New Delhi, 27 अक्टूबर . केंद्र Government ने देश में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जा विनिर्माण योजना के तहत केंद्र Government ने 5,532 करोड़ रुपए की सात नई परियोजनाओं को मंजूरी दी है. इनमें से पांच परियोजनाएं तमिलनाडु, एक Madhya Pradesh और एक आंध्र प्रदेश में लगाई जाएंगी. इस योजना का मकसद India में इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों के उत्पादन को बढ़ावा देना और देश को इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण का वैश्विक केंद्र बनाना है.
इस योजना का मुख्य उद्देश्य एक मजबूत इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम तैयार करना है, ताकि देश और विदेश के निवेश को आकर्षित किया जा सके. इससे India में डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन यानी घरेलू मूल्य वृद्धि बढ़ेगी और India का इलेक्ट्रॉनिक निर्यात वैश्विक बाजार में और मजबूत होगा.
Union Minister अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इन सात परियोजनाओं से देश में करीब 5,195 लोगों को रोजगार मिलेगा और इनसे कुल 44,406 करोड़ रुपए के उत्पादन होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से India में पहले से आयात किए जाने वाले कई अहम इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों का निर्माण अब देश में ही किया जाएगा, जिससे आयात बिल में भारी कमी आएगी.
तमिलनाडु की कंपनी केन्स सर्किट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को चार बड़ी परियोजनाओं की मंजूरी मिली है. मल्टी-लेयर प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी) के लिए 104 करोड़ रुपए का निवेश होगा और इससे 4,300 करोड़ रुपए का उत्पादन होगा. कैमरा मॉड्यूल सब-असेंबली के लिए 325 करोड़ रुपए का निवेश और 12,630 करोड़ रुपए का उत्पादन अनुमानित है. एचडीआई पीसीबी निर्माण के लिए 1,684 करोड़ रुपए का निवेश और 4,510 करोड़ रुपए का उत्पादन होगा. लैमिनेट यूनिट में 1,167 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा और 6,875 करोड़ रुपए का उत्पादन अनुमानित है.
तमिलनाडु की ही एसेंट सर्किट्स प्राइवेट लिमिटेड को मल्टी-लेयर प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी) के लिए 991 करोड़ रुपए की परियोजना की मंजूरी मिली है, जिससे 7,847 करोड़ रुपए का उत्पादन होगा.
Madhya Pradesh में एसआरएफ लिमिटेड की परियोजना के तहत पॉलीप्रोपिलीन फिल्म का निर्माण होगा. इसके लिए 496 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा और 1,311 करोड़ रुपए का उत्पादन होगा. वहीं, आंध्र प्रदेश की सिरमा स्ट्रैटेजिक इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी की परियोजना में 765 करोड़ रुपए का निवेश होगा, जिससे 6,933 करोड़ रुपए का उत्पादन होगा.
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इन परियोजनाओं से India में पहली बार कैमरा मॉड्यूल बिना किसी विदेशी तकनीकी साझेदारी के तैयार किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि मल्टीलेयर और एचडीआई पीसीबी के मामले में घरेलू मांग का करीब 20 प्रतिशत अब India में ही पूरा होगा. कैमरा मॉड्यूल की 15 प्रतिशत और लैमिनेट की 100 प्रतिशत घरेलू मांग भी अब देश में ही पूरी की जाएगी.
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पीआईएम/डीकेपी
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