कोल्हापुर : महाराष्ट्र की महादेवी इन दिनों चर्चा में है। यह महादेवी एक हथिनी है, जो अनंत अंबानी के वनतारा में रह रही है। उसे वनतारा भेजने का विरोध हो रहा है। लगातार कोल्हापुर में प्रदर्शन हो रहे हैं। अब शिरोल तहसील के नंदनी से कोल्हापुर शहर में कलेक्टर ऑफिस तक हजारों लोगों ने 45 किलोमीटर की पदयात्रा की। पदयात्रा के बाद लोगों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम का ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा। ज्ञापन में गुजरात के जामनगर से हाथी महादेवी को नंदनी जैन मठ में वापस लाने की मांग की गई। अब इस मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हस्तक्षेप किया है।
मामले को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संज्ञान में लिया है। उन्होंने अमरावती में घोषणा की कि वह सभी संबंधित लोगों को बातचीत के लिए बुलाएंगे। इस मुद्दे का हल निकाला जाएगा। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नंदनी मठ के भक्त नाराज हैं। वह चाहते हैं कि हथिनी को मठ में वापस लाया जाए।
क्या बोले देवेंद्र फडणवीसदेवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस मामले में मैंने सांसद और विधायकों से बात की है। एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में हम कानूनी रास्ता निकालने की कोशिश करेंगे। फडणवीस ने कहा कि हाथी को सुविधा में स्थानांतरित करने का निर्णय सुप्रीम कोर्ट का था। इसमें महाराष्ट्र सरकार की कोई भूमिका नहीं थी। हालांकि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का न्यायायिक हल निकालने का प्रयास करेंगे।
लगातार विरोध-प्रदर्शन रहेगा जारीपूर्व सांसद राजू शेट्टी ने नंदनी से पदयात्री को लीड किया। यह पदयात्रा शाम को कोल्हापुर पहुंची। पदयात्रा में शामिल लोगों के हाथों में हाथी के आकार वाले कार्डबोर्ड और मूर्तियां थीं। वे इन्हें साथ लेकर पैदल चल रहे थे। राजू शेट्टी ने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारी मांग है कि संबंधित विभागों के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए, जिन्होंने हाथी महादेवी को लेकर सुप्रीम कोर्ट को गलत रिपोर्ट दी। उन अफसरों के कारण ही महादेवी को वनतारा भेजा गया। उन्होंने कहा कि जब तक हम महादेवी को वापस नहीं लेकर आते, हमारा प्रोटेस्ट जारी रहेगा।
वनतारा के अफसरों ने दिया बयानइस बीच वनतारा के टॉप अधिकारियों ने कोल्हापुर में अफसरों और मठ के स्वामी से मुलाकात की। उन्होंने ए बयान जारी करके कहा कि जैन मठ और उनके स्वामी के साथ सीधी बातचीत शुरू हो गई है। हम कानूनी और पशु चिकित्सा मार्गदर्शन के माध्यम से माधुरी (महादेवी) के भविष्य को लेकर सभी संभावनाएं तलाश रहे हैं। हम शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं।
राजनीतिक हुआ मामलाहातकणंगले के शिवसेना सांसद धैर्यशील माने ने कहा कि माधुरी उर्फ महादेवी को वापस लाने के लिए कानूनी राय ली जा रही है। उन्होंने कहा कि बीच का रास्ता निकालने के लिए हम समाधान खोज रहे हैं। उन्होंने कहा कि भक्तों की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई जानी चाहिए। हर कोई चाहता है कि महादेवी को वापस लाया जाए। उन्होंने कहा कि हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण कानूनी अड़चनें भी हैं। सरकार और संबंधित संगठन मिलकर समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं। उम्मीद है कि जल्द ही कोई रास्ता निकलेगा।
क्या है वनतारा की हथिनी का विवादबॉम्बे हाई कोर्ट ने 16 जुलाई को महादेवी को जामनगर में वनतारा के सुविधा केंद्र में पुनर्वासित करने का आदेश दिया था। यह आदेश एक गैर सरकारी संगठन की ओर से महाराष्ट्र वन विभाग और सुप्रीम कोर्ट की नियुक्त उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) के समक्ष उसके बिगड़ते स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक पीड़ा पर चिंता जताए जाने के बाद दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई को हाई कोर्ट का आदेश को बरकरार रखा। यह मामला अब 11 अगस्त, 2025 को अनुपालन रिपोर्ट के लिए सूचीबद्ध है।
