नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इकॉनमी को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं लेकिन वह देश का बढ़ता कर्ज रोकने में नाकाम रहे हैं। अमेरिका का कर्ज आधिकारिक रूप से पहली बार 37 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंच चुका है। 4 जुलाई को वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट के लागू होने के बाद से देश का कर्ज 780 अरब डॉलर बढ़ चुका है। यानी रोजाना इसमें 22 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। अमेरिका में कर्ज का संकट दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है।
महामारी के बाद से अमेरिका का कर्ज 14 ट्रिलियन डॉलर बढ़ चुका है। हालत यह हो गई है कि अमेरिका को रोजाना 3 अरब डॉलर ब्याज चुकाने पर खर्च करने पड़ रहे हैं। इससे साफ है कि ट्रंप भले ही इकॉनमी को लेकर जो भी दावे करें, लेकिन देश में कर्ज की स्थिति लगातार भयावह होती जा रही है। अगर इसमें जल्दी सुधार नहीं किया गया तो सरकार के पास विकास के बाकी कामों के लिए पैसे नहीं रह जाएंगे और सारा पैसा कर्ज चुकाने में ही निकल जाएगा। पिछले हफ्ते सरकार ने 10 नीलामी के जरिए 724 अरब डॉलर के बॉन्ड बेचे।
कैसे दूर होगा कर्ज
अमेरिका ने भारत समेत कई देशों से आने वाले सामान पर जमकर टैरिफ लगाया है। भारत और ब्राजील पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। ट्रंप का दावा है कि इससे इतने पैसे आएंगे कि अमेरिका फिर से अमीर बन जाएगा। ट्रंप ने मंगलवार को कहा, "मैं जो कर रहा हूं उसका उद्देश्य मुख्य रूप से कर्ज चुकाना है। लेकिन मुझे लगता है कि एक संभावना यह भी है कि हम इतना पैसा ले रहे हैं कि अमेरिका के लोगों को डिविडेंड भी दे सकते हैं।"
महामारी के बाद से अमेरिका का कर्ज 14 ट्रिलियन डॉलर बढ़ चुका है। हालत यह हो गई है कि अमेरिका को रोजाना 3 अरब डॉलर ब्याज चुकाने पर खर्च करने पड़ रहे हैं। इससे साफ है कि ट्रंप भले ही इकॉनमी को लेकर जो भी दावे करें, लेकिन देश में कर्ज की स्थिति लगातार भयावह होती जा रही है। अगर इसमें जल्दी सुधार नहीं किया गया तो सरकार के पास विकास के बाकी कामों के लिए पैसे नहीं रह जाएंगे और सारा पैसा कर्ज चुकाने में ही निकल जाएगा। पिछले हफ्ते सरकार ने 10 नीलामी के जरिए 724 अरब डॉलर के बॉन्ड बेचे।
कैसे दूर होगा कर्ज
अमेरिका ने भारत समेत कई देशों से आने वाले सामान पर जमकर टैरिफ लगाया है। भारत और ब्राजील पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। ट्रंप का दावा है कि इससे इतने पैसे आएंगे कि अमेरिका फिर से अमीर बन जाएगा। ट्रंप ने मंगलवार को कहा, "मैं जो कर रहा हूं उसका उद्देश्य मुख्य रूप से कर्ज चुकाना है। लेकिन मुझे लगता है कि एक संभावना यह भी है कि हम इतना पैसा ले रहे हैं कि अमेरिका के लोगों को डिविडेंड भी दे सकते हैं।"
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