इंदौर: दिल्ली ब्लास्ट के तार अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ रहे हैं। साजिश में शामिल डॉक्टरों के लिंक अल फलाह यूनिवर्सिटी है। पुलिस ने इस यूनिवर्सिटी के कई लोगों को हिरासत में लिया है। टेरर लिंक की वजह से चर्चा में आए अल फलाह यूनिवर्सिटी के तार एमपी से भी जुड़ रहे हैं। इसका मालिक महू का रहने वाला है, जिसने 24 साल पहले अपना घर छोड़ दिया था।
महू का रहने वाला है जवाद अहमद सिद्दकीवहीं, अल फलाह यूनिवर्सिटी का मालिक जवाद अहमद सिद्दीकी महू का रहने वाला है। महू इंदौर से सटा हुआ है। साथ ही यहां सेना का बड़ा कैंप है। दिल्ली टेरर लिंक को लेकर पुलिस यहां उसके संपर्क में रहे स्थानीय लोगों पर भी नजर रख रही है। बताया जाता है कि जवाद अहमद सिद्दीकी ने 25 साल पहले ही महू छोड़ दिया है। इंदौर की देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी से जवाद अहमद सिद्दीकी ने बीटेक की पढ़ाई की है।
रुपए डबल करने का करता था कामअल फलाह यूनिवर्सिटी का चांसलर और मालिक जवाद अहमद सिद्दकी का पूरा परिवार पहले महू में ही रहता था। यहां पर यह एक इन्वेस्टमेंट कंपनी चलाता था। इसमें निवेश करने वाले लोगों को रुपए डबल करने का झांसा देता था। मगर रुपए किसी के डबल नहीं लौटाए। लोगों का जब जवादअहमद सिद्दीकी पर दबाव बढ़ा तो वह रातोंरात महू से गायब हो गया है।
फरीदाबाद में जाकर बस गयामहू से गायब होने के बाद अल फलाह यूनिवर्सिटी का मालिक जवाद अहमद सिद्दीकी फरीदाबाद जाकर बस गया। महू से फरीदाबाद की दूरी 773 किमी है। उसकी इन्वेंस्टमेंट कंपनी खोली थी। उसका नाम भी अल फलाह इन्वेस्टमेंट था। इसमें लोगों ने काफी निवेश किया था। कथित तौर पर यह कहा जाता है कि इन्हीं पैसों से फरीदाबाद में जवादअहमद सिद्दीकी ने कॉलेज खोला है।
पहले इंजीनियरिंग कॉलेज खोलाजानकारी के मुताबिक जवाद अहमद सिद्दीकी ने पहले फरीदाबाद में इंजीनियरिंग कॉलेज खोला था। इसके बाद यूनिवर्सिटी की स्थापना की। इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना इसने 1997 में ही की थी। मेडिकल की पढ़ाई के लिए इसकी यूनिवर्सिटी को 2019 में मान्यता मिली थी। एमबीबीएस के पहले बैच के लिए दाखिला 2019 में हुआ था। 2024 में इसके कॉलेज से पढ़कर डॉक्टरों का पहला बैच निकला था। अल फलाह यूनिवर्सिटी में 650 बेड का अस्पताल भी है। इसके साथ ही इसके अन्य कॉलेज भी हैं।
भाई पर भी दर्ज हुआ था केसवहीं, रुपए डबल करने के मामले में जवाद अहमद सिद्दीकी के भाई पर भी केस दर्ज हुआ था। जवादअहमद की पूरी फैमिली महू स्थित कायस्थ कॉलोनी में रहती थी। जवादअहमद सिद्दीकी के पिता शहरकाजी थे। दिल्ली धमाके की तार इससे जुड़ने के बाद पुलिस जवाद के पुराने संपर्कों से पूछताछ कर रही है।
महू का रहने वाला है जवाद अहमद सिद्दकीवहीं, अल फलाह यूनिवर्सिटी का मालिक जवाद अहमद सिद्दीकी महू का रहने वाला है। महू इंदौर से सटा हुआ है। साथ ही यहां सेना का बड़ा कैंप है। दिल्ली टेरर लिंक को लेकर पुलिस यहां उसके संपर्क में रहे स्थानीय लोगों पर भी नजर रख रही है। बताया जाता है कि जवाद अहमद सिद्दीकी ने 25 साल पहले ही महू छोड़ दिया है। इंदौर की देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी से जवाद अहमद सिद्दीकी ने बीटेक की पढ़ाई की है।
रुपए डबल करने का करता था कामअल फलाह यूनिवर्सिटी का चांसलर और मालिक जवाद अहमद सिद्दकी का पूरा परिवार पहले महू में ही रहता था। यहां पर यह एक इन्वेस्टमेंट कंपनी चलाता था। इसमें निवेश करने वाले लोगों को रुपए डबल करने का झांसा देता था। मगर रुपए किसी के डबल नहीं लौटाए। लोगों का जब जवादअहमद सिद्दीकी पर दबाव बढ़ा तो वह रातोंरात महू से गायब हो गया है।
फरीदाबाद में जाकर बस गयामहू से गायब होने के बाद अल फलाह यूनिवर्सिटी का मालिक जवाद अहमद सिद्दीकी फरीदाबाद जाकर बस गया। महू से फरीदाबाद की दूरी 773 किमी है। उसकी इन्वेंस्टमेंट कंपनी खोली थी। उसका नाम भी अल फलाह इन्वेस्टमेंट था। इसमें लोगों ने काफी निवेश किया था। कथित तौर पर यह कहा जाता है कि इन्हीं पैसों से फरीदाबाद में जवादअहमद सिद्दीकी ने कॉलेज खोला है।
पहले इंजीनियरिंग कॉलेज खोलाजानकारी के मुताबिक जवाद अहमद सिद्दीकी ने पहले फरीदाबाद में इंजीनियरिंग कॉलेज खोला था। इसके बाद यूनिवर्सिटी की स्थापना की। इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना इसने 1997 में ही की थी। मेडिकल की पढ़ाई के लिए इसकी यूनिवर्सिटी को 2019 में मान्यता मिली थी। एमबीबीएस के पहले बैच के लिए दाखिला 2019 में हुआ था। 2024 में इसके कॉलेज से पढ़कर डॉक्टरों का पहला बैच निकला था। अल फलाह यूनिवर्सिटी में 650 बेड का अस्पताल भी है। इसके साथ ही इसके अन्य कॉलेज भी हैं।
भाई पर भी दर्ज हुआ था केसवहीं, रुपए डबल करने के मामले में जवाद अहमद सिद्दीकी के भाई पर भी केस दर्ज हुआ था। जवादअहमद की पूरी फैमिली महू स्थित कायस्थ कॉलोनी में रहती थी। जवादअहमद सिद्दीकी के पिता शहरकाजी थे। दिल्ली धमाके की तार इससे जुड़ने के बाद पुलिस जवाद के पुराने संपर्कों से पूछताछ कर रही है।
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