रियलिटी शो 'रोडीज' के पूर्व जज रघु राम ने महिलाओं के प्रति तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने दावा किया है कि पुरुषों की कुछ मानसिक और शारीरिक बीमारियों की जड़ महिलाएं होती हैं। उन्होंने यहाँ तक कहा कि 60 साल की उम्र के बाद बहुत से पुरुष हार्ट अटैक से मर जाते हैं, और कुछ तो आत्महत्या भी कर लेते हैं, क्योंकि यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि महिलाएं किस तरह के रिश्ते में रहना पसंद करती हैं। उन्होंने ये भी बताया कि शो में उनकी मुलाकात कुछ ऐसी महिलाओं से हुई, जो आदमियों से ज्यादा आक्रामक थीं।
रघु राम ने एक पॉडकास्ट पर कहा, 'रोडीज में कुछ औरतें ऐसी थीं कि हमारे कान लाल हो गए। धुआं निकल गया और जमीन पर गिर पड़े। मैं उनसे नोट्स ले रहा था। लड़कियां सज्जन नहीं होतीं। वो तो लड़ भी सकती हैं। लेकिन उनकी भी एक सीमा होती है। औरतों की कोई सीमा नहीं होती। वो बहुत चीखती-चिल्लाती हैं। और जो कहती हैं वो बहुत बुरा लगता है सुनकर। हम बहुत डर जाते हैं।'
रघु राम ने लड़कियों के प्रति राय दी
रघु राम ने 'टू गर्ल्स एंड टू कप्स' पॉडकास्ट में बताया, 'लड़कियां एक बहुत बड़ी दिक्कत हैं क्योंकि वो कहती हैं कि उन्हें भावनात्मक रूप से खुले पुरुषों की जरूरत है। लेकिन असल में वो उन्हें चाहती ही नहीं हैं। जब कोई आदमी भावुक हो जाता है तो वो उसे ये कहकर रिजेक्ट कर देती हैं कि तुम बिलकुल लड़कियों के जैसे हो। अब तुम्हारी कोई इज्जत नहीं। लड़कियों की वजह से लड़के कुछ भी शेयर नहीं करते। हम 60 की उम्र में हार्ट अटैक आने से खुश हैं।'
रघु राम ने कहा कि आदमी हार्ट अटैक से मरते हैं
रघु ने कहा, 'आदमी ही हार्ट अटैक से इसलिए मरते हैं क्योंकि जब हम ओपन-अप होते हैं तो लड़कियां हमें एक्सेप्ट नहीं करतीं। हमारे पास कोई ऑप्शन भी नहीं होता। ये कितना ही बुरा होगा? हार्ट अटैक आएगा? बाईपास सर्जरी होगी? हम सब कर लेंगे। लेकिन मैं किसी भी महिला को ऐसा कुछ नहीं कहूंगा, जिसका वो इस्तेमाल बाद में आदमियों के खिलाफ ही करें।'
रघु राम ने एक पॉडकास्ट पर कहा, 'रोडीज में कुछ औरतें ऐसी थीं कि हमारे कान लाल हो गए। धुआं निकल गया और जमीन पर गिर पड़े। मैं उनसे नोट्स ले रहा था। लड़कियां सज्जन नहीं होतीं। वो तो लड़ भी सकती हैं। लेकिन उनकी भी एक सीमा होती है। औरतों की कोई सीमा नहीं होती। वो बहुत चीखती-चिल्लाती हैं। और जो कहती हैं वो बहुत बुरा लगता है सुनकर। हम बहुत डर जाते हैं।'
रघु राम ने लड़कियों के प्रति राय दी
रघु राम ने 'टू गर्ल्स एंड टू कप्स' पॉडकास्ट में बताया, 'लड़कियां एक बहुत बड़ी दिक्कत हैं क्योंकि वो कहती हैं कि उन्हें भावनात्मक रूप से खुले पुरुषों की जरूरत है। लेकिन असल में वो उन्हें चाहती ही नहीं हैं। जब कोई आदमी भावुक हो जाता है तो वो उसे ये कहकर रिजेक्ट कर देती हैं कि तुम बिलकुल लड़कियों के जैसे हो। अब तुम्हारी कोई इज्जत नहीं। लड़कियों की वजह से लड़के कुछ भी शेयर नहीं करते। हम 60 की उम्र में हार्ट अटैक आने से खुश हैं।'
रघु राम ने कहा कि आदमी हार्ट अटैक से मरते हैं
रघु ने कहा, 'आदमी ही हार्ट अटैक से इसलिए मरते हैं क्योंकि जब हम ओपन-अप होते हैं तो लड़कियां हमें एक्सेप्ट नहीं करतीं। हमारे पास कोई ऑप्शन भी नहीं होता। ये कितना ही बुरा होगा? हार्ट अटैक आएगा? बाईपास सर्जरी होगी? हम सब कर लेंगे। लेकिन मैं किसी भी महिला को ऐसा कुछ नहीं कहूंगा, जिसका वो इस्तेमाल बाद में आदमियों के खिलाफ ही करें।'
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