ग्रेटर नोएडा: नोएडा एयरपोर्ट तक यात्रियों के आने जाने के लिए प्राइवेट और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत किया जा रहा है। उत्तराखंड हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश व राजस्थान की रोडवेज बसे एयरपोर्ट तक आएंगी। कुछ के साथ यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रालि (यापल) ने एमओयू साइन कर लिया है। कुछ के साथ अनुबंध की प्रक्रिया चल रही हैं। एयरपोर्ट से फ्लाइट शुरू करने की तैयारी अंतिम चरण में है। इसका संचालन शुरू होने से पहले कनेक्टिविटी पर जोर दिया जा रहा है। पड़ोसी राज्यों को जोड़ने के लिए बसों की सुविधा दी जाएगी। उत्तराखंड के देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार व हल्द्वानी से नोएडा एयरपोर्ट के लिए बसें चलेंगी।
हरियाणा के चंडीगढ़, गुड़गांव, फरीदाबाद व पलवल से बसों का संचालन होगा। दिल्ली के आईएसबीटी, कश्मीरी गेट सराय काले खां, आनंद विहार, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से डीटीसी बस्ते का एयरपोर्ट तक संचालन होगा। इसके लिए एमओयू हो गया है। उत्तर प्रदेश व राजस्थान सरकार से एमओयू की प्रक्रिया चल रही है। राजस्थान के जयपुर, भरतपुर और धौलपुर से बसे चलेंगी। इस पर जल्द फैसला हो जाएगा। इसके अलावा शटल बस सेवा शुरू होगी, जो एनसीआर के मुख्य शहरों को जोड़ेगी।
ऐप बेस्ड कैच कंपनियों से हो चुका एग्रीमेटऐप बेस्ड कैच कंपनिों के साथ भी एग्रीमेंट किया गया है। एयरपोर्ट प्रबंधन ने महिंद्रा लॉजिस्टिक के साथ करार किया है। ऊबर, रैपिडों के साथ अनुबंध किया है। ओला के साथ करार प्रक्रिया चल रही है।
20 एकड़ में जीटीसी का निर्माण अंतिम चरण मेंनोएडा एयरपोर्ट का ग्राउंड ट्रांसपोटॅशन सेंटर (जीटीसी) का निर्माण अंतिम चरण में है। टर्मिनल और 2 के बीच 20 एकड़ में फैले जीटीसी को मल्टीमॉडल हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसका निर्माण कई चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में 1200 से अधिक कार पार्किंग स्थल, कैब टैक्सी-वे और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चजिंग पॉइट उपलब्ध होंगे।
इसमें हाई स्पीड रेल, रैपिड रेल, बस सेवाओ पॉड टैक्सी या लाइट रेल और भविष्य के अन्य परिवहन साधनों को जोड़ा जाएग। पूरी तरह से चालू होने के बाद जीटीसी में निजी कारों, टैक्सियों, बसों के लिए पार्किंग होगी। गेट्रो और हाई-स्पीड रेल स्टेशन भूमिगत होंगे। यह 40 से ज्यादा बसों, 4500 कार और 3500 दोपहिया वाहनों को संभालने में सक्षम होगा।
सात एयरोब्रिज बनकर तैयार, 10 बनने हैंनोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में सारी सुविधाएं दुरुस्त की जा रही है। यात्रियों की सुविधा के लिए 10 एयरोब्रिज बनाए जा रहे है। इसमें सात का काम पूरा हो चुका है। तीन का काम चल रहा है। यह अंतिम चरण में है। यानी इस एयरपोर्ट ने एक साथ दस विमानों के यात्री उतारे और चढ़ाए जा सकते है। जब यात्रियों की संख्या बढ़ेगी तो एयरोबिज भी बढ़ाए जाएंगे।
नोएडा एयरपोर्ट नोडल अधिकारी शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक कई राज्यों की बसें आएंगी। इसके लिए कई राज्यों से करार हो चुका है। कई राज्यों के साथ प्रक्रिया चल रही है। ऐप बेस्ड टैक्सी कंपनियों के साथ भी एससीमेट हुआ है। यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
हरियाणा के चंडीगढ़, गुड़गांव, फरीदाबाद व पलवल से बसों का संचालन होगा। दिल्ली के आईएसबीटी, कश्मीरी गेट सराय काले खां, आनंद विहार, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से डीटीसी बस्ते का एयरपोर्ट तक संचालन होगा। इसके लिए एमओयू हो गया है। उत्तर प्रदेश व राजस्थान सरकार से एमओयू की प्रक्रिया चल रही है। राजस्थान के जयपुर, भरतपुर और धौलपुर से बसे चलेंगी। इस पर जल्द फैसला हो जाएगा। इसके अलावा शटल बस सेवा शुरू होगी, जो एनसीआर के मुख्य शहरों को जोड़ेगी।
ऐप बेस्ड कैच कंपनियों से हो चुका एग्रीमेटऐप बेस्ड कैच कंपनिों के साथ भी एग्रीमेंट किया गया है। एयरपोर्ट प्रबंधन ने महिंद्रा लॉजिस्टिक के साथ करार किया है। ऊबर, रैपिडों के साथ अनुबंध किया है। ओला के साथ करार प्रक्रिया चल रही है।
20 एकड़ में जीटीसी का निर्माण अंतिम चरण मेंनोएडा एयरपोर्ट का ग्राउंड ट्रांसपोटॅशन सेंटर (जीटीसी) का निर्माण अंतिम चरण में है। टर्मिनल और 2 के बीच 20 एकड़ में फैले जीटीसी को मल्टीमॉडल हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसका निर्माण कई चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में 1200 से अधिक कार पार्किंग स्थल, कैब टैक्सी-वे और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चजिंग पॉइट उपलब्ध होंगे।
इसमें हाई स्पीड रेल, रैपिड रेल, बस सेवाओ पॉड टैक्सी या लाइट रेल और भविष्य के अन्य परिवहन साधनों को जोड़ा जाएग। पूरी तरह से चालू होने के बाद जीटीसी में निजी कारों, टैक्सियों, बसों के लिए पार्किंग होगी। गेट्रो और हाई-स्पीड रेल स्टेशन भूमिगत होंगे। यह 40 से ज्यादा बसों, 4500 कार और 3500 दोपहिया वाहनों को संभालने में सक्षम होगा।
सात एयरोब्रिज बनकर तैयार, 10 बनने हैंनोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में सारी सुविधाएं दुरुस्त की जा रही है। यात्रियों की सुविधा के लिए 10 एयरोब्रिज बनाए जा रहे है। इसमें सात का काम पूरा हो चुका है। तीन का काम चल रहा है। यह अंतिम चरण में है। यानी इस एयरपोर्ट ने एक साथ दस विमानों के यात्री उतारे और चढ़ाए जा सकते है। जब यात्रियों की संख्या बढ़ेगी तो एयरोबिज भी बढ़ाए जाएंगे।
नोएडा एयरपोर्ट नोडल अधिकारी शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक कई राज्यों की बसें आएंगी। इसके लिए कई राज्यों से करार हो चुका है। कई राज्यों के साथ प्रक्रिया चल रही है। ऐप बेस्ड टैक्सी कंपनियों के साथ भी एससीमेट हुआ है। यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
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