लंदन: ब्रिटेन के महाराज चार्ल्स ने अपने छोटे भाई प्रिंस एंड्रयू के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उनसे राजकुमार की उपाधि छीन ली है। अब एंड्रयू के नाम के साथ प्रिंस नहीं लगाया जाएगा। इतना ही नहीं, एंड्रयू को विंडसर स्थित उनके घर से भी बाहर निकालने का फैसला किया गया है और इस संबंध में प्रक्रिया शुरू हो गई है। बकिंघम पैलेस ने गुरुवार को यह जानकारी दी। किंग चार्ल्स ने यह फैसला ऐसे समय में किया है जब यौन शोषण के दोषी जेफरी एपस्टीन के साथ एंड्रयू के संबंधों को लेकर शाही परिवार पर भारी दबाव है। हाल ही में किंग चार्ल्स को एक कार्यक्रम में एंड्रयू को लेकर सार्वजनिक रूप से विरोध का सामना करना पड़ा था।   
    किंग चार्ल्स का यह फैसला आधुनिक ब्रिटिश इतिहास में शाही परिवार के किसी सदस्य के विरुद्ध सबसे नाटकीय कदमों में से एक है। एंड्रयू ब्रिटेन के महाराज चार्ल्स तृतीय के छोटे भाई और दिवंगत महारानी एलिजाबेथ के दूसरे बेटे हैं। बच्चियों के यौन शोषण के दोषी जेफरी एपस्टीन के साथ संबंधों को लेकर एंड्रयू लंबे समय से विवाद में हैं। हाल ही वर्जीनिया ग्रिफे के मरणोपरांत संस्मरण प्रकाशन के बाद यह और तेज हो गया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि एंड्रयू ने किशोरावस्था में उनका यौन उत्पीड़न किया था। ग्रिफे ने इसी साल अप्रैल में 41 साल की उम्र में आत्महत्या कर ली थी। एंड्रूयू ने अपने खिलाफ आरोपों का बार-बार खंडन किया है।
किंग चार्ल्स का यह फैसला आधुनिक ब्रिटिश इतिहास में शाही परिवार के किसी सदस्य के विरुद्ध सबसे नाटकीय कदमों में से एक है। एंड्रयू ब्रिटेन के महाराज चार्ल्स तृतीय के छोटे भाई और दिवंगत महारानी एलिजाबेथ के दूसरे बेटे हैं। बच्चियों के यौन शोषण के दोषी जेफरी एपस्टीन के साथ संबंधों को लेकर एंड्रयू लंबे समय से विवाद में हैं। हाल ही वर्जीनिया ग्रिफे के मरणोपरांत संस्मरण प्रकाशन के बाद यह और तेज हो गया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि एंड्रयू ने किशोरावस्था में उनका यौन उत्पीड़न किया था। ग्रिफे ने इसी साल अप्रैल में 41 साल की उम्र में आत्महत्या कर ली थी। एंड्रूयू ने अपने खिलाफ आरोपों का बार-बार खंडन किया है।   
   
शाही घर छोड़ने के लिए नोटिस
इस महीने की शुरुआत में उन्हें ड्यूक ऑफ यॉर्क की अपनी उपाधि को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था। किंग चार्ल्स ने अब एंड्रयू के खिलाफ अपनी कार्रवाई को तेज करते हुए उनसे उनकी सभी उपाधियां छीन ली हैं। अब उन्हें एंड्रयू माउंटबेटन विंडसर के नाम से जाना जाएगा। बकिंघम पैलेस ने बयान में कहा है कि एंड्रयू को लंदन के पश्चिम में विंडसर एस्टेट स्थित अपने रॉयल लॉज हवेली की लीज छोड़ने के लिए औपचारिक नोटिस दिया गया है। वह पूर्वी इंग्लैंड के सैंड्रिंघम एस्टेट में वैकल्पिक निजी आवास में चले जाएंगे।
   
एंड्रयू अभी भी बने रहेंगे गद्दी के दावेदार
गुरुवार की घोषणा के बावजूद एंड्रयू ब्रिटिश क्राउन के उत्तराधिकारी के लिए आठवें दावेदार बने हुए हैं। यह दर्जा कानून बनाकर हटाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए दुनियाभर के राष्ट्रमंडल देशों की सहमति की आवश्यकता होगी, जिसमें समय लगेगा। पिछली बार इस प्रोटोकॉल का इस्तेमाल 1936 में एडवर्ड अष्टम के राजगद्दी का त्याग करने पर किया गया था। वहीं, वर्जीनिया ग्रिफे के परिवार ने गुरुवार को एक बयान में कहा, 'आज एक साधारण अमेरिकी परिवार की साधारण अमेरिकी लड़की ने अपनी सच्चाई और असाधारण साहस से एक ब्रिटिश राजकुमार को हरा दिया।'
  
शाही घर छोड़ने के लिए नोटिस
इस महीने की शुरुआत में उन्हें ड्यूक ऑफ यॉर्क की अपनी उपाधि को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था। किंग चार्ल्स ने अब एंड्रयू के खिलाफ अपनी कार्रवाई को तेज करते हुए उनसे उनकी सभी उपाधियां छीन ली हैं। अब उन्हें एंड्रयू माउंटबेटन विंडसर के नाम से जाना जाएगा। बकिंघम पैलेस ने बयान में कहा है कि एंड्रयू को लंदन के पश्चिम में विंडसर एस्टेट स्थित अपने रॉयल लॉज हवेली की लीज छोड़ने के लिए औपचारिक नोटिस दिया गया है। वह पूर्वी इंग्लैंड के सैंड्रिंघम एस्टेट में वैकल्पिक निजी आवास में चले जाएंगे।
एंड्रयू अभी भी बने रहेंगे गद्दी के दावेदार
गुरुवार की घोषणा के बावजूद एंड्रयू ब्रिटिश क्राउन के उत्तराधिकारी के लिए आठवें दावेदार बने हुए हैं। यह दर्जा कानून बनाकर हटाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए दुनियाभर के राष्ट्रमंडल देशों की सहमति की आवश्यकता होगी, जिसमें समय लगेगा। पिछली बार इस प्रोटोकॉल का इस्तेमाल 1936 में एडवर्ड अष्टम के राजगद्दी का त्याग करने पर किया गया था। वहीं, वर्जीनिया ग्रिफे के परिवार ने गुरुवार को एक बयान में कहा, 'आज एक साधारण अमेरिकी परिवार की साधारण अमेरिकी लड़की ने अपनी सच्चाई और असाधारण साहस से एक ब्रिटिश राजकुमार को हरा दिया।'
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