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सोने के दाम में गिरावट, क्या अब खरीदना सही रहेगा? जानें 17 सितंबर 2025 के ताजातरीन भाव

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अमेरिकी केंद्रीय बैंक, यूएस फेडरल रिजर्व, की ओर से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के बीच, बुधवार 17 सितंबर 2025 को सोने के दाम में गिरावट देखने को मिली। एक दिन पहले रिकॉर्ड हाई छूने के बाद एमसीएक्स पर सोना शुरुआती कारोबार में 0.23 प्रतिशत फिसलकर 1,09,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड कर रहा है। इसी तरह चांदी भी 1.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,27,503 रुपये प्रति किलोग्राम पर उपलब्ध है।

शहरों में ताजातरीन भाव

दिल्ली में 24 कैरेट सोना 1,11,860 रुपये और 22 कैरेट सोना 1,02,550 रुपये प्रति 10 ग्राम के हिसाब से बिक रहा है। चांदी का भाव यहां 1,27,800 रुपये प्रति किलोग्राम है।



मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरू और कोलकाता में 24 कैरेट सोना 1,11,710 रुपये और 22 कैरेट सोना 1,02,400 रुपये प्रति 10 ग्राम पर उपलब्ध है। इन शहरों में चांदी 1,27,500 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर कारोबार कर रही है।


अहमदाबाद और पटना में 24 कैरेट सोना 1,11,760 रुपये और 22 कैरेट सोना 1,02,450 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बिक रहा है। वहीं, चांदी का भाव 1,27,600 रुपये प्रति किलोग्राम है।

सोने और चांदी के दाम कैसे तय होते हैं?

सोना-चांदी की कीमतें रोज़ाना अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कारकों के आधार पर बदलती रहती हैं। चूंकि वैश्विक बाजार में ये धातुएँ अमेरिकी डॉलर में ट्रेड होती हैं, इसलिए डॉलर-रुपया विनिमय दर में बदलाव का सीधा असर इनके दामों पर पड़ता है। डॉलर की कीमत बढ़ने या रुपया कमजोर होने पर भारत में सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं।

भारत में सोने का अधिकांश हिस्सा आयात किया जाता है, इसलिए आयात शुल्क (Import Duty), GST और स्थानीय टैक्स भी कीमतों को प्रभावित करते हैं। वैश्विक बाजार में अस्थिरता, जैसे युद्ध, आर्थिक मंदी या ब्याज दरों में बदलाव, सोने के दामों को तुरंत प्रभावित करते हैं। जब वैश्विक अनिश्चितता बढ़ती है, निवेशक शेयर या अन्य अस्थिर संपत्तियों की बजाय सुरक्षित विकल्प जैसे सोने को प्राथमिकता देते हैं।

सोना: निवेश और परंपरा का संगम

भारत में सोना सिर्फ निवेश का माध्यम नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व भी रखता है। शादी-ब्याह, त्योहार और शुभ अवसरों पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है, जिससे मांग हमेशा अधिक रहती है। सोना महंगाई के मुकाबले बेहतर रिटर्न देने वाला विकल्प माना जाता है। जब महंगाई बढ़ती है या शेयर बाजार में जोखिम बढ़ता है, तो निवेशक सोने में निवेश को प्राथमिकता देते हैं। यही वजह है कि सोने की मांग और कीमतें हमेशा स्थिर बनी रहती हैं।

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