रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मोरक्को में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया कि भारत ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय सामानों पर लगाए गए 50% टैरिफ का तत्काल जवाब क्यों नहीं दिया। उन्होंने कहा कि भारत की सोच संकीर्ण नहीं है, और हम किसी भी बात पर भावनात्मक प्रतिक्रिया देने में विश्वास नहीं रखते। उनके शब्दों में — “हमने प्रतिक्रिया नहीं दी... जो लोग उदार होते हैं, बड़े दिल वाले होते हैं, वे हर बात पर तुरंत प्रतिक्रिया नहीं देते।”
राजनाथ सिंह दो दिवसीय सरकारी दौरे पर रविवार को मोरक्को पहुंचे, जहां कैसाब्लांका में उन्हें सैन्य कमांड के प्रमुख वाली और भारत के राजदूत संजय राणा ने स्वागत किया। उनके स्वागत के लिए भारतीय समुदाय के सदस्य, जिनमें भारतीय एसोसिएशन के अध्यक्ष भी शामिल थे, बड़ी संख्या में मौजूद थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत की परिपक्वता यही है कि वह भावनात्मक या तत्काल जवाब देने की बजाय दीर्घकालीन रणनीति पर विश्वास करता है।
अपने दौरे के दौरान उन्होंने मोरक्को के बेरेशिद शहर में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के 'व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म (WhAP) 8x8' के नए मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का उद्घाटन भी किया। यह अफ्रीका में भारत की पहली रक्षा निर्माण इकाई है, जिसे उन्होंने भारत के रक्षा क्षेत्र की वैश्विक उपस्थिति का एक ऐतिहासिक पड़ाव बताया। राजनाथ सिंह ने कहा कि यह भारत की तकनीकी ताकत और बढ़ती रक्षा क्षमताओं का प्रमाण है।
सिंह ने इस मौके पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का भी जिक्र किया और कहा कि भारत ने आतंकियों को उनके धर्म के आधार पर नहीं, उनके कर्मों के आधार पर जवाब दिया। “हमने किसी का धर्म नहीं देखा, कर्म देखा। जिन्होंने निर्दोषों को मारा, उन्हीं को जवाब मिला।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने किसी नागरिक या सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया, क्योंकि यह भारत का संस्कार है। “अगर हम चाहते तो किसी भी मिलिट्री बेस या नागरिक संरचना को निशाना बना सकते थे, लेकिन हमने नहीं किया। हमें भारत के इस चरित्र को बनाए रखना चाहिए।”
पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) को लेकर उन्होंने फिर दोहराया कि अब वहां की जनता भी भारत में शामिल होने की मांग करने लगी है। “मैंने पांच साल पहले कश्मीर घाटी में सेना को संबोधित करते हुए कहा था — हमें PoK पर हमला कर कब्जा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, वह खुद कहेगा, ‘मैं भी भारत हूं’। वह दिन दूर नहीं है।”
राजनाथ सिंह की यह यात्रा भारत की रक्षा और विदेश नीति दोनों के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। जहां एक ओर वह भारत की सैन्य ताकत को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर वह कूटनीतिक संतुलन के जरिए भारत के शांतिपूर्ण लेकिन निर्णायक चरित्र को सामने रख रहे हैं।
You may also like
शराब के नशे में तंग करता था देवर, भाभी ने बेटे संग लिया बदला!
iPhone पर अब तक का सबसे बड़ा डिस्काउंट! यहां मिल रहा ₹55,000 तक सस्ता
अकबर' की जमीन पर` विधायक का कब्जा, पत्नी के नाम करा लिया एग्रीमेंट; पीड़ित को थाने उठा ले गई पुलिस!,
अंबाती रायडू : विवादों में रहने वाला क्रिकेटर, जिसने मौका मिलने पर खुद को साबित किया
नववर्ष पर नेतन्याहू ने दी शुभकामनाएं, पूरी दुनिया के यहूदी समुदाय को दिया भरोसा-आप अकेले नहीं हैं