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टोक्यो पहुंचे दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली, जापानी प्रधानमंत्री इशिबा से करेंगे शिखर वार्ता

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टोक्यो, 23 अगस्त . दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे म्युंग Saturday को जापान की राजधानी टोक्यो पहुंचे, जहां वे जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ शिखर वार्ता में हिस्सा लेंगे. इस वार्ता का उद्देश्य टोक्यो के साथ सहयोग बढ़ाना है.

यह वार्ता ली की वाशिंगटन यात्रा से पहले हो रही है, जहां वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ महत्वपूर्ण शिखर वार्ता करेंगे. किसी दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति के लिए वाशिंगटन को पहली विदेश यात्रा के रूप में चुनना असामान्य है, क्योंकि अब तक के इतिहास में वे आमतौर पर अपने प्रमुख रक्षा सहयोगी अमेरिका को प्राथमिकता देते हैं.

योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ली और इशिबा की यह दूसरी व्यक्तिगत मुलाकात है; इससे पहले दोनों कनाडा में जी7 शिखर सम्मेलन (जून) के दौरान मिल चुके थे.

ली ने चार जापानी समाचार अखबारों (असाही शिंबुन, मैनिची शिंबुन, निक्केई और सांकेई शिंबुन) को दिए इंटरव्यू में जापान के साथ सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में सहयोग मजबूत करने की इच्छा जताई है.

ली ने अपनी टोक्यो यात्रा को भविष्य से संबंधित नींव मजबूत करने का अवसर बताया. इस साल दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 60 वर्ष भी पूरे हो रहे हैं.

उन्होंने कहा, “कोरिया-जापान संबंधों में एक साथ टकराव, सहयोग और आपसी सहिष्णुता के पहलू शामिल हैं. महत्वपूर्ण यह है कि अधिक से अधिक पारस्परिक लाभकारी तत्वों की पहचान की जाए. कुछ नकारात्मक पहलुओं के कारण लाभकारी तत्वों को छोड़ने की आवश्यकता नहीं है.”

Sunday को ली जापानी सांसदों से मुलाकात करेंगे और इसके बाद वाशिंगटन के लिए रवाना होंगे, जहां वे Monday को ट्रंप से वार्ता करेंगे.

जून में पदभार ग्रहण करने वाले ली, दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच हाल ही में हुए व्यापार समझौते के बाद ट्रंप के साथ पहली शिखर वार्ता करेंगे. इस समझौते में दक्षिण कोरियाई सामानों पर प्रस्तावित 25 प्रतिशत टैरिफ को घटाकर 15 प्रतिशत करने पर सहमति बनी है, जिसके बदले में बड़े निवेश और बाजार खोलने का वादा किया गया है.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार वाई सुंग-लाक ने कहा कि ली और ट्रंप व्हाइट हाउस में मुलाकात के दौरान ‘गठबंधन आधुनिकीकरण’ के प्रयासों पर चर्चा करेंगे. इसका उद्देश्य सोल और वाशिंगटन के बीच संयुक्त रक्षा स्थिति को मजबूत करना है.

विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका, चीन की बढ़ती आक्रामकता को रोकने पर ध्यान केंद्रित करते हुए ‘आधुनिकीकरण’ के नाम पर सोल के साथ गठबंधन को समायोजित करने की कोशिश कर रहा है और इस दौरान कोरिया में अमेरिकी सैनिकों की संख्या में कटौती पर चर्चा हो सकती है.

एफएम/केआर

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