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'मन्नू क्या करेगा' के लिए साथ आए शान, उदित नारायण और ललित पंडित

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Mumbai , 24 अगस्त . डायरेक्टर संजय त्रिपाठी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘मन्नू क्या करेगा’ 12 सितंबर को रिलीज होने जा रही है. इसमें विनय पाठक, कुमुद मिश्रा और चारु शंकर जैसे स्टार्स हैं. फिल्म के गाने शान और उदित नारायण ने गाए हैं, जिसके म्यूजिक कंपोजर ललित पंडित हैं.

शान, उदित नारायण, और ललित पंडित ने इस फिल्म के बारे में से खास बातचीत की है.

सवाल: आप तीनों (शान, उदित जी, और ललित पंडित) लंबे समय बाद फिर से साथ आ रहे हैं. इसकी वजह क्या रही?

ललित पंडित: “असल में यह सब संगीत के प्यार में है. साथ बैठकर गाने बनाने का विचार ही हमें बेहद रोमांचित करता है. मुझे यह अनुभव बेहद अच्छा लग रहा है. शान और उदित जी दोनों ही कमाल के कलाकार हैं. उदित जी सिर्फ शानदार सिंगर ही नहीं बल्कि बेहतरीन दोस्त भी हैं. हमने कई साल तक मिलकर काम किया है और हर पल खास रहा है. उनके साथ रिहर्सल और रिकॉर्डिंग करना हमेशा खुशी देता है क्योंकि वे हर गाने में जुनून और मोहब्बत डाल देते हैं. एक-दूसरे के टैलेंट को सराहते हुए साथ काम करना शानदार अनुभव है. इस फिल्म का साउंडट्रैक भी खास है, जिसमें रोमांस, लोक, रॉक और प्रेरक गाने सब कुछ शामिल है, यानी पूरा पैकेज.”

सवाल: उदित जी, ललित जी के साथ दोबारा काम करने का अनुभव कैसा है?

उदित नारायण: “ललित जी के साथ मेरा रिश्ता बहुत पुराना है. हमारी पहली फिल्म यारा दिलदारा थी, जिसमें “बिन तेरे सनम” जैसा सुपरहिट गाना था. यह 1991 में आई थी. उसके बाद हमने कई गानों पर साथ काम किया और समय के साथ हमारा रिश्ता और गहरा होता गया. मैं खुद को खुशकिस्मत मानता हूं कि हमारे गाए गाने आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं.”

सवाल: आपकी आपसी केमिस्ट्री साफ झलकती है. संगीत बनाते समय आप सबसे ज्यादा किस चीज पर ध्यान देते हैं?

शान: “मुझे लगता है कि अब वक्त है जब अच्छा और सच्चा संगीत फिर से लौट रहा है. संगीत तो हमेशा अच्छा रहा है, लेकिन अब श्रोता भी भावनाओं से भरे, मधुर गानों की तरफ लौट रहे हैं. ललित जी का बनाया यह एल्बम बेहद विविधता लिए हुए है. ‘हमनवाज’ गाना तो पहले से ही पॉपुलर हो रहा है, और इसकी खासियत यह है कि इसमें पुराने दौर की मिठास और नएपन का सुंदर मेल है.”

ललित पंडित: “एक अहम बात यह है कि पूरे साउंडट्रैक की जिम्मेदारी एक ही संगीतकार को दी जानी चाहिए. जब कई लोग मिलकर करते हैं, तो अक्सर फिल्म का असली फ्लेवर कमजोर हो जाता है. संगीत में भावनाओं और जिम्मेदारी की जरूरत होती है, जो तभी संभव है जब एक ही इंसान पूरे विजन को संभाले.”

सवाल: ‘सैयारा’ जैसे रोमांटिक गानों ने हाल में फिर से मधुर धुनों का ट्रेंड शुरू किया है. क्या आप मानते हैं कि यह दौर वापस आ गया है?

ललित पंडित: “हां, बिल्कुल. ‘सैयारा’ जैसे गानों की वजह से सोलफुल संगीत की वापसी हो रही है. इसके लिए निर्देशक मोहित पूरी तरह क्रेडिट के हकदार हैं, क्योंकि उन्हें हमेशा से संगीत में गहरी रुचि रही है. उनके करियर पर नजर डालें, तो हर बार उन्होंने अपने प्रोजेक्ट्स में सार्थक और मधुर गानों को जगह दी है.”

सवाल: रियलिटी शोज की बात करें, तो आजकल कई नए गायक इन्हीं से पहचान पा रहे हैं. इस पर आपका क्या कहना है?

शान: “रियलिटी शोज पहले काफी सिंपल और नैचुरल होते थे—प्रतियोगी आते, लाइव गाते, और तुरंत जजों से फीडबैक लेते. आजकल तकनीक और एआई की मदद से परफॉर्मेंस को और भी परफेक्ट बना दिया जाता है.”

सवाल: अपने फैन्स के लिए कोई मैसेज?

शान: “बस यही कहना चाहूंगा कि हमेशा प्रेरित रहें, दिल से खुश रहें, और पॉजिटिविटी बनाए रखें. हमारी कोशिश रहती है कि हमारे गानों में यही मैसेज झलके और लोग भी इसे अपनी जिंदगी में अपनाएं.”

जेपी/केआर

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