सागर: दुनिया के सबसे खतरनाक जहरीले सांप 'रसेल वाइपर' ने एक घर में 4 दर्जन से अधिक 'सपोलों' को जन्म दिया है। जब नजर पड़ी तो स्नेक कैचर के भी होश उड़ गए। दरअसल वे सांप को रेस्क्यू करके लाए थे और प्लास्टिक के डिब्बे में बंद करके रखा था। सुबह डिब्बे के अंदर रसेल वाइपर की पूरी कॉलोनी रेंग रही थी।
दरअसल MP के सागर में स्नेक कैचर अकील बाबा ने बीते दिनों बेहद जहरीले प्रजाति के 'रसेल वाइपर' सांप का रेस्कयू किया था। उसे प्लास्टिक के डिब्बे में रखकर वे घर ले आए थे, ताकि दूसरे दिन बाकी सांपों के साथ उसे जंगल में छोड़ देंगे। सुबह जब उन्होंने डिब्बे में देखा तो आंखें फटी रह गईं। डिब्बे में कई दर्जन सपोले रेंग रहे थे। रसेल वाइपर सांप ने करीब 4 दर्जन से अधिक सपोलों को जन्म दिया था। यह दूसरा मौका था, जब उनके यहां किसी सांप ने बच्चों को जन्म दिया था।
कई सपोले तो सांप के वजन से मर गए थे
अकील बाबा के अनुसार डिब्बे में रसेल वाइपर द्वारा बच्चों को जन्म दिए जाने के बाद उन्होंने बड़ी सावधानी से 'मादा रसेल वाइपर' को उस डिब्बे से निकालकर दूसरे डिब्बे में शिफ्ट किया। जिस डिब्बे में सपोलों को जन्म दिया था उसमें करीब एक दर्जन सपोले मादा सांप के वजन से दबकर मर गए थे। जिंदा सपोलों को सावधानी के साथ दूसरे साफ डिब्बे में शिफ्ट किया था। बाद में इन सभी को आबादी से दूर एकांत जंगल में आजाद कर दिया था।
मुझे नहीं पता था वह 'मादा' सांप है
स्नेक कैचर अकील बाबा ने बताया कि जब सांप का लोधीपुरा से रेस्क्यू किया था। उस समय उन्हें नहीं पता था कि वह मादा है और पेट में बच्चे लिए है। उन्होंने तो सामान्य रसेल वाइपर की तरह उसका रेस्क्यू कर डिब्बे में रख लिया था कि सुबह छोड़ आएंगे। क्या पता था उसके पेट में सपोलों के रूप में 'मौत की कॉलोनी' पल रही है।
रसेल वाइपर 'अंडे' नहीं देता, सीधे 'सपोलों' का जन्म होता है
अकील बाबा के अनुसार दुनिया में बहुत कम प्रजाति के सांप हैं जो अंडे नहीं देते, सीधे बच्चों को जन्म देते हैं। इनमें भारत में रसेल वाइपर (डाबोइया रसेली) प्रजाति और गढ़ेता सांप ही बच्चे देता है। बाकी सभी सांप अंडे देते हैं। सबसे खास बात रसेल वाइपर सांप एक बार में 3 दर्जन से 6 दर्जन सपोलों तक को जन्म दे सकता है।
रसेल वाइपर के बच्चों में जन्मजात जहर होता है
रसेल वाइपर सांप और सपोलों के बारे में एक और खतरनाक बात स्नेक कैचर बताते हैं। अकील बाबा के अनुसार कुछ सांपों के बच्चों में जन्म के तुरंत बाद नहीं होता, लेकिन रसेल वाइपर सांप के सपोलों में जन्म के साथ ही जहर होता है। यह सपोले भी यदि किसी को डस लें या दांत मार दें तो भी इंसान मर सकता है। प्रकृति ने इन्हें जन्म के साथ ही घातक जहर दिया है। इसलिए भी यह काफी खतरनाक प्रजाति मानी जाती है।
इंडिया में बिग फोर में शामिल रसेल वाइपर सांप
वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार रसेल वाइपर सांप बहुत ही जहरीला होता है। यह खेतों, मिट्टी वाली जगह झाड़ियों के आसपास और आबादी वाले इलाकों में पाया जाता है। यह इंडिया के बिग-4 अर्थात चार सबसे बड़े और जहरीले सांपों में शामिल है। सामान्यता: यह पीले—भूरे रंग, शरीर पर डार्क भूरे रंग के धब्बे होते हैं। धब्बों के चारों तरफ सफेद या पीले रंग की लाइन भी नजर आती है। इसमें हीमोटॉक्सिक जहर पाया जाता है, जिसकी एक बूंद ही इंसान के शरीर में खून का थकका जमा देती है।