मामले को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संज्ञान में लिया है। उन्होंने अमरावती में घोषणा की कि वह सभी संबंधित लोगों को बातचीत के लिए बुलाएंगे। इस मुद्दे का हल निकाला जाएगा। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नंदनी मठ के भक्त नाराज हैं। वह चाहते हैं कि हथिनी को मठ में वापस लाया जाए।
क्या बोले देवेंद्र फडणवीसदेवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस मामले में मैंने सांसद और विधायकों से बात की है। एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में हम कानूनी रास्ता निकालने की कोशिश करेंगे। फडणवीस ने कहा कि हाथी को सुविधा में स्थानांतरित करने का निर्णय सुप्रीम कोर्ट का था। इसमें महाराष्ट्र सरकार की कोई भूमिका नहीं थी। हालांकि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का न्यायायिक हल निकालने का प्रयास करेंगे।
लगातार विरोध-प्रदर्शन रहेगा जारीपूर्व सांसद राजू शेट्टी ने नंदनी से पदयात्री को लीड किया। यह पदयात्रा शाम को कोल्हापुर पहुंची। पदयात्रा में शामिल लोगों के हाथों में हाथी के आकार वाले कार्डबोर्ड और मूर्तियां थीं। वे इन्हें साथ लेकर पैदल चल रहे थे। राजू शेट्टी ने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारी मांग है कि संबंधित विभागों के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए, जिन्होंने हाथी महादेवी को लेकर सुप्रीम कोर्ट को गलत रिपोर्ट दी। उन अफसरों के कारण ही महादेवी को वनतारा भेजा गया। उन्होंने कहा कि जब तक हम महादेवी को वापस नहीं लेकर आते, हमारा प्रोटेस्ट जारी रहेगा।
वनतारा के अफसरों ने दिया बयानइस बीच वनतारा के टॉप अधिकारियों ने कोल्हापुर में अफसरों और मठ के स्वामी से मुलाकात की। उन्होंने ए बयान जारी करके कहा कि जैन मठ और उनके स्वामी के साथ सीधी बातचीत शुरू हो गई है। हम कानूनी और पशु चिकित्सा मार्गदर्शन के माध्यम से माधुरी (महादेवी) के भविष्य को लेकर सभी संभावनाएं तलाश रहे हैं। हम शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं।
राजनीतिक हुआ मामलाहातकणंगले के शिवसेना सांसद धैर्यशील माने ने कहा कि माधुरी उर्फ महादेवी को वापस लाने के लिए कानूनी राय ली जा रही है। उन्होंने कहा कि बीच का रास्ता निकालने के लिए हम समाधान खोज रहे हैं। उन्होंने कहा कि भक्तों की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई जानी चाहिए। हर कोई चाहता है कि महादेवी को वापस लाया जाए। उन्होंने कहा कि हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण कानूनी अड़चनें भी हैं। सरकार और संबंधित संगठन मिलकर समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं। उम्मीद है कि जल्द ही कोई रास्ता निकलेगा।
क्या है वनतारा की हथिनी का विवादबॉम्बे हाई कोर्ट ने 16 जुलाई को महादेवी को जामनगर में वनतारा के सुविधा केंद्र में पुनर्वासित करने का आदेश दिया था। यह आदेश एक गैर सरकारी संगठन की ओर से महाराष्ट्र वन विभाग और सुप्रीम कोर्ट की नियुक्त उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) के समक्ष उसके बिगड़ते स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक पीड़ा पर चिंता जताए जाने के बाद दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई को हाई कोर्ट का आदेश को बरकरार रखा। यह मामला अब 11 अगस्त, 2025 को अनुपालन रिपोर्ट के लिए सूचीबद्ध है।
You may also like
15 अगस्त को लालकिले पर ध्वजारोहण की साक्षी बनेंगी यूपी की 14 लखपति दीदियां
अगर हम कड़ी मेहनत करते रहें, तो टेस्ट क्रिकेट पर राज कर सकते हैं: गौतम गंभीर
6 अगस्त के ही दिन भारत ने रचा था इतिहास, पहली टेस्ट ट्यूब बेबी का हुआ था जन्म
एनसीडी स्क्रीनिंग अभियान: 5 करोड़ से अधिक लोग हाइपरटेंशन और 3 करोड़ से ज्यादा डायबिटीज से ग्रसित
Trump New Tariff Threat: 24 घंटे में भारत के खिलाफ अमेरिका का बड़ा ऐक्शन, ट्रंप ने रूसी तेल पर दी अब ये धमकी