सिवनी: मध्य प्रदेश के सिवनी से हेड कॉन्स्टेबल योगेश राजपूत सुसाइड नोट लिखकर लापता हो गए हैं। छिंदवाड़ा डीआईजी राकेश सिंह और शराब के पूर्व ठेकेदार संजय भारद्वाज पर झूठे मामले में फंसाने का आरोप लगाया है। योगेश राजपूत का नाम बालाघाट मालखाना कांड से जुड़ रहा है। योगेश राजपूत को पुलिस इसी मामले में नोटिस देने पहुंची थी।
परिवार को परेशान नहीं करेंयोगेश के घर में सुसाइड नोट मिला है, जिसमें लिखा है कि मेरे जाने के बाद मेरे परिवार को परेशान न किया जाए। मैं खुद ही यह रास्ता चुन रहा हूं। योगेश राजपूत दिवाली से एक दिन पहले घर से लापता हुए हैं। कोतवाली पुलिस उनकी खोज कर रही है। पुलिस ने इसके बाद योगेश राजपूत की तलाश शुरू कर दी है।
बालाघाट मालखाना कांड से है कनेक्शनवहीं, योगेश राजपूत के लापता होने से ठीक पहले, 18-19 अक्टूबर की रात को बालाघाट में दर्ज मालखाना प्रकरण की जांच कर रही बालाघाट पुलिस, योगेश राजपूत को पूछताछ के लिए नोटिस देने उनके घर पहुंची थी। इस दौरान, कोतवाली पुलिस की मौजूदगी में योगेश राजपूत और बालाघाट पुलिस के बीच हुई बहस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।
मीडिया के नाम पत्रपरिवार के सदस्यों के अनुसार, इस घटना के बाद योगेश राजपूत ने 19 अक्टूबर की शाम 6 बजे घर से निकलते समय मीडिया के नाम एक पत्र छोड़ा था। वह तब से लापता हैं। 20 अक्टूबर को जब घर में सुसाइड नोट मिला, तो उनके बेटे जतिन सिंह राजपूत ने पिता के मोबाइल नंबर बंद होने और परिचितों से संपर्क करने पर कोई जानकारी न मिलने पर कोतवाली पहुंचकर पुलिस को सूचना दी। उन्होंने सुसाइड नोट के साथ पिता को खोजने की गुहार लगाते हुए एक आवेदन भी सौंपा। कोतवाली पुलिस ने योगेश राजपूत के लापता होने के मामले में जांच शुरू कर दी है।
सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपसुसाइड नोट में योगेश राजपूत ने लिखा है कि उन्होंने डीआईजी सर के खिलाफ हाईकोर्ट में केस लगा रखा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि संजय भारद्वाज पुरानी दुश्मनी निभा रहा है। योगेश राजपूत ने यह भी बताया कि जब बालाघाट पुलिस उनके घर पहुंची थी, तब संजय भारद्वाज उनके घर के रास्ते में घूम रहा था।
स्थानांतरण और स्थगन आदेशजानकारी के अनुसार, प्रधान आरक्षक योगेश राजपूत का 26 सितंबर को सिवनी से नरसिंहपुर स्थानांतरण हो गया था। उन्होंने अपने स्थानांतरण के खिलाफ हाईकोर्ट से स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया था। हालांकि, स्थगन आदेश की प्रति अभी तक सिवनी एसपी कार्यालय में नहीं पहुंची है। इसी बीच, बालाघाट प्रकरण में पुलिस उन्हें पूछताछ का नोटिस देने सिवनी पहुंची थी, जिससे हंगामा खड़ा हो गया था। इससे पहले, योगेश राजपूत को कार्यवाहक एएसआई पद पर पदोन्नति मिली थी, जिसे बाद में वापस ले लिया गया था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, लापता प्रधान आरक्षक के खिलाफ पहले से चल रही विभागीय जांच की फाइल को फिर से खोला गया है। फिलहाल, पुलिस लापता प्रधान आरक्षक का पता लगाने का प्रयास कर रही है।
परिवार को परेशान नहीं करेंयोगेश के घर में सुसाइड नोट मिला है, जिसमें लिखा है कि मेरे जाने के बाद मेरे परिवार को परेशान न किया जाए। मैं खुद ही यह रास्ता चुन रहा हूं। योगेश राजपूत दिवाली से एक दिन पहले घर से लापता हुए हैं। कोतवाली पुलिस उनकी खोज कर रही है। पुलिस ने इसके बाद योगेश राजपूत की तलाश शुरू कर दी है।
बालाघाट मालखाना कांड से है कनेक्शनवहीं, योगेश राजपूत के लापता होने से ठीक पहले, 18-19 अक्टूबर की रात को बालाघाट में दर्ज मालखाना प्रकरण की जांच कर रही बालाघाट पुलिस, योगेश राजपूत को पूछताछ के लिए नोटिस देने उनके घर पहुंची थी। इस दौरान, कोतवाली पुलिस की मौजूदगी में योगेश राजपूत और बालाघाट पुलिस के बीच हुई बहस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।
मीडिया के नाम पत्रपरिवार के सदस्यों के अनुसार, इस घटना के बाद योगेश राजपूत ने 19 अक्टूबर की शाम 6 बजे घर से निकलते समय मीडिया के नाम एक पत्र छोड़ा था। वह तब से लापता हैं। 20 अक्टूबर को जब घर में सुसाइड नोट मिला, तो उनके बेटे जतिन सिंह राजपूत ने पिता के मोबाइल नंबर बंद होने और परिचितों से संपर्क करने पर कोई जानकारी न मिलने पर कोतवाली पहुंचकर पुलिस को सूचना दी। उन्होंने सुसाइड नोट के साथ पिता को खोजने की गुहार लगाते हुए एक आवेदन भी सौंपा। कोतवाली पुलिस ने योगेश राजपूत के लापता होने के मामले में जांच शुरू कर दी है।
सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपसुसाइड नोट में योगेश राजपूत ने लिखा है कि उन्होंने डीआईजी सर के खिलाफ हाईकोर्ट में केस लगा रखा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि संजय भारद्वाज पुरानी दुश्मनी निभा रहा है। योगेश राजपूत ने यह भी बताया कि जब बालाघाट पुलिस उनके घर पहुंची थी, तब संजय भारद्वाज उनके घर के रास्ते में घूम रहा था।
स्थानांतरण और स्थगन आदेशजानकारी के अनुसार, प्रधान आरक्षक योगेश राजपूत का 26 सितंबर को सिवनी से नरसिंहपुर स्थानांतरण हो गया था। उन्होंने अपने स्थानांतरण के खिलाफ हाईकोर्ट से स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया था। हालांकि, स्थगन आदेश की प्रति अभी तक सिवनी एसपी कार्यालय में नहीं पहुंची है। इसी बीच, बालाघाट प्रकरण में पुलिस उन्हें पूछताछ का नोटिस देने सिवनी पहुंची थी, जिससे हंगामा खड़ा हो गया था। इससे पहले, योगेश राजपूत को कार्यवाहक एएसआई पद पर पदोन्नति मिली थी, जिसे बाद में वापस ले लिया गया था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, लापता प्रधान आरक्षक के खिलाफ पहले से चल रही विभागीय जांच की फाइल को फिर से खोला गया है। फिलहाल, पुलिस लापता प्रधान आरक्षक का पता लगाने का प्रयास कर रही है।
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