्रक्रिया है और इसका सम्मान होना चाहिए।” उन्होंने यह भी साफ किया कि एनडीए में कोई मतभेद नहीं है और वे पूरी मजबूती से नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं।
चिराग बोले, “NDA को लेकर जितना भ्रम फैलाया जा रहा था, वह गलत है। सीटों और उम्मीदवारों को लेकर सबकुछ सहजता से तय हुआ है। हमारा गठबंधन ऐतिहासिक जीत की ओर बढ़ रहा है।”
JDU नेता हरिवंश नारायण सिंह बोले – नीतीश का कोई विकल्प नहीं
एनडीए के भीतर कुछ भी चल रहा हो, लेकिन जेडीयू के नेता नीतीश कुमार के समर्थन में पूरी मजबूती से खड़े हैं। राज्यसभा के उपसभापति और जेडीयू सांसद हरिवंश नारायण सिंह ने एएनआई से कहा कि बिहार में नीतीश कुमार का कोई विकल्प नहीं है।
उन्होंने कहा, “अगर आप नीतीश कुमार के विजन की तुलना किसी और से करें, तो कोई भी उनके बराबर नहीं है। उन्होंने बिहार को विकास की नई दिशा दी है और राज्य को पिछड़ेपन से निकालकर मुख्यधारा में लाया है।”
“20 साल में बिहार का चेहरा बदला है”-जेडीयू
जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने भी साफ किया कि पार्टी के लिए मुख्यमंत्री का चेहरा सिर्फ नीतीश कुमार ही हैं। उन्होंने कहा, “पिछले 20 वर्षों में बिहार की प्रगति नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही संभव हुई है। वे ही हमारे मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं और चुनाव के बाद भी वही मुख्यमंत्री बनेंगे।”
हरिवंश नारायण सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने जयप्रकाश नारायण और लोहिया के आदर्शों को अपने जीवन में उतारा है। उन्होंने न तो भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया और न ही सत्ता को निजी संपत्ति बनाने का माध्यम बनाया।
उन्होंने कहा,”नीतीश कुमार के कार्यकाल में बिहार ने जो विकास देखा, वह अभूतपूर्व है। जहां पहले एक पुल बनने में 30-35 साल लगते थे, वहीं पिछले 20 सालों में 1,100 से ज्यादा पुल बन चुके हैं। यह बताता है कि राज्य ने कैसे रफ्तार पकड़ी है।”
सियासी संकेत -NDA में शांति, लेकिन ‘CM चेहरा’ पर सस्पेंस बरकरार
हालांकि मांझी और चिराग पासवान दोनों ने नीतीश कुमार के नेतृत्व का समर्थन किया है, फिर भी अमित शाह के बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। चुनाव से पहले सीएम फेस को लेकर अनिश्चितता विपक्ष को हमले का मौका भी दे सकती है।
फिलहाल एनडीए की सभी पार्टियां एक ही सुर में कह रही हैं कि गठबंधन मजबूत है और नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जा रहा है। लेकिन सियासत में संकेत अक्सर शब्दों से ज्यादा कुछ कहते हैं – और यही वजह है कि बिहार में अब हर किसी के मन में एक ही सवाल घूम रहा है, क्या नीतीश कुमार इस बार फिर से बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे, या एनडीए कुछ नया समीकरण तैयार कर रहा है।
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