मुंबई/छत्रपति संभाजीनगर: मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना के संबंध में एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। राज्य में केवल पात्र महिलाएं ही इस सरकारी योजना का लाभ उठा सकेंगी। हालांकि, अक्सर यह बात सामने आई है कि कई ऐसी महिलाओं ने भी लाडकी बहिन योजना का लाभ उठाया है जो पात्र नहीं हैं। इस बीच एक बार फिर मराठवाड़ा से अपात्र महिलाओं के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। अपात्र होने के बावजूद 1 लाख 25 हजार महिलाओं ने लाडकी बहिन योजना का लाभ उठाया। अब इन महिलाओं को योजना से बाहर करने और उनके लाभ रोकने के आदेश जारी किए गए हैं।
65 साल से अधिक उम्र की महिलाएं अपात्र
मराठवाड़ा के 8 जिलों से 65 साल से अधिक आयु की 1 लाख 33 हजार लाडकी बहिन योजना के आवेदनों की जांच की गई। इनमें से 40 हजार महिलाओं को अपात्र बताया गया है। 65 वर्ष से अधिक आयु की इन महिलाओं ने झूठे आवेदन जमा करके, फर्जी दस्तावेज तैयार करके अपात्र होने के बावजूद लाडकी बहिन योजना का लाभ उठाया है। इसके अलावा इस सर्वे से पता चला है कि 21 साल से कम आयु की महिलाओं ने भी इस योजना का लाभ उठाया है।
एक ही परिवार की एक से ज्यादा महिला लाभार्थी अपात्र
एक ही घर में दो लाभार्थियों वाले 4 लाख 9 हजार आवेदनों की जांच की गई। इस जांच में पता चला कि एक ही परिवार की दो या दो से ज़्यादा महिलाओं ने योजना का लाभ लिया है। इनमें से 84 हजार महिलाएं अपात्र पाई गईं। इसके लिए 6 से 7 लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सर्वे करने को कहा गया था। अगर एक ही घर की दो से ज़्यादा महिलाओं ने लाभ लिया है, तो इसकी जानकारी राशन कार्ड के जरिए भी ली गई है।
84 हजार अपात्र महिलाएं
लाडकी बहिन योजना के लिए राशन कार्ड को प्रमाण के तौर पर स्वीकार किया गया। यह बात सामने आई है कि एक ही परिवार की महिलाओं ने राशन कार्ड के जरिए योजना का लाभ लिया है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की ओर से पिछले एक महीने से किए जा रहे सर्वेक्षण में 84 हजार अपात्र महिलाओं की जानकारी सामने आई है।
आईटीआर फाइल करने वाली महिलाएं भी बाहर
कुछ महिलाओं को पैसा नहीं मिला है। महिलाओं की ओर से पैसा न मिलने का कारण बताने के बाद उनके दस्तावेज़ों की जांच की जा रही है। महिलाओं का कहना है कि उन्हें इस योजना से बाहर रखे जाने की कोई जानकारी नहीं दी गई है। खास बात यह है कि अधिकारियों के सत्यापन से पता चला है कि जिन महिलाओं ने आईटीआर यानी आयकर रिटर्न दाखिल किया है। उन्होंने भी लाडकी बहिन योजना का लाभ उठाया है। मराठवाड़ा में महिला एवं बाल कल्याण अधिकारियों ने यह सर्वेक्षण सरकार को भेजा है।
65 साल से अधिक उम्र की महिलाएं अपात्र
मराठवाड़ा के 8 जिलों से 65 साल से अधिक आयु की 1 लाख 33 हजार लाडकी बहिन योजना के आवेदनों की जांच की गई। इनमें से 40 हजार महिलाओं को अपात्र बताया गया है। 65 वर्ष से अधिक आयु की इन महिलाओं ने झूठे आवेदन जमा करके, फर्जी दस्तावेज तैयार करके अपात्र होने के बावजूद लाडकी बहिन योजना का लाभ उठाया है। इसके अलावा इस सर्वे से पता चला है कि 21 साल से कम आयु की महिलाओं ने भी इस योजना का लाभ उठाया है।
एक ही परिवार की एक से ज्यादा महिला लाभार्थी अपात्र
एक ही घर में दो लाभार्थियों वाले 4 लाख 9 हजार आवेदनों की जांच की गई। इस जांच में पता चला कि एक ही परिवार की दो या दो से ज़्यादा महिलाओं ने योजना का लाभ लिया है। इनमें से 84 हजार महिलाएं अपात्र पाई गईं। इसके लिए 6 से 7 लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सर्वे करने को कहा गया था। अगर एक ही घर की दो से ज़्यादा महिलाओं ने लाभ लिया है, तो इसकी जानकारी राशन कार्ड के जरिए भी ली गई है।
84 हजार अपात्र महिलाएं
लाडकी बहिन योजना के लिए राशन कार्ड को प्रमाण के तौर पर स्वीकार किया गया। यह बात सामने आई है कि एक ही परिवार की महिलाओं ने राशन कार्ड के जरिए योजना का लाभ लिया है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की ओर से पिछले एक महीने से किए जा रहे सर्वेक्षण में 84 हजार अपात्र महिलाओं की जानकारी सामने आई है।
आईटीआर फाइल करने वाली महिलाएं भी बाहर
कुछ महिलाओं को पैसा नहीं मिला है। महिलाओं की ओर से पैसा न मिलने का कारण बताने के बाद उनके दस्तावेज़ों की जांच की जा रही है। महिलाओं का कहना है कि उन्हें इस योजना से बाहर रखे जाने की कोई जानकारी नहीं दी गई है। खास बात यह है कि अधिकारियों के सत्यापन से पता चला है कि जिन महिलाओं ने आईटीआर यानी आयकर रिटर्न दाखिल किया है। उन्होंने भी लाडकी बहिन योजना का लाभ उठाया है। मराठवाड़ा में महिला एवं बाल कल्याण अधिकारियों ने यह सर्वेक्षण सरकार को भेजा है।
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