वायरल प्रेस रिलीज में दावा किया गया कि इमरान खान की न्यायिक हिरासत में मौत हो गई है, और उनकी मौत की जांच की जा रही है। इस प्रेस रिलीज की फोटो ने सोशल मीडिया पर हड़कंप मचाया, जिससे उनके प्रशंसक और राजनीतिक हस्तियां भी चिंता व्यक्त करने लगे। लेकिन क्या ये खबर सच है? आइए जानते हैं इसके पीछे की असल सच्चाई।
इमरान खान की मौत की खबर क्यों है झूठी?
प्रेस रिलीज की तारीख की गड़बड़ी: आमतौर पर जब कोई प्रेस रिलीज जारी होती है, तो उसमें तारीख लिखी जाती है। लेकिन इस वायरल फोटो में तारीख की जगह एक सीरियल नंबर लिखा हुआ है, जो एक सामान्य प्रेस रिलीज में नहीं होता। यह एक महत्वपूर्ण संकेत है कि खबर झूठी हो सकती है।
आधिकारिक पुष्टि का अभाव: पाकिस्तान सरकार या किसी बड़े मीडिया संस्थान द्वारा इस खबर की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। ऐसे महत्वपूर्ण मामले में अगर कुछ सच होता, तो पाक सरकार या प्रमुख मीडिया हाउस इसे पहले प्रकाशित करते।
वर्तनी और व्याकरण की गलतियां: वायरल प्रेस रिलीज में वर्तनी और व्याकरण संबंधी गलतियां भी देखी जा सकती हैं, जो इसे एक गलत और झूठा दस्तावेज साबित करती हैं। यह और भी साबित करता है कि यह एक फर्जी खबर है।
तहरीक-ए-इंसाफ का बयान नहीं: इमरान खान की राजनीतिक पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ ने इस खबर पर कोई बयान जारी नहीं किया है, जबकि पार्टी को ऐसी झूठी खबर के बारे में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए थी। इसके अलावा, अगर इमरान खान की मौत होती, तो उनके पार्टी के प्रमुख नेताओं द्वारा तुरंत प्रतिक्रिया होती।
सोशल मीडिया पर फैली अफवाहें: सोशल मीडिया पर कभी-कभी ऐसी अफवाहें फैल जाती हैं, जो बिना किसी सच्चाई के होती हैं। यह भी हो सकता है कि कुछ लोग केवल इमरान खान की हालिया राजनीतिक स्थिति और जेल में सजा के कारण इस तरह की अफवाह फैलाने का प्रयास कर रहे हों।
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