देहरादून: उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर हादसों ने तीर्थयात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दीं। इन घटनाओं के बाद पुष्कर सिंह धामी सरकार ने जांच के आदेश दिए थे। साथ ही, कुछ समय के लिए सेवाओं पर रोक लगी थी। अब इस मामले में विमान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (एएआईबी) की रिपोर्ट सामने आई है। एएआईबी ने चारधाम क्षेत्र में हेलीकॉप्टर सेवा प्रदान करने वालों को मौसम की जानकारी देने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया लागू करने और महत्वपूर्ण प्रणालियों के लिए ‘बैक-अप’ बिजली आपूर्ति की पर्याप्त व्यवस्था करने की सिफारिश की है।
इसके अलावा, एएआईबी ने कहा कि विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को सभी हेलीकॉप्टर सेवा प्रदाताओं का एक बार ऑडिट करना चाहिए जिसमें यह जांचा जाए कि पायलटों के पास पहाड़ी क्षेत्रों में उड़ान के लिए आवश्यक योग्यताएं हैं या नहीं। ये सिफारिशें 17 मई को केदारनाथ में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना की अंतरिम रिपोर्ट में की गई हैं। एजेंसी ने पाया कि दुर्घटनाग्रस्त हुए हेलीकॉप्टर के पायलट को बिजली कटौती के कारण मौसम की जानकारी नहीं मिल पाई थी।
यात्रा के दौरान हुई कई घटनाएंउत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर से जुड़ी कई घटनाएं समाने आई हैं। अंतरिम रिपोर्ट ‘पिनेकल एयर’ के एयरबस हेलीकॉप्टर से जुड़ी दुर्घटना से संबंधित है, जिसे एक एयर एम्बुलेंस के रूप में संचालित किया जा रहा था। इसमें तीन लोग (पायलट, एक डॉक्टर और एक नर्स) सवार थे। इस दुर्घटना में हेलीकॉप्टर को नुकसान पहुंचा, लेकिन किसी को कोई चोट नहीं आई।
एएआईबी के मुताबिक केदारनाथ घाटी में कोई मौसम विज्ञान सुविधा उपलब्ध नहीं है और श्री केदारनाथ जी हेलीपैड पर स्थापित स्वचालित मौसम उपकरण वास्वतिक समय में मौसम की जानकारी प्रदान करता है, जो एक कंप्यूटर से जुड़ा होता है। इस कंप्यूटर की स्क्रीन को उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के एक सुरक्षाकर्मी ने संचालकों के वॉट्सऐप ग्रुप में साझा किया है।
बिजली कटौती का दिया गया हवालाअंतरिम रिपोर्ट में कहा गया है कि जानकारी दी गई, बिजली कटौती और कंप्यूटर के लिए वैकल्पिक बिजली ‘बैकअप’ की अनुपलब्धता के कारण सुबह आठ बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट के बीच मौसम की जानकारी साझा नहीं की गई। दुर्घटना के बाद जांच दल के घटनास्थल के दौरे के दौरान भी यही देखा गया कि तब भी बिजली कटौती होती रही, मॉनिटर बार-बार बंद हो रहा था।
जांच एजेंसी ने यह भी कहा कि सेवा प्रदाता घाटी में विभिन्न स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरे की वास्तविक समय में तस्वीर के माध्यम से घाटी में दृश्यता की स्थिति का आकलन करते हैं। लेकिन, यूसीएडीए के पास मौसम की जानकारी हेलीकॉप्टर सेवा प्रदाता के साथ साझा करने के लिए कोई एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) उपलब्ध नहीं है।
उड़नों को सुरक्षित बनाने के लिए एसओपीरिपोर्ट के अनुसार, डीजीसीए को यूसीएडीए को निर्देश देने चाहिए कि वह मौजूदा नियमों के अनुरूप एक मानक संचालन प्रक्रिया लागू करे ताकि चारधाम क्षेत्र में हेलीकॉप्टर उड़ानों को सुरक्षित बनाने के लिए सभी सेवा प्रदाताओं तक समय पर मौसम की जानकारी पहुंच सके।
इसके अलावा, एएआईबी ने कहा कि विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को सभी हेलीकॉप्टर सेवा प्रदाताओं का एक बार ऑडिट करना चाहिए जिसमें यह जांचा जाए कि पायलटों के पास पहाड़ी क्षेत्रों में उड़ान के लिए आवश्यक योग्यताएं हैं या नहीं। ये सिफारिशें 17 मई को केदारनाथ में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना की अंतरिम रिपोर्ट में की गई हैं। एजेंसी ने पाया कि दुर्घटनाग्रस्त हुए हेलीकॉप्टर के पायलट को बिजली कटौती के कारण मौसम की जानकारी नहीं मिल पाई थी।
यात्रा के दौरान हुई कई घटनाएंउत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर से जुड़ी कई घटनाएं समाने आई हैं। अंतरिम रिपोर्ट ‘पिनेकल एयर’ के एयरबस हेलीकॉप्टर से जुड़ी दुर्घटना से संबंधित है, जिसे एक एयर एम्बुलेंस के रूप में संचालित किया जा रहा था। इसमें तीन लोग (पायलट, एक डॉक्टर और एक नर्स) सवार थे। इस दुर्घटना में हेलीकॉप्टर को नुकसान पहुंचा, लेकिन किसी को कोई चोट नहीं आई।
एएआईबी के मुताबिक केदारनाथ घाटी में कोई मौसम विज्ञान सुविधा उपलब्ध नहीं है और श्री केदारनाथ जी हेलीपैड पर स्थापित स्वचालित मौसम उपकरण वास्वतिक समय में मौसम की जानकारी प्रदान करता है, जो एक कंप्यूटर से जुड़ा होता है। इस कंप्यूटर की स्क्रीन को उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के एक सुरक्षाकर्मी ने संचालकों के वॉट्सऐप ग्रुप में साझा किया है।
बिजली कटौती का दिया गया हवालाअंतरिम रिपोर्ट में कहा गया है कि जानकारी दी गई, बिजली कटौती और कंप्यूटर के लिए वैकल्पिक बिजली ‘बैकअप’ की अनुपलब्धता के कारण सुबह आठ बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट के बीच मौसम की जानकारी साझा नहीं की गई। दुर्घटना के बाद जांच दल के घटनास्थल के दौरे के दौरान भी यही देखा गया कि तब भी बिजली कटौती होती रही, मॉनिटर बार-बार बंद हो रहा था।
जांच एजेंसी ने यह भी कहा कि सेवा प्रदाता घाटी में विभिन्न स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरे की वास्तविक समय में तस्वीर के माध्यम से घाटी में दृश्यता की स्थिति का आकलन करते हैं। लेकिन, यूसीएडीए के पास मौसम की जानकारी हेलीकॉप्टर सेवा प्रदाता के साथ साझा करने के लिए कोई एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) उपलब्ध नहीं है।
उड़नों को सुरक्षित बनाने के लिए एसओपीरिपोर्ट के अनुसार, डीजीसीए को यूसीएडीए को निर्देश देने चाहिए कि वह मौजूदा नियमों के अनुरूप एक मानक संचालन प्रक्रिया लागू करे ताकि चारधाम क्षेत्र में हेलीकॉप्टर उड़ानों को सुरक्षित बनाने के लिए सभी सेवा प्रदाताओं तक समय पर मौसम की जानकारी पहुंच सके।
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