दरअसल MP के सागर में स्नेक कैचर अकील बाबा ने बीते दिनों बेहद जहरीले प्रजाति के 'रसेल वाइपर' सांप का रेस्कयू किया था। उसे प्लास्टिक के डिब्बे में रखकर वे घर ले आए थे, ताकि दूसरे दिन बाकी सांपों के साथ उसे जंगल में छोड़ देंगे। सुबह जब उन्होंने डिब्बे में देखा तो आंखें फटी रह गईं। डिब्बे में कई दर्जन सपोले रेंग रहे थे। रसेल वाइपर सांप ने करीब 4 दर्जन से अधिक सपोलों को जन्म दिया था। यह दूसरा मौका था, जब उनके यहां किसी सांप ने बच्चों को जन्म दिया था।
कई सपोले तो सांप के वजन से मर गए थे
अकील बाबा के अनुसार डिब्बे में रसेल वाइपर द्वारा बच्चों को जन्म दिए जाने के बाद उन्होंने बड़ी सावधानी से 'मादा रसेल वाइपर' को उस डिब्बे से निकालकर दूसरे डिब्बे में शिफ्ट किया। जिस डिब्बे में सपोलों को जन्म दिया था उसमें करीब एक दर्जन सपोले मादा सांप के वजन से दबकर मर गए थे। जिंदा सपोलों को सावधानी के साथ दूसरे साफ डिब्बे में शिफ्ट किया था। बाद में इन सभी को आबादी से दूर एकांत जंगल में आजाद कर दिया था।
मुझे नहीं पता था वह 'मादा' सांप है
स्नेक कैचर अकील बाबा ने बताया कि जब सांप का लोधीपुरा से रेस्क्यू किया था। उस समय उन्हें नहीं पता था कि वह मादा है और पेट में बच्चे लिए है। उन्होंने तो सामान्य रसेल वाइपर की तरह उसका रेस्क्यू कर डिब्बे में रख लिया था कि सुबह छोड़ आएंगे। क्या पता था उसके पेट में सपोलों के रूप में 'मौत की कॉलोनी' पल रही है।
रसेल वाइपर 'अंडे' नहीं देता, सीधे 'सपोलों' का जन्म होता है
अकील बाबा के अनुसार दुनिया में बहुत कम प्रजाति के सांप हैं जो अंडे नहीं देते, सीधे बच्चों को जन्म देते हैं। इनमें भारत में रसेल वाइपर (डाबोइया रसेली) प्रजाति और गढ़ेता सांप ही बच्चे देता है। बाकी सभी सांप अंडे देते हैं। सबसे खास बात रसेल वाइपर सांप एक बार में 3 दर्जन से 6 दर्जन सपोलों तक को जन्म दे सकता है।
रसेल वाइपर के बच्चों में जन्मजात जहर होता है
रसेल वाइपर सांप और सपोलों के बारे में एक और खतरनाक बात स्नेक कैचर बताते हैं। अकील बाबा के अनुसार कुछ सांपों के बच्चों में जन्म के तुरंत बाद नहीं होता, लेकिन रसेल वाइपर सांप के सपोलों में जन्म के साथ ही जहर होता है। यह सपोले भी यदि किसी को डस लें या दांत मार दें तो भी इंसान मर सकता है। प्रकृति ने इन्हें जन्म के साथ ही घातक जहर दिया है। इसलिए भी यह काफी खतरनाक प्रजाति मानी जाती है।
इंडिया में बिग फोर में शामिल रसेल वाइपर सांप
वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार रसेल वाइपर सांप बहुत ही जहरीला होता है। यह खेतों, मिट्टी वाली जगह झाड़ियों के आसपास और आबादी वाले इलाकों में पाया जाता है। यह इंडिया के बिग-4 अर्थात चार सबसे बड़े और जहरीले सांपों में शामिल है। सामान्यता: यह पीले—भूरे रंग, शरीर पर डार्क भूरे रंग के धब्बे होते हैं। धब्बों के चारों तरफ सफेद या पीले रंग की लाइन भी नजर आती है। इसमें हीमोटॉक्सिक जहर पाया जाता है, जिसकी एक बूंद ही इंसान के शरीर में खून का थकका जमा देती है।
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