बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के गिरने के बाद से अराजकता की स्थिति बनी हुई है। राजनीतिक उथल-पुथल के बीच बुधवार रात सावर में हुए एक हमले में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के स्थानीय नेता की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए।
मारे गए शख्स की पहचान अबू सईद के रूप में हुई। वह बोंगा यूनियन बीएनपी के अंतर्गत वार्ड संख्या 4 के सहायक कार्यालय का सचिव था।
बांग्लादेशी मीडिया ने स्थानीय लोगों के हवाले से बताया कि बोंगा यूनियन बीएनपी के संगठन सचिव जाहिरउद्दीन बाबुल और स्थानीय निवासी जाकिर हुसैन के बीच राजनीतिक और व्यक्तिगत विवादों को लेकर लंबे समय से तनातनी चल रही थी।
आरोप है कि हाल ही में जाकिर हुसैन और उसके साथियों ने संगठन सचिव बाबुल पर हमला किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। कई दिनों तक अस्पताल में इलाज कराने के बाद बाबुल बुधवार को अपने घर लौटा। बाबुल की वापसी के साथ ही इलाके में फिर से तनाव का माहौल बन गया।
हालांकि, पुलिस ने दोनों पक्षों को शांति बनाए रखने के लिए कहा। बताया गया कि संगठन सचिव बाबुल अपने 10-12 समर्थकों के साथ रात करीब 9 बजे कोंडा बाजार से घर लौट रहा था। इस दौरान जाकिर ने अपने क्लब के सामने अचानक से बाबुल और उसके समर्थकों पर हमला कर दिया, जिसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
घायलों को आनन-फानन में सावर के इनाम मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने अबू सईद को मृत घोषित कर दिया। वहीं बाबुल और तीन अन्य लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया। पुलिस हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए अभियान चला रही है।
यह मामला तब सामने आया है, जब पूर्व पीएम खालिदा जिया के बेटे और बीएनपी के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान ने आगामी चुनाव में अपनी वापसी का ऐलान किया है।
बांग्लादेश में हाल के दिनों में पाकिस्तान और आईएसआई काफी सक्रिय हो चुके हैं। यूनुस सरकार ने सेना और डीजीआईएफ की जगह इस्लामिक रिवोल्यूशनरी आर्मी को लाने के लिए एक्शन तेज कर दिया है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार आईआरए की स्थापना के लिए पहले चरण का काम भी शुरू हो गया। आईआरए में जिन लोगों को शामिल किया जा रहा है, उन्हें आईएसआई ट्रेनिंग दे रहा है। अब तक 8850 लोगों की भर्ती या ट्रेनिंग दी गई है।
वहीं, दूसरी ओर बांग्लादेश में सेना के 15 अधिकारियों पर शिकंजा कस दिया गया है। बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने बुधवार को 15 सैन्य अधिकारियों को जेल भेजने का आदेश दिया। जिन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, वे शेख हसीन के करीबी माने जाते थे।
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