कभी-कभी जब दिमाग ठीक से काम नहीं करता, विचार धुंधले लगते हैं, और कोई भी काम करने का मन नहीं करता—तो हम इसे थकान या आलस समझ लेते हैं। लेकिन हो सकता है कि ये ब्रेन फॉग (Brain Fog) के लक्षण हों।
हालांकि ब्रेन फॉग कोई मेडिकल बीमारी नहीं है, लेकिन ये एक मानसिक स्थिति का संकेत हो सकता है जिसमें हमारी सोचने, समझने और याद रखने की क्षमता कमजोर पड़ने लगती है। अगर यह स्थिति कभी-कभार हो, तो चिंता की बात नहीं, लेकिन बार-बार या लंबे समय तक बनी रहे, तो सावधान हो जाना चाहिए।
ब्रेन फॉग के 5 चेतावनी संकेत ध्यान केंद्रित करने में परेशानीअगर आप पढ़ाई, काम या बातचीत के दौरान बार-बार भटक जाते हैं, ध्यान नहीं लग पाता, तो यह ब्रेन फॉग का शुरुआती संकेत हो सकता है। यह आपकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ दोनों को प्रभावित कर सकता है।
याददाश्त कमजोर होनाअगर आप छोटी-छोटी बातें, जैसे किसी का नाम, मीटिंग का समय या हाल की घटनाएं बार-बार भूलने लगे हैं, तो यह शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस का संकेत हो सकता है, जो ब्रेन फॉग से जुड़ा है।
दिमागी थकानभरपूर नींद लेने के बावजूद भी आप मानसिक रूप से थका हुआ महसूस करें, तो ये ब्रेन फॉग का अहम लक्षण है। इस तरह की थकान आपकी सतर्कता और सोचने की क्षमता को प्रभावित करती है।
सोचने की गति धीमी हो जानाअगर किसी निर्णय पर पहुंचने या बातचीत में प्रतिक्रिया देने में समय लगने लगे, तो यह दर्शाता है कि दिमाग ठीक से प्रोसेस नहीं कर रहा। यह दिनभर सुस्ती और अजीब सा फील करा सकता है।
मोटिवेशन की कमीजब दिमाग में स्पष्टता नहीं होती, तो कोई भी काम शुरू करना या पूरा करना मुश्किल लगने लगता है। व्यक्ति भावनात्मक रूप से सुस्त और डिमोटिवेटेड महसूस करता है, जिससे तनाव और उदासी बढ़ सकती है।
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