अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की कुलपति प्रो. नईमा खातून अपने पद पर बनी रहेंगी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उनकी नियुक्ति को सही ठहराया है। कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उनकी नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था। नौ अप्रैल को इस मामले पर फैसला सुरक्षित रखा गया था। अब कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि नियुक्ति प्रक्रिया में कुछ नियमों का पालन नहीं किया गया। जेएन मेडिकल कॉलेज के प्रो. मुजाहिद बेग ने यह याचिका दायर की थी। प्रो. बेग का आरोप था कि कार्यवाहक कुलपति प्रो. मोहम्मद गुलरेज की पत्नी प्रो. नईमा खातून को कुलपति बनाने के लिए नियमों को तोड़ा गया। कार्यवाहक कुलपति चयन प्रक्रिया की अध्यक्षता कर रहे थे. उसी दौरान उनकी पत्नी प्रो. नईमा खातून भी इस पद के लिए दावेदार थीं। इसलिए यह गलत है। कई याचिकाएं दायर की गई थींकुछ अन्य लोगों ने भी इस मामले में याचिकाएं दायर की थीं। इन सभी याचिकाओं को एक साथ जोड़ दिया गया था। हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 23 नवंबर, 2023 से शुरू हुई थी। भारत सरकार और अन्य लोग इस मामले में प्रतिवादी थे। अब कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद प्रो. नईमा खातून के पक्ष में फैसला सुनाया है। वहीं, याचिकाकर्ता प्रो. मुजाहिद बेग का कहना है कि वे कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। वे आगे क्या करेंगे, इस बारे में बाद में फैसला लेंगे।
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