गाजियाबाद: मेट्रो, नमो भारत और एलिवेटेड रोड कॉरिडोर के आसपास घर बनाने के लिए जीडीए ने विशेष सुविधाओं के लिए शुल्क (फीस) तय करने के लिए एक कमिटी बनाई है। कमिटी तय करेगी कि यह शुल्क कहां-कहां से लिया जाएगा और इसकी दर क्या होगी। अभी तक जीडीए मेट्रो सेस, मेट्रो स्टेशन सेस और एलिवेटेड सेस अलग-अलग एक ही नक्शे पर वसूलता था।
मेट्रो सेस सर्कल रेट का 15 फीसदी लिया जाता था जबकि मेट्रो स्टेशन सेस 420 रुपये प्रति वर्ग मीटर और एलिवेटेड सेस 834 रुपए प्रति वर्ग मीटर लिया जाता है। अब इसके स्थान पर केवल एक शुल्क विशेष सुख सुविधा शुल्क की वसूली होगी। अधिकारियों ने बताया कि यह फैसला उत्तर प्रदेश सरकार के एक नोटिफिकेशन के बाद लिया गया है।
ऐसे तय होगा शुल्क
नए नियमों के अनुसार जब कोई विकास या बिल्डिंग परमिशन के लिए आवेदन करेगा तो उससे विशेष शुल्क लिया जाएगा। शुल्क कुल एरिया को तयशुदा दरों से गुणा करके निकाला जाएगा। यह विकास शुल्क का 25 फीसदी से ज्यादा नहीं होगा। शुल्क की असली दर और कितने समय तक इसे इकट्ठा करना है, यह सब एक बोर्ड तय करेगा।
शुल्क जमा करने के नियम
आवेदकों को यह शुल्क बिल्डिंग परमिशन मिलने से पहले पूरा जमा करना होगा। हालांकि 10,000 वर्ग मीटर से ज्यादा बड़े प्लॉट के लिए GDA के वीसी किस्तों में भुगतान की अनुमति दे सकते हैं। इसके लिए आवेदक को रकम के बराब बराबर बैंक गारंटी देनी होगी। अगर कोई आवेदक समय पर किस्त नहीं चुकाता है, तो उसे 15% की सालाना चक्रवृद्धि दर से जुर्माना भरना होगा। ब्याज समेत पूरा पैसा जमा नहीं करने पर परमिशन रद्द कर दी जाएगी।
कुछ मामलों में सरकार शुल्क में पूरी या आंशिक छूट भी दे सकती है। GDA ने कुछ महत्वपूर्ण बातों पर राय लेने के लिए एक कमिटी बनाई है। इसमें ये सदस्य शामिल हैं। अध्यक्ष सचिव होंगे। सदस्य में अपर सचिव, वित्त नियंत्रक, प्रभारी मुख्य नगर नियोजक, प्रभारी मुख्य अभियंता और विधि अधिकारी होंगे। सदस्य संयोजक में सहायक अभियंता मास्टर प्लान, जोन-1, 6, 7 होंगे।
यहां पर पड़ेगा इसका असर
आनंद विहार से लेकर वैशाली तक ब्ल्यू लाइन मेट्रो का संचालन होता है। न्यू बस अड्डा मेट्रो स्टेशन से लेकर दिलशाद गार्डन तक रेडलाइन मेट्रो चलती है। इस कॉरिडोर के दोनों तरफ से 500-500 मीटर एरिया में नक्शा पास करवाना सस्ता हो जाएगा। इसके अलावा साहिबाबाद से लेकर मोदीनगर तक नमो भारत कॉरिडोर है। इसमें भी यह नियम लागू होगा।
मेट्रो सेस सर्कल रेट का 15 फीसदी लिया जाता था जबकि मेट्रो स्टेशन सेस 420 रुपये प्रति वर्ग मीटर और एलिवेटेड सेस 834 रुपए प्रति वर्ग मीटर लिया जाता है। अब इसके स्थान पर केवल एक शुल्क विशेष सुख सुविधा शुल्क की वसूली होगी। अधिकारियों ने बताया कि यह फैसला उत्तर प्रदेश सरकार के एक नोटिफिकेशन के बाद लिया गया है।
ऐसे तय होगा शुल्क
नए नियमों के अनुसार जब कोई विकास या बिल्डिंग परमिशन के लिए आवेदन करेगा तो उससे विशेष शुल्क लिया जाएगा। शुल्क कुल एरिया को तयशुदा दरों से गुणा करके निकाला जाएगा। यह विकास शुल्क का 25 फीसदी से ज्यादा नहीं होगा। शुल्क की असली दर और कितने समय तक इसे इकट्ठा करना है, यह सब एक बोर्ड तय करेगा।
शुल्क जमा करने के नियम
आवेदकों को यह शुल्क बिल्डिंग परमिशन मिलने से पहले पूरा जमा करना होगा। हालांकि 10,000 वर्ग मीटर से ज्यादा बड़े प्लॉट के लिए GDA के वीसी किस्तों में भुगतान की अनुमति दे सकते हैं। इसके लिए आवेदक को रकम के बराब बराबर बैंक गारंटी देनी होगी। अगर कोई आवेदक समय पर किस्त नहीं चुकाता है, तो उसे 15% की सालाना चक्रवृद्धि दर से जुर्माना भरना होगा। ब्याज समेत पूरा पैसा जमा नहीं करने पर परमिशन रद्द कर दी जाएगी।
कुछ मामलों में सरकार शुल्क में पूरी या आंशिक छूट भी दे सकती है। GDA ने कुछ महत्वपूर्ण बातों पर राय लेने के लिए एक कमिटी बनाई है। इसमें ये सदस्य शामिल हैं। अध्यक्ष सचिव होंगे। सदस्य में अपर सचिव, वित्त नियंत्रक, प्रभारी मुख्य नगर नियोजक, प्रभारी मुख्य अभियंता और विधि अधिकारी होंगे। सदस्य संयोजक में सहायक अभियंता मास्टर प्लान, जोन-1, 6, 7 होंगे।
यहां पर पड़ेगा इसका असर
आनंद विहार से लेकर वैशाली तक ब्ल्यू लाइन मेट्रो का संचालन होता है। न्यू बस अड्डा मेट्रो स्टेशन से लेकर दिलशाद गार्डन तक रेडलाइन मेट्रो चलती है। इस कॉरिडोर के दोनों तरफ से 500-500 मीटर एरिया में नक्शा पास करवाना सस्ता हो जाएगा। इसके अलावा साहिबाबाद से लेकर मोदीनगर तक नमो भारत कॉरिडोर है। इसमें भी यह नियम लागू होगा।
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