नोएडा: उत्तर प्रदेश में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण पिछले साल 29 सितंबर तक पूरा होना था, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया है। फिर इसके 30 अक्टूबर का उद्घाटन करने की डेट आयी। अब सूचना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 नवंबर के बाद इसका उद्घाटन कर सकते हैं। अब तक इसके उद्घाटन की तीन डेट निकल चुकी हैं। एयरपोर्ट ने उद्घाटन की दिशा में एक और जरूरी कदम बढ़ा दिया है।
दरअसल एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) की कैलिब्रेशन फ्लाइट बीते मंगलवार सुबह रनवे-28 (दूसरा छोर) पर उतरी। फ्लाइट ने इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) को कैलिब्रेट कर लिया। इसके जरिये एयर नेविगेशन कम्युनिकेशन व सिस्टम्स, इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम और रडार की जांच की। दो चरणों की यह प्रक्रिया पूरी हो गई। यह फ्लाइट आईजीआई दिल्ली से आई थी। इसके जरिये लोकलाइज़र और ग्लाइड पाथ सिस्टम का सफल ट्रायल हो गया।
पीएम मोदी की जनसभा को लेकर पुलिस अलर्ट मोड पर
रनवे के लिए प्रेसिजन अप्रोच पाथ इंडिकेटर लाइटों को भी परखा गया। अब नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को रिपोर्ट भेजी जाएगी। इससे पहले शुक्रवार को नोएडा एयरपोर्ट के रनवे 10 की तरफ से फ्लाइट उतरी थी। वहीं एयरपोर्ट के उद्घाटन पर होने वाली प्रधानमंत्री की जनसभा को लेकर पुलिस अलर्ट मोड पर है। मंगलवार को एडीसीपी संतोष कुमार और अन्य अफसरों ने जनसभा स्थल, पार्किंग स्थल, एयरपोर्ट परिसर का निरीक्षण किया।
जेवर एयरपोर्ट का लगभग 95 प्रतिशत से ज्यादा का काम
पूरा वर्तमान स्थिति की बात करें तो एयरपोर्ट का लगभग फाइनल चुका है। इस समय एयरपोर्ट पर ऑपरेशनल रेडीनेस एंड एयरपोर्ट ट्रांसफर (ORAT) प्रोग्राम चल रहा है। इसके तहत बैगेज सिस्टम, सुरक्षा जांच, चेक-इन काउंटर और बोर्डिंग गेट्स जैसी सुविधाओं का बार-बार ट्रायल किया जा रहा है।
एयरपोर्ट का आकार और प्लानिंग
दिल्ली से करीब 75 किलोमीटर दूर जेवर एयरपोर्ट 2019 में शुरू हुआ था और कोविड की मुश्किलों के बावजूद इसका काम तेजी से चलता रहा। इसे चार फेज में बनाया जा रहा है। पहले फेज में एक रनवे और एक पैसेंजर टर्मिनल तैयार हो चुका है, जिसकी क्षमता सालाना 1.2 करोड़ यात्रियों को संभालने की है। पूरा बनने के बाद 2050 तक ये देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा, जो 7 करोड़ यात्रियों को संभाल पाएगा।
कार्गो हब भी तैयार
नोएडा एयरपोर्ट में सिर्फ यात्री ही नहीं बल्कि कार्गो की भी पूरी सुविधा होगी। एयर इंडिया SATS (AISATS) ने यहां मल्टी-मॉडल कार्गो हब का काम पूरा कर लिया है, जो एयरपोर्ट के साथ ही ऑपरेशनल हो जाएगा। इससे व्यापार और लॉजिस्टिक्स को बड़ी ताकत मिलेगी।
खासियत भी जान लीजिए
1,334 हेक्टेयर में फैले नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण में एक रनवे और एक टर्मिनल होगा। यह सालाना 1.2 करोड़ यात्रियों को हैंडल कर सकता है। पहला चरण अगले साल अप्रैल में शुरू होने की उम्मीद है। इसका विकास चार चरणों में किया जाएगा। सभी चरणों के पूरा होने पर एयरपोर्ट सालाना सात करोड़ पैसेंजर्स को हैंडल कर सकता है। इस एयरपोर्ट को एक स्विस कंपनी ही बना रही है। इसमें 1 लाख वर्गमीटर में फैले टर्मिनल भवन में 28 विमान स्टैंड होंगे। इसके अतिरिक्त, 40 एकड़ में एक रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल हब और 80 एकड़ में एक मल्टी-मॉडल कार्गो हब बनाया जाएगा।
