मोतिहारी, 31 अक्टूबर . बिहार के पूर्वी चंपारण जिले का मोतिहारी विधानसभा क्षेत्र न केवल स्वतंत्रता संग्राम की ऐतिहासिक नगरी है, बल्कि 2025 विधानसभा चुनावों में भी एक प्रमुख रणभूमि बन चुका है.
मोतिहारी का नाम स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा है. कभी एकीकृत चंपारण जिले का मुख्यालय रहा यह शहर 1972 में पूर्वी और पश्चिमी चंपारण में विभाजित हुआ. 1917 में दक्षिण अफ्रीका से लौटे मोहनदास करमचंद गांधी ने यहीं ब्रिटिश जमींदारों द्वारा थोपी गई नील की खेती के खिलाफ पहला सत्याग्रह शुरू किया था.
किसानों के शोषण के विरुद्ध यह विद्रोह न केवल स्थानीय था, बल्कि तीन दशक बाद India की आजादी की नींव बना. कहा जाता है कि ‘चंपारण न होता तो गांधी महात्मा न बनते.’ आज भी गांधी आश्रम, भितिहरवा और नीलहा स्मारक पर्यटकों को इतिहास की याद दिलाते हैं. यह विरासत मतदाताओं में गर्व की भावना जगाती है, जो उम्मीदवारों से न्याय और विकास की अपेक्षा रखते हैं.
चंपारण सत्याग्रह ने न केवल ब्रिटिश शोषण का मुकाबला किया, बल्कि India की आजादी की नींव रखी. आज भी गांधी आश्रम और भितिहरवा जैसे स्थल पर्यटकों व मतदाताओं को इतिहास की याद दिलाते हैं.
चुनाव के इतिहास की बात करें तो मोतिहारी कांग्रेस का गढ़ रहा. 1952-1980 के बीच कांग्रेस ने आठ में से सात चुनाव जीते, सिवाय 1969 के जब जनसंघ विजयी हुआ. 1980 के दशक में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) का दबदबा रहा, नेता त्रिवेणी तिवारी ने 1985-1995 में तीन बार जीत हासिल की. 2000 में राजद ने कब्जा किया, लेकिन 2005 से भाजपा ने किला फतह कर लिया.
वर्तमान विधायक प्रमोद कुमार ने 2005, 2010, 2015 और 2020 में लगातार चार बार जीत दर्ज की. हर बार उनका मार्जिन बढ़ता गया. उन्होंने 2020 में राजद के ओम प्रकाश चौधरी को 14,645 वोटों से हराया था.
वहीं, पूर्वी चंपारण Lok Sabha क्षेत्र (6 विधानसभा सीटों वाला) में भाजपा ने 2020 में 4 सीटें जीतीं, जदयू को 1 और राजद को 1 सीट मिली. 2024 Lok Sabha में भाजपा ने 5 में बढ़त बनाई.
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, विधानसभा क्षेत्र की कुल आबादी 5,45,580 है, जिनमें 2,87,014 पुरुष और 2,58,566 महिलाएं हैं. मतदाताओं की संख्या 3,31,575 है, जिनमें 1,76,024 पुरुष, 1,55,542 महिलाएं और 9 थर्ड श्रेणी के हैं. ग्रामीण बहुल इस सीट पर 59.67 प्रतिशत मतदान दर (2020) देखी गई, जो युवा और महिला मतदाताओं की भूमिका को निर्णायक बनाती है.
क्षेत्र के मुद्दे ग्रामीण हैं, जिनमें बाढ़ नियंत्रण, गंडक नदी का कटाव, बेरोजगारी, प्रवासन (75 लाख बिहारी बाहर) और कृषि संकट शामिल हैं.
मोतिहारी में बिहार चुनाव के दूसरे चरण में 11 नवंबर को मतदान है, जबकि 14 नवंबर को नतीजे घोषित होंगे.
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एससीएच/डीकेपी
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