बालासोर, 19 अगस्त . ओडिशा के मलकानगिरी में दिदाई आदिवासी समुदाय की छात्रा ने नीट की परीक्षा में सफलता हासिल की. उन्होंने बताया कि वह डॉक्टर बनकर अपने समुदाय की सेवा करना चाहती हैं.
मलकानगिरी के दिदाई आदिवासी समुदाय की युवा छात्रा चंपा रसपेडा ने गरीबी, कठिनाइयों और सामाजिक बाधाओं को पार करते हुए नीट मेडिकल प्रवेश परीक्षा पास कर ली है और अब फकीर मोहन मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेने की तैयारी कर रही है.
एक सुदूर और दुर्गम क्षेत्र से मेडिकल की पढ़ाई के लिए अर्हता प्राप्त करने तक चंपा का सफर आसान नहीं था. हालांकि, उनके दृढ़ संकल्प और अथक परिश्रम ने उन्हें यह मुकाम हासिल करने में मदद की.
मलकानगिरी का दिदाई समुदाय लंबे समय से चिकित्सा उपचार के बजाय पारंपरिक चिकित्सकों और अंधविश्वासों पर निर्भर रहा है. चंपा अब इस मानसिकता को बदलने का सपना देखती है. वह एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने क्षेत्र में वापस लौटना चाहती है और अंधविश्वासों के खिलाफ चिकित्सा सेवाएं और जागरूकता दोनों प्रदान करना चाहती है.
उन्होंने चंपा रसपेडा की शिक्षा का खर्च उठाने के लिए संघर्ष किया. चंपा की सफलता उनके परिवार और समुदाय के लिए अपार खुशी और गर्व की बात है. इस उपलब्धि के साथ, उन्होंने अपने समुदाय की पहली डॉक्टर बनने और अपने लोगों की सेवा करने के अपने सपने को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है.
छात्रा चंपा रसपेडा ने से बातचीत में बताया कि मैं अपनी एमबीबीएस पूरी करके अपने क्षेत्र में वापस आकर उचित स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना चाहती हूं और अंधविश्वासों के खिलाफ जागरूकता फैलाना चाहती हूं.
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एएसएच/डीएससी
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