AI Vs Human: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आने के बाद से ही जॉब्स पर खतरा मंडरा रहा है। अलग-अलग रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि वाइट कॉलर जॉब्स को AI खत्म कर देगा। AI तकनीक इतनी एडवांस हो गई है, अब इसने कोडिंग करने वाले लोगों को भी पीछे छोड़ दिया है। हाल ही में AI ने कोडिंग के मामले में कोडर्स को पछाड़कर जीत हासिल की है। तकनीक की दुनिया में यह बड़ी बात मानी जा रही यही, क्योंकि अब AI इंसानों मे मुकाबले बेहतर कोडिंग कर सकता है।
टॉप यूनिवर्सिटीज की प्रोग्रामिंग टीमें हारींगूगल और OpenAI के AI सिस्टम ने इंटरनेशनल प्रोग्रामिंग प्रतियोगिताओं यानी 'कोडिंग ओलंपिक' में गोल्ड मेडल जीता है। गूगल की डीपमाइंड ने अपने जेमिनी 2.5 डीप थिंक मॉडल के साथ इंटरनेशनल कॉलेजिएट प्रोग्रामिंग कॉन्टेस्ट (ICPC) में गोल्ड मेडल जीता। जबकि OpenAI ने इंटरनेशनल ओलंपियाड इन इंफॉर्मेटिक्स (IOI) में गोल्ड मेडल हासिल किया। अजरबैजान के बाकू में आयोजित हुए ICPC वर्ल्ड फाइनल्स में दुनिया भर की टॉप यूनिवर्सिटीज की प्रोग्रामिंग टीमें शामिल हुईं। इस प्रतियोगिता में पांच घंटे के भीतर कठिन एल्गोरिदम समस्याओं को हल करना होता है। गूगल के जेमिनी 2.5 डीप थिंक मॉडल ने 12 में से 10 दिक्कतों का समाधान खोज निकाला।
अगस्त में हुए IOI में भी AI जीताइससे पहले अगस्त 2025 में आयोजित IOI में भी OpenAI के एआई सिस्टम ने गोल्ड मेडल जीता था। यह हाई स्कूल छात्रों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी प्रोग्रामिंग प्रतियोगिता है। इसमें OpenAI ने सभी 12 समस्याओं को हल किया, पिछले वर्षों में OpenAI की प्रणालियां इस स्तर तक पहुंचने चूक गई थीं, लेकिन इस बार GPT-5 मॉडल ने 11 प्रॉब्लम तो पहली कोशिश में ही हल कर दिए।
खुद से कोड लिखते हैं AI टूल्स बता दें कि पहले के AI टूल्स को प्रॉब्लम को कोड के रूप में समझाने की जरूरत पड़ती थी, लेकिन अब जेमिनी और GPT-5 जैसे मॉडल्स नेचुरल लैंग्वेज में काम करते हैं। ये मॉडल्स समस्याओं को समझते हैं, इनका समाधान निकालते हैं और खुद से कोड लिखते हैं। गूगल डीपमाइंड ने अपने मॉडल को रीइन्फोर्समेंट लर्निंग तकनीक से ट्रेन किया।
मैथ्स ओलंपियाड मे भी मारी थी बाजी AI सिर्फ प्रोग्रामिंग में झंडे नहीं गाड़ रहा, बल्कि बाकी चीजों में भी आगे बढ़ रहा है। गूगल डीपमाइंड ने जुलाई 2025 में इंटरनेशनल मैथमैटिकल ओलंपियाड (IMO) में भी गोल्ड मेडल जीता था। जबकि जेमिनी मॉडल ने छह में से पांच मैथमैटिकल प्रॉब्लम हल किए थे। इसका मतलब AI अब न केवल कोडिंग, बल्कि गणित जैसे क्षेत्रों में भी इंसानों को टक्कर दे सकता है।
टॉप यूनिवर्सिटीज की प्रोग्रामिंग टीमें हारींगूगल और OpenAI के AI सिस्टम ने इंटरनेशनल प्रोग्रामिंग प्रतियोगिताओं यानी 'कोडिंग ओलंपिक' में गोल्ड मेडल जीता है। गूगल की डीपमाइंड ने अपने जेमिनी 2.5 डीप थिंक मॉडल के साथ इंटरनेशनल कॉलेजिएट प्रोग्रामिंग कॉन्टेस्ट (ICPC) में गोल्ड मेडल जीता। जबकि OpenAI ने इंटरनेशनल ओलंपियाड इन इंफॉर्मेटिक्स (IOI) में गोल्ड मेडल हासिल किया। अजरबैजान के बाकू में आयोजित हुए ICPC वर्ल्ड फाइनल्स में दुनिया भर की टॉप यूनिवर्सिटीज की प्रोग्रामिंग टीमें शामिल हुईं। इस प्रतियोगिता में पांच घंटे के भीतर कठिन एल्गोरिदम समस्याओं को हल करना होता है। गूगल के जेमिनी 2.5 डीप थिंक मॉडल ने 12 में से 10 दिक्कतों का समाधान खोज निकाला।
अगस्त में हुए IOI में भी AI जीताइससे पहले अगस्त 2025 में आयोजित IOI में भी OpenAI के एआई सिस्टम ने गोल्ड मेडल जीता था। यह हाई स्कूल छात्रों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी प्रोग्रामिंग प्रतियोगिता है। इसमें OpenAI ने सभी 12 समस्याओं को हल किया, पिछले वर्षों में OpenAI की प्रणालियां इस स्तर तक पहुंचने चूक गई थीं, लेकिन इस बार GPT-5 मॉडल ने 11 प्रॉब्लम तो पहली कोशिश में ही हल कर दिए।
खुद से कोड लिखते हैं AI टूल्स बता दें कि पहले के AI टूल्स को प्रॉब्लम को कोड के रूप में समझाने की जरूरत पड़ती थी, लेकिन अब जेमिनी और GPT-5 जैसे मॉडल्स नेचुरल लैंग्वेज में काम करते हैं। ये मॉडल्स समस्याओं को समझते हैं, इनका समाधान निकालते हैं और खुद से कोड लिखते हैं। गूगल डीपमाइंड ने अपने मॉडल को रीइन्फोर्समेंट लर्निंग तकनीक से ट्रेन किया।
मैथ्स ओलंपियाड मे भी मारी थी बाजी AI सिर्फ प्रोग्रामिंग में झंडे नहीं गाड़ रहा, बल्कि बाकी चीजों में भी आगे बढ़ रहा है। गूगल डीपमाइंड ने जुलाई 2025 में इंटरनेशनल मैथमैटिकल ओलंपियाड (IMO) में भी गोल्ड मेडल जीता था। जबकि जेमिनी मॉडल ने छह में से पांच मैथमैटिकल प्रॉब्लम हल किए थे। इसका मतलब AI अब न केवल कोडिंग, बल्कि गणित जैसे क्षेत्रों में भी इंसानों को टक्कर दे सकता है।
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