लाइव हिंदी खबर :- चीन ने अपने तीसरे और सबसे उन्नत एयरक्राफ्ट कैरियर फुजियान को आधिकारिक रूप से नौसेना में शामिल कर लिया है। यह कदम न केवल चीन की सैन्य ताकत को नई ऊंचाई देता है, बल्कि हिंद महासागर और ताइवान स्ट्रेट में उसके दबदबे को भी और मजबूत करेगा। विश्लेषकों के मुताबिक यह विकास भारत समेत पूरे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए सामरिक चुनौती साबित हो सकता है।

फुजियान पूरी तरह चीन में विकसित स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर है। इसमें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैटापल्ट सिस्टम (EMALS) तकनीक लगी है, जिससे भारी स्टेल्थ फाइटर जेट जैसे J-35 विमानों को तेजी से उड़ान भरने में मदद मिलती है। इसका वजन करीब 80 हजार टन है और यह एक साथ 40 से अधिक विमानों को संचालित कर सकता है।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार फुजियान की तैनाती के बाद चीन की नौसेना अब हिंद महासागर, दक्षिण चीन सागर और ताइवान के आसपास की समुद्री सीमाओं में अपनी उपस्थिति को और आक्रामक बना सकेगी।
भारत के लिए पांच बड़ी चुनौतियां
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को अब अपनी नौसेना के आधुनिकीकरण और समुद्री निगरानी प्रणाली को और मजबूत करने की दिशा में तेजी से कदम उठाने होंगे ताकि चीन की बढ़ती समुद्री ताकत का प्रभाव संतुलित किया जा सके।
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