ढाका: पाकिस्तान के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार ने रविवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की है। इस मुलाकात में कई दूसरे मुद्दें के अलावा सार्क के पुनरोद्धार का मामला भी उठा है। यूनुस ने डार के साथ बैठक में सार्क को फिर से सक्रिय करने पर जोर दिया है। दक्षिण एशियाई देशों के संगठन सार्क को लेकर पाकिस्तान भी इसी तरह की बातें करता रहा है। ऐसे में सार्क के मुद्दे पर यूनुस ने पाकिस्तान की भाषा बोली है।
सार्क की गतिविधियों में हाल के वर्षों में ठहराव देखा गया है। खासतौर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का असर इस गुट पर हुआ है। पाकिस्तान और बांग्लादेश चाहते हैं कि सार्क फिर से सक्रिय हो जाए। यूनुस और इशाक की बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई है। हालांकि भारत ने इसमें बहुत ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई है। सार्क पर सक्रियता और बांग्लादेश-पाकिस्तान की करीबी भारत के लिए चिंता का सबब बन सकती है।
सार्क हमारी प्राथमिकतामोहम्मद यूनुस ने इशाक के साथ बैठक में सार्क के पुनरुद्धार पर जोर देते हुए कहा, 'जब भी मेरी शहबाज शरीफ से मुलाकात हुई, हमने सार्क के बारे में बात की है। हमारे दृष्टिकोण एक जैसे हैं और सार्क हम दोनों के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता बना हुआ है। मैं सार्क को प्रोत्साहित करता हू और पाकिस्तान समेत सार्क देशों के साथ अपने संबंधों को सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक मानता हूं।'
यूनुस ने इस दौरान द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने और लोगों के बीच आपसी संबंधों को बेहतर करने पर जोर दिया। हालांकि यूनुस ने इस दौरान ये भी स्वीकार किया कि कुछ संवेदनशील मुद्दे पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बने हुए हैं, जिनको सुलझाना जरूरी है। यूनुस और डार ने इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और व्यापार को बढ़ावा देने पर खासतौर से बात की।
डार ने की यूनुस की तारीफइशाक डार ने ढाका में कहा कि भारत और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरी की पूरक हैं। ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां हम मिलकर काम कर सकते हैं। इशाक डार ने इस दौरान गरीबी उन्मूलन और सामुदायिक सशक्तिकरण के लिए मोहम्मद यूनुस की जमकर तारीफ की।
डार 13 वर्षों में बांग्लादेश की यात्रा करने वाले पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री हैं। पाकिस्तान और बांग्लादेश के संबंध बीते एक साल में लगातार बेहतर हुए हैं। शेख हसीना की सरकार गिरने ओर यूनुस के बांग्लादेश की सत्ता संभालने के बाद वह पाकिस्तान की तरफ झुके हुए दिखे हैं।
सार्क की गतिविधियों में हाल के वर्षों में ठहराव देखा गया है। खासतौर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का असर इस गुट पर हुआ है। पाकिस्तान और बांग्लादेश चाहते हैं कि सार्क फिर से सक्रिय हो जाए। यूनुस और इशाक की बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई है। हालांकि भारत ने इसमें बहुत ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई है। सार्क पर सक्रियता और बांग्लादेश-पाकिस्तान की करीबी भारत के लिए चिंता का सबब बन सकती है।
सार्क हमारी प्राथमिकतामोहम्मद यूनुस ने इशाक के साथ बैठक में सार्क के पुनरुद्धार पर जोर देते हुए कहा, 'जब भी मेरी शहबाज शरीफ से मुलाकात हुई, हमने सार्क के बारे में बात की है। हमारे दृष्टिकोण एक जैसे हैं और सार्क हम दोनों के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता बना हुआ है। मैं सार्क को प्रोत्साहित करता हू और पाकिस्तान समेत सार्क देशों के साथ अपने संबंधों को सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक मानता हूं।'
यूनुस ने इस दौरान द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने और लोगों के बीच आपसी संबंधों को बेहतर करने पर जोर दिया। हालांकि यूनुस ने इस दौरान ये भी स्वीकार किया कि कुछ संवेदनशील मुद्दे पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बने हुए हैं, जिनको सुलझाना जरूरी है। यूनुस और डार ने इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और व्यापार को बढ़ावा देने पर खासतौर से बात की।
डार ने की यूनुस की तारीफइशाक डार ने ढाका में कहा कि भारत और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरी की पूरक हैं। ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां हम मिलकर काम कर सकते हैं। इशाक डार ने इस दौरान गरीबी उन्मूलन और सामुदायिक सशक्तिकरण के लिए मोहम्मद यूनुस की जमकर तारीफ की।
डार 13 वर्षों में बांग्लादेश की यात्रा करने वाले पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री हैं। पाकिस्तान और बांग्लादेश के संबंध बीते एक साल में लगातार बेहतर हुए हैं। शेख हसीना की सरकार गिरने ओर यूनुस के बांग्लादेश की सत्ता संभालने के बाद वह पाकिस्तान की तरफ झुके हुए दिखे हैं।
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