2025 की नीट यूजी परीक्षा मई में हुई, रिजल्ट जून में आया, काउंसलिंग जुलाई में शुरू हो गई। नवंबर बीत रहा है और नीट की काउंसलिंग अब तक चल रही है। तीन राउंड पूरे होने के बाद भी एमबीबीएस, बीडीएस जैसे कोर्सेस की 1200 से ज्यादा सीटें खाली रह गईं। ये आंकड़े खुद मेडिकल काउंसलिंग कमिटी (MCC) ने जारी किए। और ये आंकड़े तो सिर्फ नेशनल लेवल काउंसलिंग के हैं।
NEET UG: 1200 का आंकड़ा छोटा या बड़ा?हो सकता है कि कई लोगों को 1200 का आंकड़ा ज्यादा न लगे। लेकिन जब बात मेडिकल जैसे फील्ड की हो, MBBS, BDS और बीएससी नर्सिंग जैसे कोर्सेस की हो, जिसमें एडमिशन के लिए मारामारी जैसी स्थिति रहती है, तो ये नंबर छोटा तो कतई नहीं है। क्योंकि हम उसी नीट परीक्षा की बात कर रहे हैं जिसके लिए बच्चे जान तक दे देते हैं। डिप्रेशन में चले जाते हैं। तो फिर 3 राउंड के बाद भी इतनी सीटें खाली क्यों बच गईं?
नवभारतटाइम्स.कॉम ने इस बारे में एक्सपर्ट से बात की। उन्होंने इसके 5 मुख्य कारण बताए हैं। पहले आपको एमसीसी द्वारा जारी डेटा से बताते हैं कि कहां एमबीबीएस, बीडीएस की कितनी सीटें खाली बच गईं। फिर उन कारणों की चर्चा करेंगे।
MCC NEET: मेडिकल सीट वैकेंसीएमसीसी नीट यूजी काउंसलिंग 2025 के तीसरे राउंड के बाद देशभर में एमबीबीएस की 802 सीटें खाली रह गईं। इनमें से 389 सीटें नीट ऑल इंडिया कोटा की हैं, 334 डीम्ड यूनिवर्सिटीज की हैं और 38 सीटें अन्य सेंट्रल इंस्टिट्यूशंस की हैं। इसके अलावा 58 सीटें बीएससी नर्सिंग की और बाकी की 372 सीटें बीडीस (डेंटल) की हैं।
नीट यूजी: मेडिकल की सीट खाली क्यों?विद्यामंदिर क्लासेस की डॉ अदिती जैन ने बताया कि कई राउंड की काउंसलिंग के बाद भी कई एमबीबीएस और बीडीएस सीटें खाली रहने के ये 5 मुख्य कारण हैं-
गौरतलब है कि नीट यूजी 2025 काउंसलिंग स्ट्रे राउंड का रिजल्ट आज 12 नवंबर को जारी हो रहा है। मेडिकल काउंसलिंग कमिटी की वेबसाइट mcc.nic.in के जरिए इसे चेक किया जा सकता है। इस राउंड के सीट अलॉटमेंट के बाद कुछ सीटें और भरने की उम्मीद की जा रही है।
NEET UG: 1200 का आंकड़ा छोटा या बड़ा?हो सकता है कि कई लोगों को 1200 का आंकड़ा ज्यादा न लगे। लेकिन जब बात मेडिकल जैसे फील्ड की हो, MBBS, BDS और बीएससी नर्सिंग जैसे कोर्सेस की हो, जिसमें एडमिशन के लिए मारामारी जैसी स्थिति रहती है, तो ये नंबर छोटा तो कतई नहीं है। क्योंकि हम उसी नीट परीक्षा की बात कर रहे हैं जिसके लिए बच्चे जान तक दे देते हैं। डिप्रेशन में चले जाते हैं। तो फिर 3 राउंड के बाद भी इतनी सीटें खाली क्यों बच गईं?
नवभारतटाइम्स.कॉम ने इस बारे में एक्सपर्ट से बात की। उन्होंने इसके 5 मुख्य कारण बताए हैं। पहले आपको एमसीसी द्वारा जारी डेटा से बताते हैं कि कहां एमबीबीएस, बीडीएस की कितनी सीटें खाली बच गईं। फिर उन कारणों की चर्चा करेंगे।
MCC NEET: मेडिकल सीट वैकेंसीएमसीसी नीट यूजी काउंसलिंग 2025 के तीसरे राउंड के बाद देशभर में एमबीबीएस की 802 सीटें खाली रह गईं। इनमें से 389 सीटें नीट ऑल इंडिया कोटा की हैं, 334 डीम्ड यूनिवर्सिटीज की हैं और 38 सीटें अन्य सेंट्रल इंस्टिट्यूशंस की हैं। इसके अलावा 58 सीटें बीएससी नर्सिंग की और बाकी की 372 सीटें बीडीस (डेंटल) की हैं।
नीट यूजी: मेडिकल की सीट खाली क्यों?विद्यामंदिर क्लासेस की डॉ अदिती जैन ने बताया कि कई राउंड की काउंसलिंग के बाद भी कई एमबीबीएस और बीडीएस सीटें खाली रहने के ये 5 मुख्य कारण हैं-
- डीम्ड और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की फीस, जो काफी ज्यादा होती है।
- इन कॉलेजों की हेवी सर्विस बॉन्ड पेनाल्टी। जुर्माने की वो रकम जो आपको कॉलेज को देनी पड़ती है अगर आप बीच में सीट छोड़ते हैं।
- इन मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस पूरा करने में लगने वाला लंबा समय, जो 5 से 8 साल तक भी चला जाता है।
- नेशनल और स्टेट मेडिकल काउंसलिंग की एक-दूसरे से टकराती टाइमलाइन, जो स्टूडेंट्स को कन्फ्यूज करती है।
- लास्ट- कई स्टूडेंट्स मोटी फीस वाले कॉलेजों या लो रैंक वाले में दाखिला लेने की जगह दोबारा नीट एग्जाम देना प्रेफर करते हैं।
गौरतलब है कि नीट यूजी 2025 काउंसलिंग स्ट्रे राउंड का रिजल्ट आज 12 नवंबर को जारी हो रहा है। मेडिकल काउंसलिंग कमिटी की वेबसाइट mcc.nic.in के जरिए इसे चेक किया जा सकता है। इस राउंड के सीट अलॉटमेंट के बाद कुछ सीटें और भरने की उम्मीद की जा रही है।
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