राम त्रिपाठी, नई दिल्लीः चिड़ियाघर में इकलौते अफ्रीकी हाथी शंकर की 17 अगस्त को हुई मौत के बाद इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टिट्यूट ( IVRI ), बरेली की आई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने वन्यजीवों की देखभाल पर एक बार फिर से गंभीर सवाल उठा दिए हैं। रिपोर्ट में हाथी की मौत का कारण एन्सेफेलोमायोकार्डिटिस (Encephalomyocarditis) वायरस बताया गया है। यह EMCV वायरस मस्तिष्क और और हृदय की मांसपेशियों दोनों में सूजन पैदा करता है। इससे शंकर की मौत हुई थी।
शंकर हाथी पहले से बीमार थापोस्टमॉर्टम रिपोर्ट साफ तौर पर बताती है कि शंकर हाथी पहले से बीमार था। मगर चिड़ियाघर प्रशासन ने शंकर की मौत के बाद मीडिया को दिए अपने आधिकारिक बयान में हाथी के किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित होने से इनकार किया था। चिड़ियाघर प्रशासन ने बताया था कि अपनी मौत से 1 दिन पहले तक अफ्रीकी हाथी शंकर की बीमारी या असामान्य व्यवहार की कोई रिपोर्ट नहीं थी। 17 अगस्त की सुबह उसने पत्ते और घास कम खाए थे। उसे हल्का दस्त भी हुआ था, लेकिन वह सामान्य रूप से आहार, फल और सब्जियां ले रहा था। चिड़ियाघर की वेटरनरी मेडिकल स्टाफ टीम उसका इलाज कर रही थी।
लापरवाही के कारण वायरस फैलाIVRI के ही एक अधिकारी ने बताया कि एन्सेफेलोमायोकार्डिटिस वायरस एक ही दिन में पैदा नहीं होता है। उन्होंने विभिन्न एनिमल मेडिकल रिपोर्टों का हवाला देते हुए बताया कि संक्रमित चूहो और गिलहरियों से यह वायरस फैलता है, जो हाथी और सूअर को अपनी चपेट में ले लेता है। इसकी चपेट में आया जानवर कई दिन तक बुखार, दस्त से पीड़ित रहता है।
संक्रमित खानपान भी कारणअधिकारी ने बताया कि हाथी को दिए जाने वाला खाना और पानी संक्रमित हो सकता है। संक्रमित खान-पान के कारण यह रोग तेजी से फैलता है। चिड़ियाघर मे वन्यजीवों की देखभाल में लापरवाही और वायरस फैलने के 2 बड़े मामले अगस्त तक प्रामाणिक रूप से सामने आए है। बर्ड फ्लू की रिपोर्ट भी 28 अगस्त को मिली थी। इसी कारण 30 अगस्त से चिड़ियाघर बंद है।
संरक्षण और देखभाल पर सवालचिड़ियाघर में वन्यजीवों के संरक्षण और देखभाल के तरीके कई बार सवालो के घेरे में आ चुके हैं। इसके बावजूद कोई बड़ा सुधार नहीं हुआ है। इस पूरे मामले में चिड़ियाघर प्रशासन खामोश है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की जानकारी भी नही दी जा रही है। डायरेक्टर डॉ. संजीत कुमार केवल इतना ही बताते हैं कि हार्ट अटैक से शंकर की मौत हुई है। इसके आगे वह कोई और जानकारी नहीं देते हैं।
शंकर हाथी पहले से बीमार थापोस्टमॉर्टम रिपोर्ट साफ तौर पर बताती है कि शंकर हाथी पहले से बीमार था। मगर चिड़ियाघर प्रशासन ने शंकर की मौत के बाद मीडिया को दिए अपने आधिकारिक बयान में हाथी के किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित होने से इनकार किया था। चिड़ियाघर प्रशासन ने बताया था कि अपनी मौत से 1 दिन पहले तक अफ्रीकी हाथी शंकर की बीमारी या असामान्य व्यवहार की कोई रिपोर्ट नहीं थी। 17 अगस्त की सुबह उसने पत्ते और घास कम खाए थे। उसे हल्का दस्त भी हुआ था, लेकिन वह सामान्य रूप से आहार, फल और सब्जियां ले रहा था। चिड़ियाघर की वेटरनरी मेडिकल स्टाफ टीम उसका इलाज कर रही थी।
लापरवाही के कारण वायरस फैलाIVRI के ही एक अधिकारी ने बताया कि एन्सेफेलोमायोकार्डिटिस वायरस एक ही दिन में पैदा नहीं होता है। उन्होंने विभिन्न एनिमल मेडिकल रिपोर्टों का हवाला देते हुए बताया कि संक्रमित चूहो और गिलहरियों से यह वायरस फैलता है, जो हाथी और सूअर को अपनी चपेट में ले लेता है। इसकी चपेट में आया जानवर कई दिन तक बुखार, दस्त से पीड़ित रहता है।
संक्रमित खानपान भी कारणअधिकारी ने बताया कि हाथी को दिए जाने वाला खाना और पानी संक्रमित हो सकता है। संक्रमित खान-पान के कारण यह रोग तेजी से फैलता है। चिड़ियाघर मे वन्यजीवों की देखभाल में लापरवाही और वायरस फैलने के 2 बड़े मामले अगस्त तक प्रामाणिक रूप से सामने आए है। बर्ड फ्लू की रिपोर्ट भी 28 अगस्त को मिली थी। इसी कारण 30 अगस्त से चिड़ियाघर बंद है।
संरक्षण और देखभाल पर सवालचिड़ियाघर में वन्यजीवों के संरक्षण और देखभाल के तरीके कई बार सवालो के घेरे में आ चुके हैं। इसके बावजूद कोई बड़ा सुधार नहीं हुआ है। इस पूरे मामले में चिड़ियाघर प्रशासन खामोश है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की जानकारी भी नही दी जा रही है। डायरेक्टर डॉ. संजीत कुमार केवल इतना ही बताते हैं कि हार्ट अटैक से शंकर की मौत हुई है। इसके आगे वह कोई और जानकारी नहीं देते हैं।
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