मेरठ : उत्तर प्रदेश के मेरठ के चर्चित सौरभ राजपूत हत्याकांड की मुख्य आरोपी मुस्कान रस्तोगी ने इस बार जेल के अंदर भैया दूज का त्योहार मनाया। पति सौरभ की हत्या के आरोप में प्रेमी साहिल के साथ जेल में बंद मुस्कान के घर से कोई मिलने नहीं आया, यहां तक कि उसका भाई भी मुलाकात के लिए नहीं पहुंचा। ऐसे में वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ. वीरेश राज शर्मा ने मानवता का परिचय देते हुए मुस्कान से भाई दूज का तिलक लगवाया। इसके बाद मुस्कान के नए भाई को लेकर चर्चा तेज हो गई।
जेल में हुआ विशेष आयोजनगुरुवार को भाई दूज के अवसर पर मेरठ कारागार प्रशासन की ओर से महिला बंदियों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। उन 27 महिला बंदियों से तिलक लगवाया गया, जिनके भाई किसी कारणवश उनसे मिलने नहीं आ सके थे। जेल प्रशासन ने इस अवसर पर रोली, चावल, मिठाई और जलपान की व्यवस्था की थी।
महिला बंदियों के लिए जेल परिसर में छायादार पंडाल भी लगाए गए थे, ताकि वे सहजता से पर्व मना सकें। सुबह से ही जेल परिसर में उत्साहपूर्ण माहौल रहा और देर शाम तक तिलक का क्रम चलता रहा।
परिवार ने तोड़ लिया रिश्तानीले ड्रम हत्याकांड से चर्चाओं में आई मुस्कान रस्तोगी से अब उसका परिवार पूरी तरह से दूरी बना चुका है। मुस्कान की मां कविता रस्तोगी ने स्पष्ट कहा है कि परिवार अब मुस्कान से किसी भी प्रकार का संबंध नहीं रखेगा। उन्होंने कहा कि अब हमारे जीवन में मुस्कान का कोई स्थान नहीं है। न हम उससे मिलने जाएंगे, न किसी त्योहार पर उसका इंतजार करेंगे।
लगाया गया फ्री भोजन शिविरभैया दूज के अवसर पर डेरा सच्चा सौदा संगठन की ओर से जेल परिसर में निशुल्क भोजन शिविर का आयोजन किया गया। इसमें बंदियों से मिलने आई महिलाओं और बच्चों के लिए भोजन व पेयजल की व्यवस्था की गई।
हत्याकांड का दर्दनाक सचसौरभ राजपूत हत्याकांड में नए खुलासे भी सामने आए हैं। 6 अक्टूबर को जिला जज कोर्ट में शव का पंचनामा भरने वाले दारोगा धर्मेंद्र कुमार का बयान दर्ज किया गया। दारोगा ने बताया कि जब उन्होंने ड्रम खोला तो शव को सीमेंट से जमाया हुआ था।
कटर की मदद से ड्रम और सीमेंट को काटकर शव को बाहर निकाला गया। लाश चार टुकड़ों में थी। सिर, धड़ और दोनों हाथ अलग-अलग मिले। दोनों कटे हुए हाथ एक पॉलिथीन में बंद थे, जबकि हत्या में इस्तेमाल चाकू भी ड्रम के अंदर ही मिला।
जेल में हुआ विशेष आयोजनगुरुवार को भाई दूज के अवसर पर मेरठ कारागार प्रशासन की ओर से महिला बंदियों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। उन 27 महिला बंदियों से तिलक लगवाया गया, जिनके भाई किसी कारणवश उनसे मिलने नहीं आ सके थे। जेल प्रशासन ने इस अवसर पर रोली, चावल, मिठाई और जलपान की व्यवस्था की थी।
महिला बंदियों के लिए जेल परिसर में छायादार पंडाल भी लगाए गए थे, ताकि वे सहजता से पर्व मना सकें। सुबह से ही जेल परिसर में उत्साहपूर्ण माहौल रहा और देर शाम तक तिलक का क्रम चलता रहा।
परिवार ने तोड़ लिया रिश्तानीले ड्रम हत्याकांड से चर्चाओं में आई मुस्कान रस्तोगी से अब उसका परिवार पूरी तरह से दूरी बना चुका है। मुस्कान की मां कविता रस्तोगी ने स्पष्ट कहा है कि परिवार अब मुस्कान से किसी भी प्रकार का संबंध नहीं रखेगा। उन्होंने कहा कि अब हमारे जीवन में मुस्कान का कोई स्थान नहीं है। न हम उससे मिलने जाएंगे, न किसी त्योहार पर उसका इंतजार करेंगे।
लगाया गया फ्री भोजन शिविरभैया दूज के अवसर पर डेरा सच्चा सौदा संगठन की ओर से जेल परिसर में निशुल्क भोजन शिविर का आयोजन किया गया। इसमें बंदियों से मिलने आई महिलाओं और बच्चों के लिए भोजन व पेयजल की व्यवस्था की गई।
हत्याकांड का दर्दनाक सचसौरभ राजपूत हत्याकांड में नए खुलासे भी सामने आए हैं। 6 अक्टूबर को जिला जज कोर्ट में शव का पंचनामा भरने वाले दारोगा धर्मेंद्र कुमार का बयान दर्ज किया गया। दारोगा ने बताया कि जब उन्होंने ड्रम खोला तो शव को सीमेंट से जमाया हुआ था।
कटर की मदद से ड्रम और सीमेंट को काटकर शव को बाहर निकाला गया। लाश चार टुकड़ों में थी। सिर, धड़ और दोनों हाथ अलग-अलग मिले। दोनों कटे हुए हाथ एक पॉलिथीन में बंद थे, जबकि हत्या में इस्तेमाल चाकू भी ड्रम के अंदर ही मिला।
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