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दिल्ली में शराब की बंपर बिक्री, बढ़ गया 12% राजस्व, साल भर की कमाई जान रह जाएंगे दंग

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नई दिल्लीः दिल्ली में शराब की नई नीति पर असमंजस बरकरार है लेकिन शराब की बिक्री का उसपर कोई असर नहीं पड़ा है। यही वजह है वित्तीय वर्ष 2025-26 में दिल्ली सरकार के आबकारी राजस्व के रूप 4,192.86 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई है, जो पिछले वर्ष इसी अवधि के 3,731.79 करोड़ की तुलना में करीब 12.3 फीसदी अधिक है। ये तब है जबकि दिल्ली कई पॉपुलर ब्रांड उपलब्ध नहीं है।



सरकार को हर महीने मिला 517 करोड़ का राजस्व

दिल्ली सरकार के मुताबिक मौजूद वित्तीय वर्ष में 30 सिंतबर तक प्राप्त राजस्व में 4,192.86 करोड़ के इस आंकड़े में वैट भी शामिल है। इस वर्ष हर महीने सरकार 517 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है जो कि पिछले वित्तीय वर्ष के 279 करोड़ रुपये की तुलना में दोगुना है। इसमें वैट शामिल नहीं है।



साल में 7,000 करोड़ के राजस्व का अनुमान

दिल्ली सरकार के लिए आबकारी विभाग से होने वाली आमदनी सरकार के राजस्व स्रोतों में प्रमुख स्थान रखती है। बजट 2025-26 में दिल्ली सरकार ने आबकारी मद से 7,000 करोड़ रुपये के राजस्व का अनुमान लगाया है। हालांकि, इस वृद्धि के बावजूद राजधानी में कई प्रीमियम शराब ब्रांड्स उपलब्ध नहीं है। एक वर्ग उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों की ओर रुख करता है।



बन रही नई शराब नीति

बता दें मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार नई आबकारी नीति लाने की तैयारी कर रही है। इस नीति का मकसद शराब की दुकानों को बेहतर बनाना और सुरक्षित माहौल देना है। नई आबकारी नीति के लिए पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी शराब कारोबारियों से बात कर रही है। इसके साथ ही सरकार चाहती है कि दिल्ली में शराब के दाम पड़ोसी राज्यों जैसे हों। इसके साथ ही घनी आबादी वाले इलाकों से दुकानों को हटाने पर विचार किया जा रहा है।

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