नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने एक जुवेनाइल को 2017 में 60 साल की महिला के साथ बलात्कार और हत्या का दोषी पाया है। अदालत ने इस बात पर हैरानी जताई कि उसने मृतका के शरीर के हर हिस्से पर लोहे की छड़ से वार किया और उसे बेरहमी से उसके शरीर के निजी हिस्से में डाल दिया। सजा के मुद्दे पर आदेश बाद में सुनाया जाएगा। मामले की सुनवाई अडिशनल सेशन जज अमित सहरावत ने की। जुवेनाइल के खिलाफ रेप और हत्या के दंडनीय अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया था।
महिला को लोहे की छड़ से किया था घायल जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ( जेजेबी ) 2018 में इस नतीजे पर पहुंची थी कि 16 से 18 साल की उम्र के सीसीएल (बाल अपराधी) पर एक वयस्क (एडल्ट) के रूप में मुकदमा चलाया जाना जरूरी है, जिसके बाद मामले को मौजूदा पॉक्सो अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया था। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, जुवेनाइल ने 11 नवंबर, 2017 की दोपहर में महिला को लोहे की छड़ से घायल किया और फिर उसके साथ रेप की कोशिश की। अपराध होता देख एक सिक्योरिटी गार्ड ने शोर मचाया, जिसके बाद आरोपी को पकड़ लिया गया।
जुवेनाइल को रेप का दोषी ठहराया28 अक्टूबर को सुनाए गए फैसले में अदालत ने साफ किया कि उसने इस मामले में जुवेनाइल को रेप का दोषी क्यों ठहराया। अदालत ने कहा कि भले ही अभियोजन पक्ष के गवाह सुरक्षा गार्ड के बयानों से मृतका के निजी अंगों में सरिया डालने के बारे में कोई साफ ब्योरा नहीं मिला, फिर भी मृतका के प्राइवेट पार्ट में मैटेलिक छड़ डालने की हरकत रेप मानी जाएगी। अदालत ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसके अनुसार मृतका के हर अंग पर भारी धातु की छड़ से कई बाहरी चोटें पहुंचाई गई थी, जिनमें उसका चेहरा, गर्दन का पिछला हिस्सा, सिर का पिछला हिस्सा, चेहरा, छाती, बांह, कोहनी, कलाई, सिर, बाह, उंगली, प्राइवेट पार्ट और घुटना शामिल थे।
महिला को लोहे की छड़ से किया था घायल जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ( जेजेबी ) 2018 में इस नतीजे पर पहुंची थी कि 16 से 18 साल की उम्र के सीसीएल (बाल अपराधी) पर एक वयस्क (एडल्ट) के रूप में मुकदमा चलाया जाना जरूरी है, जिसके बाद मामले को मौजूदा पॉक्सो अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया था। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, जुवेनाइल ने 11 नवंबर, 2017 की दोपहर में महिला को लोहे की छड़ से घायल किया और फिर उसके साथ रेप की कोशिश की। अपराध होता देख एक सिक्योरिटी गार्ड ने शोर मचाया, जिसके बाद आरोपी को पकड़ लिया गया।
जुवेनाइल को रेप का दोषी ठहराया28 अक्टूबर को सुनाए गए फैसले में अदालत ने साफ किया कि उसने इस मामले में जुवेनाइल को रेप का दोषी क्यों ठहराया। अदालत ने कहा कि भले ही अभियोजन पक्ष के गवाह सुरक्षा गार्ड के बयानों से मृतका के निजी अंगों में सरिया डालने के बारे में कोई साफ ब्योरा नहीं मिला, फिर भी मृतका के प्राइवेट पार्ट में मैटेलिक छड़ डालने की हरकत रेप मानी जाएगी। अदालत ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसके अनुसार मृतका के हर अंग पर भारी धातु की छड़ से कई बाहरी चोटें पहुंचाई गई थी, जिनमें उसका चेहरा, गर्दन का पिछला हिस्सा, सिर का पिछला हिस्सा, चेहरा, छाती, बांह, कोहनी, कलाई, सिर, बाह, उंगली, प्राइवेट पार्ट और घुटना शामिल थे।
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