नई दिल्ली। देशभर के करोड़ों किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) की 21वीं किस्त का इंतज़ार कर रहे हैं। इस बार हिमाचल प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित किसानों को राहत राशि के रूप में किस्त पहले ही जारी की जा चुकी है। अन्य राज्यों के किसानों को भी जल्द शुभ समाचार मिलने वाला है।
यदि आप भी अपनी अगली किस्त का इंतज़ार कर रहे हैं, तो यह बेहद ज़रूरी है कि आप नीचे बताई गई 5 बड़ी गलतियों से बचें, वरना आपका ₹2,000 का भुगतान रुक सकता है।
✦ किस्त रुकने के 5 प्रमुख कारण और उनके समाधान1. बैंक खाता और IFSC विवरण अपडेट न करना
कई किसान अपने बैंक खाते की जानकारी समय पर अपडेट नहीं करते। गलत या पुरानी बैंक डिटेल्स के कारण किस्त सीधे खाते में नहीं पहुंच पाती। इसलिए तुरंत PM-KISAN पोर्टल पर जाकर अपने बैंक अकाउंट नंबर और IFSC कोड की जांच करें और ज़रूरत हो तो अपडेट करें।
2. आधार कार्ड लिंकिंग में गलती
21वीं किस्त पाने के लिए आपका आधार कार्ड बैंक खाते से लिंक होना ज़रूरी है। अगर यह लिंक नहीं है या जानकारी गलत है, तो भुगतान नहीं होगा। इसकी पुष्टि करने के लिए नज़दीकी CSC सेंटर या बैंक शाखा से संपर्क करें।
3. पोर्टल पर गलत जानकारी दर्ज होना
नाम, मोबाइल नंबर या गांव का नाम गलत होने पर किस्त रुक सकती है। इसलिए PM-KISAN पोर्टल पर लॉगिन करके सभी विवरणों की जांच करें और गलत जानकारी तुरंत सुधारें।
4. राज्य सरकार की अधिसूचना न देखना
इस बार पंजाब, हिमाचल और उत्तराखंड के 27 लाख से अधिक किसानों को किस्त पहले ही मिल चुकी है। अन्य राज्यों के किसानों को दिवाली से पहले, यानी अक्टूबर 2025 के अंतिम सप्ताह तक राशि मिलने की संभावना है। अफवाहों पर विश्वास न करें और अपने राज्य की सरकारी वेबसाइट या आधिकारिक अधिसूचनाओं पर नज़र रखें।
5. स्टेटस चेक न करना
कई किसान अपने भुगतान की स्थिति नहीं देखते, जिससे उन्हें पता नहीं चलता कि किस्त जारी हुई है या लंबित है। PM-KISAN पोर्टल पर जाकर “Beneficiary Status” सेक्शन में जाएं और किस्त की स्थिति जांचें। इससे आपको तुरंत पता चल जाएगा कि भुगतान जारी हुआ है या देरी का कारण क्या है।
हालांकि सरकार ने आधिकारिक तारीख की घोषणा नहीं की है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ₹2,000 की राशि दिवाली से पहले, यानी अक्टूबर 2025 के आखिरी सप्ताह तक किसानों के खातों में सीधे ट्रांसफर की जा सकती है।
किसानों को सलाह दी जाती है कि वे उपरोक्त त्रुटियों को जल्द ठीक करें ताकि भुगतान में किसी प्रकार की देरी न हो।
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