नई दिल्लीः दिल्ली सरकार के मिनी सचिवालय बनने की शुरूआत नई दिल्ली जिले से हो सकती है। सरकार ने नई दिल्ली जिले में पहला मिनी सचिवालय मोती बाग में खोलने की मंजूरी दे दी है। नई दिल्ली जिला डीएम की ओर से मोती बाग स्थित एनडीएमसी बिल्डिंग को मिनी सचिवालय के चिन्हित किया था, जिसे सरकार ने हरी झंडी दे दी है। सबकुछ ठीक रहा तो मार्च 2026 में सरकार का जिलास्तर पर पहला मिनी सचिवालय तैयार हो जाएगा।
सभी जिले में मिनी सचिवालय खोलने की घोषणा की हैदरअसल, रेखा सरकार ने जनता की समस्याओं के जल्दी निपटारे, विभागों के बीच बेहतर समन्वय और निगरानी बढ़ाने के लिए सभी जिले में मिनी सचिवालय खोलने की घोषणा की है। मिनी सचिवालय का मकसद, सरकार के सभी विभागों के अधिकारी जो जिले में तैनात हैं, उनकी रिपोर्टिंग एक जगह हो। इससे शिकायतों के निपटारा समय पर हो सकेंगे। डीएम ने मोतीबाग की जिस बिल्डिंग को मिनी सचिवालय के लिए चिन्हित किया है उसे एनडीएमसी ने हाल ही में स्किल सेंटर खोलने के लिए चरक पालिका अस्पताल के नजदीक बनाया था। मगर वह योजना किसी कारणवश अटक गई है। अब सरकार ने उसे मिनी सचिवालय के लिए प्रयोग करेगी।
मिनी सचिवालय से क्या फायदा होगा?मिनी सचिवालय के पीछे सरकार का मकसद कामकाज को डी-सेंट्रलाइज करने का है, ताकि लोगों को कई दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़े। अभी जनसुनवाई में जो शिकायतें मिलती हैं, उन्हें संबंधित विभागों को भेज दिया जाता है, लेकिन कई बार उन पर कार्रवाई नही होती और विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर काम को टालते रहते हैं। इसके बाद यह समस्या दूर हो जाएगी।
सभी जिले में मिनी सचिवालय खोलने की घोषणा की हैदरअसल, रेखा सरकार ने जनता की समस्याओं के जल्दी निपटारे, विभागों के बीच बेहतर समन्वय और निगरानी बढ़ाने के लिए सभी जिले में मिनी सचिवालय खोलने की घोषणा की है। मिनी सचिवालय का मकसद, सरकार के सभी विभागों के अधिकारी जो जिले में तैनात हैं, उनकी रिपोर्टिंग एक जगह हो। इससे शिकायतों के निपटारा समय पर हो सकेंगे। डीएम ने मोतीबाग की जिस बिल्डिंग को मिनी सचिवालय के लिए चिन्हित किया है उसे एनडीएमसी ने हाल ही में स्किल सेंटर खोलने के लिए चरक पालिका अस्पताल के नजदीक बनाया था। मगर वह योजना किसी कारणवश अटक गई है। अब सरकार ने उसे मिनी सचिवालय के लिए प्रयोग करेगी।
मिनी सचिवालय से क्या फायदा होगा?मिनी सचिवालय के पीछे सरकार का मकसद कामकाज को डी-सेंट्रलाइज करने का है, ताकि लोगों को कई दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़े। अभी जनसुनवाई में जो शिकायतें मिलती हैं, उन्हें संबंधित विभागों को भेज दिया जाता है, लेकिन कई बार उन पर कार्रवाई नही होती और विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर काम को टालते रहते हैं। इसके बाद यह समस्या दूर हो जाएगी।
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