फरीदाबाद/नई दिल्ली: दिल्ली के लाल किला बम धमाके के बाद अब फरीदाबाद के धौज इलाके में 800 से ज्यादा पुलिसकर्मियों के साथ व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया गया। जांचकर्ता इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या अल-फलाह विश्वविद्यालय की प्रयोगशालाओं का इस्तेमाल आरडीएक्स या दूसरे एडवांस विस्फोटक बनाने के लिए किया गया था। इसी इलाके से एक दिन पहले ही लगभग 2,900 किलोग्राम विस्फोटक और ज्वलनशील पदार्थ जब्त किए गए थे। अब दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी(NIA) को सौंप दी है। गृह मंत्री अमित शाह की बड़ी बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है।
मेडिकल प्रोफेसर के घर से मिले डेटोनेटर
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, यह ऑपरेशन अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले कश्मीरी मेडिकल प्रोफेसर डॉ. मुजामिल शकील की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुआ। डॉ. मुजामिल के यूनिवर्सिटी परिसर के निकट स्थित किराए के आवास से विस्फोटक, डेटोनेटर, बैटरी, टाइमर और हथियार मिले थे, जिनमें एक एके-56 राइफल और एक क्रिनकोव भी शामिल था।
360 किलो अमोनियम नाइट्रेट मिला था
जैश के फरीदाबाद मॉड्यूल की जांच के दौरान मुजामिल के कमरे से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट, एक असॉल्ट राइफल और अन्य गोला-बारूद बरामद किया गया। इस मामले में डॉक्टर मुजामिल को गिरफ्तार कर लिया गया। अब यूनिवर्सिटी की लैब में पुलिस जांच में जुटी है। लैब कर्मियों से पूछताछ की जा रही है।
कश्मीर, हरियाणा और यूपी तक फैला है नेटवर्क
अधिकारियों ने बताया कि कश्मीरी व्यक्ति और दो साथी डॉक्टरों सहित आठ लोगों को जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवत-उल-हिंद (एजीयूएच) से जुड़े एक सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जो कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ है।
वाइट कॉलर आतंकी सिस्टम बनाया
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, नौगाम पुलिस स्टेशन में यूएपीए, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई। निशानदेही पर पुलिस को कट्टरपंथी पेशेवरों और छात्रों का एक "सफेदपोश आतंकवादी तंत्र" मिला, जो कथित तौर पर पाकिस्तान और अन्य देशों में बैठे आकाओं के संपर्क में था।
अल फलाह यूनिवर्सिटी कब बनी, क्या पढ़ाया जाता है
अल-फलाह विश्वविद्यालय की स्थापना 2014 में हुई थी और इसे 2015 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से मान्यता प्राप्त हुई। यह निजी विश्वविद्यालय अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के अंतर्गत संचालित होता है। यह धौज, फरीदाबाद (हरियाणा) में 70 एकड़ के परिसर में फैला हुआ है। इसे NAAC से 'A' ग्रेड मान्यता प्राप्त है और यह विभिन्न शैक्षणिक और व्यावसायिक कार्यक्रम प्रदान करता है। यह इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी, बिजनेस मैनेजमेंट, कंप्यूटर साइंस, लॉ, मेडिकल की पढ़ाई कराता है।
यूनिवर्सिटी में है एक बड़ा अस्पताल
परिसर में लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग छात्रावास, कर्मचारियों और डॉक्टरों के लिए एक आवासीय परिसर और 650 बिस्तरों वाला अल-फलाह अस्पताल है, जो स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर के अंतर्गत संचालित होता है।
मेडिकल प्रोफेसर के घर से मिले डेटोनेटर
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, यह ऑपरेशन अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले कश्मीरी मेडिकल प्रोफेसर डॉ. मुजामिल शकील की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुआ। डॉ. मुजामिल के यूनिवर्सिटी परिसर के निकट स्थित किराए के आवास से विस्फोटक, डेटोनेटर, बैटरी, टाइमर और हथियार मिले थे, जिनमें एक एके-56 राइफल और एक क्रिनकोव भी शामिल था।
360 किलो अमोनियम नाइट्रेट मिला था
जैश के फरीदाबाद मॉड्यूल की जांच के दौरान मुजामिल के कमरे से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट, एक असॉल्ट राइफल और अन्य गोला-बारूद बरामद किया गया। इस मामले में डॉक्टर मुजामिल को गिरफ्तार कर लिया गया। अब यूनिवर्सिटी की लैब में पुलिस जांच में जुटी है। लैब कर्मियों से पूछताछ की जा रही है।
कश्मीर, हरियाणा और यूपी तक फैला है नेटवर्क
अधिकारियों ने बताया कि कश्मीरी व्यक्ति और दो साथी डॉक्टरों सहित आठ लोगों को जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवत-उल-हिंद (एजीयूएच) से जुड़े एक सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जो कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ है।
वाइट कॉलर आतंकी सिस्टम बनाया
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, नौगाम पुलिस स्टेशन में यूएपीए, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई। निशानदेही पर पुलिस को कट्टरपंथी पेशेवरों और छात्रों का एक "सफेदपोश आतंकवादी तंत्र" मिला, जो कथित तौर पर पाकिस्तान और अन्य देशों में बैठे आकाओं के संपर्क में था।
अल फलाह यूनिवर्सिटी कब बनी, क्या पढ़ाया जाता है
अल-फलाह विश्वविद्यालय की स्थापना 2014 में हुई थी और इसे 2015 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से मान्यता प्राप्त हुई। यह निजी विश्वविद्यालय अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के अंतर्गत संचालित होता है। यह धौज, फरीदाबाद (हरियाणा) में 70 एकड़ के परिसर में फैला हुआ है। इसे NAAC से 'A' ग्रेड मान्यता प्राप्त है और यह विभिन्न शैक्षणिक और व्यावसायिक कार्यक्रम प्रदान करता है। यह इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी, बिजनेस मैनेजमेंट, कंप्यूटर साइंस, लॉ, मेडिकल की पढ़ाई कराता है।
यूनिवर्सिटी में है एक बड़ा अस्पताल
परिसर में लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग छात्रावास, कर्मचारियों और डॉक्टरों के लिए एक आवासीय परिसर और 650 बिस्तरों वाला अल-फलाह अस्पताल है, जो स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर के अंतर्गत संचालित होता है।
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