अगर आप बीयर के शौकीन हैं, तो यह खबर आपके लिए किसी सौगात से कम नहीं है। जैसे ही गर्मियों की तपिश बढ़ती है, वैसे ही बीयर की खपत में जबरदस्त इजाफा होता है। कई बार ऐसा भी होता है कि लोगों को उनका पसंदीदा ब्रांड बाजार में नहीं मिल पाता। लेकिन इस बार आपको ऐसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि गर्मियों में बीयर बेहद सस्ते दामों पर मिलने वाली है।
दरअसल, भारत और ब्रिटेन के बीच हाल ही में हुआ मुक्त व्यापार समझौता (FTA) बीयर प्रेमियों के लिए अच्छी खबर लेकर आया है। इस समझौते के तहत अब ब्रिटिश बीयर ब्रांड्स पर लगने वाला टैक्स 75% तक कम कर दिया गया है, जिससे इनकी कीमतों में बड़ी गिरावट आई है।
अब ब्रिटिश बीयर क्यों मिल रही है सस्ती?
अब तक भारत में ब्रिटिश बीयर पर करीब 150% टैक्स लगाया जाता था, जिससे इनकी कीमत काफी ज्यादा होती थी। लेकिन नए एफटीए समझौते के बाद यह टैक्स घटाकर 75% कर दिया गया है। इससे सीधे तौर पर कीमतों में भारी गिरावट आई है। यह न केवल बीयर प्रेमियों के लिए शानदार मौका है, बल्कि ब्रिटिश ब्रांड्स की भारत में मौजूदगी को भी मजबूत करेगा।
भारत में बीयर का बाजार कितना बड़ा है?
भारत में बीयर का बाजार लगातार बढ़ रहा है और यह देश के सबसे बड़े शराब बाजारों में गिना जाता है। साल 2024 में भारतीय बीयर बाजार का आकार करीब 50,000 करोड़ रुपये था और यह हर साल औसतन 8-10% की दर से विस्तार कर रहा है। शहरी क्षेत्रों में युवाओं की बढ़ती आबादी और बदलती जीवनशैली इसके पीछे के प्रमुख कारण हैं।
भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाले बीयर ब्रांड्स:
Kingfisher: यह भारत का सबसे लोकप्रिय और सबसे ज्यादा बिकने वाला बीयर ब्रांड है, जिसे यूनाइटेड ब्रेवरीज ग्रुप बनाता है।
Budweiser: यह एक अंतरराष्ट्रीय ब्रांड है, जो भारत में भी खासा लोकप्रिय है।
Heineken: यह प्रीमियम बीयर सेगमेंट में अच्छी पकड़ रखता है।
Carlsberg: खासकर उत्तर भारत में यह ब्रांड अपनी मजबूत बीयर के लिए जाना जाता है।
Bira 91: यह एक भारतीय क्राफ्ट बीयर ब्रांड है, जो युवाओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हुआ है।
कहां होती है बीयर की सबसे ज्यादा खपत?
भारत में बीयर की सबसे अधिक खपत दक्षिण भारत के राज्यों—कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में होती है। इसके अतिरिक्त, गोवा अपने खुले शराब कानूनों और पर्यटकों की वजह से बीयर खपत का एक प्रमुख केंद्र है। उत्तर भारत में दिल्ली और चंडीगढ़ जैसे शहरों में भी बीयर की मांग काफी अधिक है।
वाइन पर नहीं मिला कोई लाभ
जहां बीयर पर टैक्स में बड़ी राहत दी गई है, वहीं वाइन प्रेमियों को इस समझौते से कोई फायदा नहीं हुआ है। भारत सरकार ने ब्रिटिश वाइन पर किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी है। एफटीए के तहत सिर्फ बीयर पर सीमित आयात शुल्क में कटौती की गई है, जिससे वाइन की कीमतों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
स्कॉच व्हिस्की और कारें भी हुईं सस्ती
ब्रिटिश बीयर के साथ-साथ स्कॉच व्हिस्की और ब्रिटेन से आयातित कारों पर भी टैक्स में भारी कटौती की गई है। पहले इन पर 150% टैक्स लगता था, जिसे अब घटाकर 75% कर दिया गया है। इसके अलावा भारत से ब्रिटेन निर्यात होने वाले परिधान, चमड़े के सामान और अन्य उत्पादों पर भी शुल्क में कटौती की गई है, जिससे दोनों देशों के व्यापार को नई गति मिलेगी। एफटीए समझौते के तहत भारत ने कुछ कृषि उत्पादों जैसे डेयरी उत्पाद, सेब, पनीर, जई, पशु और वनस्पति तेल पर कोई आयात शुल्क में कमी नहीं की है। एक अधिकारी ने बताया कि इन उत्पादों पर आयात शुल्क में कटौती नहीं होगी, क्योंकि ये संवेदनशील कृषि उत्पाद हैं। साथ ही, व्यापार समझौते में इन उत्पादों को छूट दी गई है।
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