पुणे: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को सवाल उठाया कि सरकार कितनी बार किसानों के कर्ज माफ कर सकती है और क्या इस तरह की वित्तीय रियायतें देना टिकाऊ है। उन्होंने किसानों से वित्तीय अनुशासन अपनाने और अपने संसाधनों का अधिक समझदारी से प्रबंधन करने का आग्रह किया। पवार ने कहा कि जब आपको शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि लोन मिलता है, तो नियमित रूप से उनका भुगतान करने की आदत विकसित करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सरकार कितनी बार कर्ज माफ कर सकती है और मुफ्त की चीजें बांट सकती है? शरद पवार साहब ने अतीत में कर्ज माफ किए। बाद में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने कार्यकाल के दौरान ऐसा ही किया। यहां तक कि उद्धव ठाकरे ने भी इसका पालन किया।
कहां बोले अजित पवार?
बारामती में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अजित पवार ने यह बातें कहीं। अजित पवार का यह बयान ऐसे समय आया है जब राज्य सरकार ने मुंबई में पूर्व विधायक बच्चू कडू और अन्य प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की थी, उन्हें आश्वासन दिया था कि 30 जून 2026 से पहले कृषि कर्ज माफी पर फैसला लिया जाएगा।
समय पर कर्ज चुकाना सुनिश्चित करें किसान
पवार ने कहा कि हम नए साल में कृषि कर्ज माफी पर निर्णय लेंगे। क्योंकि वर्तमान वित्तीय बोझ महत्वपूर्ण है। चूंकि यह हमारे घोषणापत्र का हिस्सा है, हम इस बार इसे लागू करेंगे। लेकिन यह एक आवर्ती प्रथा नहीं बन सकती। किसानों को भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और समय पर कर्ज चुकाना सुनिश्चित करना चाहिए।
क्यों हो रही कर्ज माफी की चर्चा?
दरअसल राज्य भर में हाल की बाढ़ के कारण व्यापक फसल क्षति के बाद पूर्ण कर्ज माफी की मांग तेज हो गई है। विपक्ष ने घोषणा में देरी के लिए सरकार की आलोचना की है, जबकि प्रशासन का कहना है कि निर्णय उचित समय पर लिया जाएगा। हालांकि अजित पवार की टिप्पणियों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
मनोज जरांगे का पलटवार
मराठा कोटा कार्यकर्ता मनोज जरंगे ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि किसानों को अगले चुनावों में वोट देते समय पवार की बातों को याद रखना चाहिए। उन्हें यह महसूस करना चाहिए कि हमारे वोट मुफ्त की चीजें नहीं हैं।
कहां बोले अजित पवार?
बारामती में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अजित पवार ने यह बातें कहीं। अजित पवार का यह बयान ऐसे समय आया है जब राज्य सरकार ने मुंबई में पूर्व विधायक बच्चू कडू और अन्य प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की थी, उन्हें आश्वासन दिया था कि 30 जून 2026 से पहले कृषि कर्ज माफी पर फैसला लिया जाएगा।
समय पर कर्ज चुकाना सुनिश्चित करें किसान
पवार ने कहा कि हम नए साल में कृषि कर्ज माफी पर निर्णय लेंगे। क्योंकि वर्तमान वित्तीय बोझ महत्वपूर्ण है। चूंकि यह हमारे घोषणापत्र का हिस्सा है, हम इस बार इसे लागू करेंगे। लेकिन यह एक आवर्ती प्रथा नहीं बन सकती। किसानों को भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और समय पर कर्ज चुकाना सुनिश्चित करना चाहिए।
क्यों हो रही कर्ज माफी की चर्चा?
दरअसल राज्य भर में हाल की बाढ़ के कारण व्यापक फसल क्षति के बाद पूर्ण कर्ज माफी की मांग तेज हो गई है। विपक्ष ने घोषणा में देरी के लिए सरकार की आलोचना की है, जबकि प्रशासन का कहना है कि निर्णय उचित समय पर लिया जाएगा। हालांकि अजित पवार की टिप्पणियों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
मनोज जरांगे का पलटवार
मराठा कोटा कार्यकर्ता मनोज जरंगे ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि किसानों को अगले चुनावों में वोट देते समय पवार की बातों को याद रखना चाहिए। उन्हें यह महसूस करना चाहिए कि हमारे वोट मुफ्त की चीजें नहीं हैं।
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