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केशव प्रसाद मौर्य का जयराम रमेश पर तंज, कांग्रेस की 'नैतिक जीत' पर राजनीति पंडित भी हैरान

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उपराष्ट्रपति चुनाव में भाजपा नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने विपक्षी गठबंधन INDIA अलायंस के प्रत्याशी रिटायर्ड जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को परास्त कर जीत हासिल की। चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि इस चुनाव में विपक्ष पूरी तरह एकजुट था और उसका प्रदर्शन सम्मानजनक रहा।

जयराम रमेश के इस बयान पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने तंज कसते हुए प्रतिक्रिया दी। मौर्य ने कहा कि कांग्रेस अब तक कई चुनावों में नैतिक विजय का रिकॉर्ड बना चुकी है और अपनी हर हार को ‘नैतिक जीत’ के रूप में प्रस्तुत करने में माहिर हो गई है। उन्होंने लिखा कि कांग्रेस के इस जज़्बे को आगे भी जारी रखना चाहिए, क्योंकि 2014 के बाद से कांग्रेस की नैतिक जीतें इतनी बढ़ गई हैं कि राजनीतिक और चुनावी पंडित भी इसे गिनने में भ्रमित हो गए हैं।

मौर्य ने आगे कहा कि इस उपराष्ट्रपति चुनाव में हार के बावजूद जयराम रमेश ने कांग्रेस की ‘नैतिक विजय’ का दावा दोहराया। उन्होंने यह भी जोड़ दिया कि कांग्रेस को अपनी इस लगातार बढ़ती नैतिक जीतों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योगदान का आभार मानना चाहिए, जिनके कारण पार्टी का यह रिकॉर्ड बन रहा है।

जयराम रमेश ने 10 सितंबर को लिखा था कि विपक्ष उपराष्ट्रपति चुनाव में पूरी तरह से संगठित था और संयुक्त उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने 40% वोट हासिल किए। उन्होंने याद दिलाया कि 2022 में विपक्ष को मात्र 26% वोट ही मिले थे। रमेश के अनुसार, भाजपा की अंकगणितीय जीत न केवल राजनीतिक बल्कि नैतिक दृष्टि से भी विपक्ष की हार को दर्शाती है, और वैचारिक लड़ाई अब भी जारी है।



अंततः चुनाव परिणाम में सीपी राधाकृष्णन को 452 वोट प्राप्त हुए, जबकि बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट ही मिले। इस जीत के साथ NDA की राजनीतिक पकड़ मजबूत दिखी, वहीं कांग्रेस की ‘नैतिक जीत’ पर आधारित व्यंग्य चर्चा का विषय बन गया।

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