जेईई मेन 2025 में जिन 24 कैंडिडेट्स को 100 पर्सेंटाइल स्कोर हासिल किया है, उसमें से 5 को ऑल इंडिया 1 रैंक हासिल हुई है, इनमें दिल्ली रीजन का दक्ष भी शामिल है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) इस एग्जाम को करवाती है और अलग- अलग शिफ्टों में यह एग्जाम होता है। अलग- अलग शिफ्ट में एग्जाम होने के कारण नॉर्मलाइजेशन का फॉर्मूला लागू होता है। एनटीए स्कोर अंकों के प्रतिशत के समान नहीं होता है बल्कि यह सामान्यीकृत यानी नॉर्मलाइजेशन वाला स्कोर होता है। 24 में से किन 5 कैंडिडेट को मिली 1st रैंक:जिन पांच कैंडिडेट को ऑल इंडिया रैंक 1 मिली है, उनमें दिल्ली का दक्ष शामिल है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल की महिला कैंडिडेट देवदत्ता माझी को भी नंबर वन रैंक मिली है। तेलंगाना के दो कैंडिडेट को पहली रैंक मिली है, जिनके नाम वी. अजय रेड्डी, बनी ब्राता माझी है। इसके अलावा राजस्थान से ओम प्रकाश बेहरा को भी पहली रैंक मिली है।दरअसल NTA के अधिकारियों से बात करने पर पता चला कि पहले 5 स्टूडेंट्स जिनको फर्स्ट रैंक मिली है उन्होंने 300 में से 300 अंक का स्कोर हासिल किया है, ऐसे में इन सभी छात्रों को फर्स्ट रैंक दी गई है क्योंकि इन पर टाईब्रेकिंग का फॉर्मूला लागू नहीं होता। इसके बाद दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा अंक जिस छात्र को मिले हैं उसे छठी (AIR 6) रैंक दी गई है। दूसरे 100 पर्सेंटाइल वाले छात्रों को क्या रैंक मिली?यूपी के श्रेयस लोहिया को छठी रैंक मिली है। महाराष्ट्र के आयुष रवि चौधरी व यूपी के कुशागरा बेंग्या को संयुक्त रूप से 7वीं रैंक मिली है। गुजरात के शिवेन विकास तोशनीवाल को 9वीं रैंक मिली है। राजस्थान के सक्षम जिंदल को 10वीं रैंक मिली है।इसके अलावा अर्णव सिंह को 11वी, सौरभ को 12वीं, ए. नंदी को 13वीं, आतिक प्रकाश को 14वीं, हर्ष ए गुप्ता को 15वीं, रजित गुप्ता को 16वीं, मो. अनस को 17वीं, सांई मनोगना को 18वीं, सांध्यि श्राफ को 19वीं, आयुष सिंघल को 20वीं, विषाद जैन को 21वीं, लक्ष्य शर्मा को 22वीं, हर्ष झा को 23वीं, कुशागरा गुप्ता को 24वीं रैंक मिली है। जेईई का टाईब्रेकर नियम क्या है?अगर दो कैंडिडेट का स्कोर एक जैसा होता है तो फिर टाइब्रेकर स्कोर के आधार पर रैंक तय होती है। जेईई मेन के टाई ब्रेकर नियम में सबसे पहले मैथ्स में एनटीए स्कोर को आधार बनाकर रैंक दी जाएगी। उसके बाद फिजिक्स, केमिस्ट्री का एनटीए स्कोर देखा जाएगा।तीनों सब्जेक्ट का एनटीए स्कोर कैलकुलेट करने के बाद भी कॉमन स्कोर रहता है तो फिर यह देखा जाएगा कि किन छात्रों ने ओवरऑल ज्यादा सही जवाब दिए हैं, उसके बाद भी कुछ कैंडिडेट बचते हैं तो मैथ्स में सही- गलत जवाब का रेश्यो, फिर फिजिक्स और उसके बाद केमिस्ट्री में यह रेश्यो देखा जाता है।हर कैंडिडेट के लिए स्कोर को 100 से 0 तक के पैमाने पर बदला जाता है। अलग- अलग शिफ्ट में होने के कारण ऐसा भी हो सकता है कि 295 स्कोर और 300 स्कोर वाले दोनों को ही 100 पर्सेंटाइल स्कोर मिले क्योंकि यह देखा जाता है कि किसी शिफ्ट में पेपर कैसा रहा है? साथ ही उस शिफ्ट में ऐवरेज स्कोर क्या होता है? जेईई मेन की परीक्षा में कुल 75 क्वेश्चन आए थे और हर क्वेश्चन के सही जवाब के लिए चार नंबर और गलत जवाब के लिए एक नंबर की नेगेटिव मार्किंग होती है।एनटीए के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि इंफर्मेशन बुलेटिन में दिए गए टाइब्रेकर नियम का प्रयोग भी किया गया है। छात्रों को पहले ही टाइब्रेकर नियम की सारी जानकारी दे दी गई थी। अधिकारी का कहना है कि सभी छात्रों को अपनी- अपनी रैंकिंग पता चल गई है। अब एनटीए की तैयारी मेडिकल और यूनिवर्सिटी एग्जाम की है।
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