नई दिल्ली: वैश्विक संस्था फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स (FATF)ने आपराधिक तरीकों से जुटाई गई संपत्ति की रिकवरी और पीड़ितों तक उसे पहुंचाने के बारे में अपनी लेटेस्ट रिपार्ट में भारत के कदमों की सराहना की है। रिपोर्ट में रोज वैली स्कैम केस में 538 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त किए जाने और इसे 75000 से अधिक पीड़ितों तक पहुंचाने सहित भारत के कई मामलों का जिक्र किया गया है। FATF के संशोधित मानक तैयार करने में भारत की ओर से एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट ने योगदान किया।
FATF ने 'असेट रिकवरी गाइडेंस एंड बेस्ट प्रैक्टिसेज' रिपोर्ट में ऐसे उपायों पर फोकस किया है, जिनके जरिए वित्तीय अपराधों से जुड़ी संपत्ति की रिकवरी के लिए वैश्विक स्तर पर तालमेल बेहतर किया जा सकता है। इसमें कहा गया है कि तमाम देशों को इस गाइडेंस को मानक बनाकर असेट रिकवरी की एक पॉलिसी बनानी चाहिए और पीड़ितों की रक्षा के उपाय करने चाहिए।
रिपोर्ट में क्या-क्या है?
FATF ने 'असेट रिकवरी गाइडेंस एंड बेस्ट प्रैक्टिसेज' रिपोर्ट में ऐसे उपायों पर फोकस किया है, जिनके जरिए वित्तीय अपराधों से जुड़ी संपत्ति की रिकवरी के लिए वैश्विक स्तर पर तालमेल बेहतर किया जा सकता है। इसमें कहा गया है कि तमाम देशों को इस गाइडेंस को मानक बनाकर असेट रिकवरी की एक पॉलिसी बनानी चाहिए और पीड़ितों की रक्षा के उपाय करने चाहिए।
रिपोर्ट में क्या-क्या है?
- रिपोर्ट में भारत के मेसर्स एग्री गोल्ड से जुड़े इनवेस्टमेंट फ्रॉड केस का उदाहरण दिया गया है, जिसमें ED और आंध्र प्रदेश स्टेट क्राइम इनवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट ने एक्शन लिया था। इसमें 6000 करोड़ रुपये की संपत्ति पीड़ितों को लौटाई गई। इसी तरह मेसर्स IREO ग्रुप के मामले में 1777 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जब्त की गई। यह संपत्ति विदेश में ट्रांसफर कर दिए गए पैसे के बराबर थी। FATF कहा कि ये मामले वैल्यू बेस्ड एक्शन के उदाहरण हैं।
- अपराधियों से जब्त संपत्ति पीड़ितों तक पहुंचाने के मामले के रूप में FATF ने रोज वैली स्कीम केस का उदाहरण दिया है, जिसमें सिक्योर्ड डिबेंचर्स के जरिए लोगों से जुटाया गया फंड शेल कंपनियों में लगा दिया गया था। ED ने संपत्ति जब्त की और हाई कोर्ट के निर्देश के अनुसार कदम उठाए। इससे 538 करोड़ रुपये 75000 से अधिक निवेशकों को लौटाए जा सके।
- रिपोर्ट में तेजी से उठाए गए कदमों का हवाला देते हुए बिटकनेक्ट पोंजी स्कीम मामले का जिक्र किया गया है। इसमें ED ने करीब 1646 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरंसीज जब्त की थीं, जिन्हें एक कोल्ड वॉलेट में रखा गया। साथ ही, 489 करोड़ रुपये की अतिरिक्त चल-अचल संपत्ति भी जब्त की गई।
- वहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग के उदाहरण के रूप में बनमीत सिंह और अन्य के मामले का जिक्र किया गया है, जिसमें अमेरिका ने ड्रग ट्रैफिकिंग और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी जांच में दो भारतीयों के खिलाफ एक्शन में भारत से कानूनी मदद का अनुरोध किया था। इस पर एक्शन लेते हुए ED ने सर्च ऑपरेशन चलाया और करीब 130 करोड़ रुपये के 268.22 बिटकॉइंस और 11 लाख डॉलर की अचल संपत्ति भी जब्त की।
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