ओट्टावा: कनाडा जाने का सपना देखने वालों के लिए एक बुरी खबर आई है। कनाडा की कार्नी सरकार अब ट्रंप की राह पर चलती दिखाई दे रही है। यह ऐसा प्रस्ताव ला रही है, जिससे बड़े पैमाने पर अस्थायी वीजा को रद्द किया जा सकेगा। इस कदम से बड़ी संख्या में भारतीय आवेदकों पर असर पड़ सकता है। कनाडाई मीडिया आउटलेट सीबीएस न्यूज ने आंतरिक दस्तावेजों के हवाले से बताया है कि इमिग्रेशन, रिफ्यूजी और सिटिजेनशिप कनाडा (IRCC) और कनाडा सीमा सेवा एजेंसी (CBSA) मांग कर रहे हैं कि धोखाधड़ी या दुरुपयोग के सबूत पाए जाने पर उन्हें अस्थायी निवासी वीजा (TRV) को सामूहिक रूप से रद्द करने का अधिकार दिया जाए।
सीबीएस की रिपोर्ट के अनुसार, प्रस्तावित बदलाव अगर लागू होता है तो इमिग्रेशन मंत्री धोखाधड़ी, युद्ध या जन स्वास्थ्य संकट जैसी खास परिस्थितियों में वीजा के पूरे बैच को रद्द कर सकेंगे। अभी तक हर मामले को अलग-अलग निपटाने का प्रावधान है। कार्नी सरकार ने यह कदम बढ़ते शरणार्थी दावों और कनाडा की अस्थायी वीजा प्रणाली की बढ़ती जांच के बीच उठाया है।
भारत और बांग्लादेश का लिया नाम
अधिकारियों ने दस्तावेज सत्यापन में आने वाली कठिनाइयों के साथ ही भारत और बांग्लादेश समेत कुछ देशों से धोखाधड़ी वाले आवेदनों में वृद्धि का हवाला दिया। एक आंतरिक प्रस्तुति में खास खास देश से जुड़ी चुनौतियां कहकर संबोधित किया गया था। ग्लोबल न्यूज के अनुसार, पिछले साल अंतरराष्ट्रीय छात्रों के 20,000 से ज्यादा शरण के दावे दायर किए गए। इनमें सबसे ज्यादा भारत और नाइजीरिया से थे।
भारतीयों के सबसे ज्यादा आवेदन
सीबीसी ने बताया कि भारतीय नागरिकों के शरण के दावों में तेजी से वृद्धि हुई है। यह मई 2023 में प्रतिमाह 500 से भी कम था, लेकिन जुलाई 2024 में लगभग 2000 तक हो गया। इसने संघीय एजेंसियों को निगरानी कड़ी करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। कनाडा का कहना है कि प्रस्ताव व्यापक सुधार प्रयास का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य उन कमियों को दूर करना है जिससे वीजा के लंबित मामले और इसके दुरुपयोग के आरोप बढ़े हैं। इस योजना की अधिकार समूहों और इमिग्रेशन वकीलों ने आलोचना की है। उन्हें डर है कि इसके बिना उचित प्रक्रिया के व्यापक निर्वासन हो सकता है।
सीबीएस की रिपोर्ट के अनुसार, प्रस्तावित बदलाव अगर लागू होता है तो इमिग्रेशन मंत्री धोखाधड़ी, युद्ध या जन स्वास्थ्य संकट जैसी खास परिस्थितियों में वीजा के पूरे बैच को रद्द कर सकेंगे। अभी तक हर मामले को अलग-अलग निपटाने का प्रावधान है। कार्नी सरकार ने यह कदम बढ़ते शरणार्थी दावों और कनाडा की अस्थायी वीजा प्रणाली की बढ़ती जांच के बीच उठाया है।
भारत और बांग्लादेश का लिया नाम
अधिकारियों ने दस्तावेज सत्यापन में आने वाली कठिनाइयों के साथ ही भारत और बांग्लादेश समेत कुछ देशों से धोखाधड़ी वाले आवेदनों में वृद्धि का हवाला दिया। एक आंतरिक प्रस्तुति में खास खास देश से जुड़ी चुनौतियां कहकर संबोधित किया गया था। ग्लोबल न्यूज के अनुसार, पिछले साल अंतरराष्ट्रीय छात्रों के 20,000 से ज्यादा शरण के दावे दायर किए गए। इनमें सबसे ज्यादा भारत और नाइजीरिया से थे।
भारतीयों के सबसे ज्यादा आवेदन
सीबीसी ने बताया कि भारतीय नागरिकों के शरण के दावों में तेजी से वृद्धि हुई है। यह मई 2023 में प्रतिमाह 500 से भी कम था, लेकिन जुलाई 2024 में लगभग 2000 तक हो गया। इसने संघीय एजेंसियों को निगरानी कड़ी करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। कनाडा का कहना है कि प्रस्ताव व्यापक सुधार प्रयास का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य उन कमियों को दूर करना है जिससे वीजा के लंबित मामले और इसके दुरुपयोग के आरोप बढ़े हैं। इस योजना की अधिकार समूहों और इमिग्रेशन वकीलों ने आलोचना की है। उन्हें डर है कि इसके बिना उचित प्रक्रिया के व्यापक निर्वासन हो सकता है।
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