New Delhi, 5 सितंबर . कंस्ट्रक्शन मटेरियल पर जीएसटी कम होने से रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ी राहत मिल सकती है और इससे कंस्ट्रक्शन की लागत में 3.5 से 4.5 प्रतिशत की कमी आ सकती है. यह जानकारी Friday को जारी एक रिपोर्ट में दी गई.
क्रिसिल इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में बताया गया कि इससे डेवलपर्स के मार्जिन को समर्थन मिलेगा. इसके साथ ही प्रोजेक्ट की व्यवहार्यता भी बढे़गी. वहीं, अगर बिल्डर्स इसे घर खरीदारों को भी ट्रांसफर करते हैं तो अफोर्डेबिलिटी में भी इजाफा होगा.
रिपोर्ट के अनुसार, “कंस्ट्रक्शन में सीमेंट सबसे महत्वपूर्ण लागत घटकों में से एक है, जो कच्चे माल के खर्च का 25-30 प्रतिशत होता है, इस कटौती से डेवलपर मार्जिन में सुधार और परियोजना लागत में कमी आने की उम्मीद है.”
डेवलपर्स के लिए एक अन्य प्रमुख लागत घटक स्टील पर टैक्स 18 प्रतिशत पर अपरिवर्तित बना हुआ है. हालांकि, संगमरमर और ट्रैवर्टीन ब्लॉक, ग्रेनाइट ब्लॉक और रेत चूना ईंटों पर टैक्स को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे विशेष रूप से मध्यम श्रेणी और प्रीमियम परियोजनाओं को राहत मिलेगी, जहां इन सामग्रियों का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस कटौती से डेवलपर मार्जिन में सुधार होने और परियोजना लागत कम होने की भी उम्मीद है, क्योंकि निर्माण सामग्री आमतौर पर बिल्डरों के लिए कुल निर्माण लागत का 50-60 प्रतिशत होती है.
रिपोर्ट के अनुसार, सीमेंट पर जीएसटी में 10 प्रतिशत की कमी से कुल निर्माण लागत में 3.0-3.5 प्रतिशत की बचत होने का अनुमान है.
इसके अलावा, संगमरमर, ग्रेनाइट और संबंधित इनपुट पर दर संशोधन से अतिरिक्त 0.5-1.0 प्रतिशत की बचत होगी.
रिपोर्ट के अनुसार, निर्माण सामग्री पर जीएसटी सुधार से रियल एस्टेट क्षेत्र को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है, हालांकि संपत्ति पर लागू दरें अपरिवर्तित रहेंगी, जो कराधान में स्थिरता का संकेत देती हैं.
नई जीएसटी दरें 22 सितंबर से पूरे देश में लागू होंगी.
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एबीएस/
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