दरअसल एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) की कैलिब्रेशन फ्लाइट बीते मंगलवार सुबह रनवे-28 (दूसरा छोर) पर उतरी। फ्लाइट ने इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) को कैलिब्रेट कर लिया। इसके जरिये एयर नेविगेशन कम्युनिकेशन व सिस्टम्स, इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम और रडार की जांच की। दो चरणों की यह प्रक्रिया पूरी हो गई। यह फ्लाइट आईजीआई दिल्ली से आई थी। इसके जरिये लोकलाइज़र और ग्लाइड पाथ सिस्टम का सफल ट्रायल हो गया।
पीएम मोदी की जनसभा को लेकर पुलिस अलर्ट मोड पर
रनवे के लिए प्रेसिजन अप्रोच पाथ इंडिकेटर लाइटों को भी परखा गया। अब नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को रिपोर्ट भेजी जाएगी। इससे पहले शुक्रवार को नोएडा एयरपोर्ट के रनवे 10 की तरफ से फ्लाइट उतरी थी। वहीं एयरपोर्ट के उद्घाटन पर होने वाली प्रधानमंत्री की जनसभा को लेकर पुलिस अलर्ट मोड पर है। मंगलवार को एडीसीपी संतोष कुमार और अन्य अफसरों ने जनसभा स्थल, पार्किंग स्थल, एयरपोर्ट परिसर का निरीक्षण किया।
जेवर एयरपोर्ट का लगभग 95 प्रतिशत से ज्यादा का काम
पूरा वर्तमान स्थिति की बात करें तो एयरपोर्ट का लगभग फाइनल चुका है। इस समय एयरपोर्ट पर ऑपरेशनल रेडीनेस एंड एयरपोर्ट ट्रांसफर (ORAT) प्रोग्राम चल रहा है। इसके तहत बैगेज सिस्टम, सुरक्षा जांच, चेक-इन काउंटर और बोर्डिंग गेट्स जैसी सुविधाओं का बार-बार ट्रायल किया जा रहा है।
एयरपोर्ट का आकार और प्लानिंग
दिल्ली से करीब 75 किलोमीटर दूर जेवर एयरपोर्ट 2019 में शुरू हुआ था और कोविड की मुश्किलों के बावजूद इसका काम तेजी से चलता रहा। इसे चार फेज में बनाया जा रहा है। पहले फेज में एक रनवे और एक पैसेंजर टर्मिनल तैयार हो चुका है, जिसकी क्षमता सालाना 1.2 करोड़ यात्रियों को संभालने की है। पूरा बनने के बाद 2050 तक ये देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा, जो 7 करोड़ यात्रियों को संभाल पाएगा।
कार्गो हब भी तैयार
नोएडा एयरपोर्ट में सिर्फ यात्री ही नहीं बल्कि कार्गो की भी पूरी सुविधा होगी। एयर इंडिया SATS (AISATS) ने यहां मल्टी-मॉडल कार्गो हब का काम पूरा कर लिया है, जो एयरपोर्ट के साथ ही ऑपरेशनल हो जाएगा। इससे व्यापार और लॉजिस्टिक्स को बड़ी ताकत मिलेगी।
खासियत भी जान लीजिए
1,334 हेक्टेयर में फैले नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण में एक रनवे और एक टर्मिनल होगा। यह सालाना 1.2 करोड़ यात्रियों को हैंडल कर सकता है। पहला चरण अगले साल अप्रैल में शुरू होने की उम्मीद है। इसका विकास चार चरणों में किया जाएगा। सभी चरणों के पूरा होने पर एयरपोर्ट सालाना सात करोड़ पैसेंजर्स को हैंडल कर सकता है। इस एयरपोर्ट को एक स्विस कंपनी ही बना रही है। इसमें 1 लाख वर्गमीटर में फैले टर्मिनल भवन में 28 विमान स्टैंड होंगे। इसके अतिरिक्त, 40 एकड़ में एक रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल हब और 80 एकड़ में एक मल्टी-मॉडल कार्गो हब बनाया जाएगा।
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