आप पूरे भरोसे के साथ शहर के एक बड़े और नामी हॉस्पिटल (Max Hospital)में जाएं... और वहां काउंटर पर आपको पता चले कि आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का कैशलेस कार्ड यहां काम ही नहीं करेगा!जी हाँ,यह डरावना सच अब हकीकत बन गया हैनिवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस (Niva Bupa Health Insurance)के लाखों पॉलिसीधारकों के लिए. कंपनी ने एक बहुत बड़ा और अचानक फैसला लेते हुए दिल्ली-NCRके सभीमैक्स हॉस्पिटल्स (Max Hospitals)में अपनी कैशलेस इलाज की सुविधा को अस्थायी रूप से सस्पेंड कर दिया है.क्यों हुआ यह बड़ा बदलाव?दो दिग्गजों के बीच क्या है झगड़ा?इस बड़े फैसले के पीछे की वजह बेहद गंभीर है. निवा बूपा ने मैक्स हॉस्पिटल पर इलाज के लिए ज़रूरत से ज़्यादा पैसे वसूलने (Overcharging)और बिल में गड़बड़ी करने का गंभीर आरोप लगायाਹੈ.बीमा कंपनी का कहना है कि मैक्स हॉस्पिटल ऐसी बिलिंग कर रहा था,जिसका बोझ सीधे तौर पर पॉलिसीधारकों और कंपनी पर पड़ रहा था. इसी'अनुचित बिलिंग प्रथा'के चलते,जब तक मामला सुलझ नहीं जाता,यह रोक लगाई गईਹੈ.तो अबNiva Bupaपॉलिसी वालों का क्या होगा?अगर आपके पास निवा बूपा की पॉलिसी है और आप मैक्स हॉस्पिटल में इलाज कराने का सोच रहे हैं,तो यह बात गांठ बांध लें:कैशलेस इलाज नहीं मिलेगा:अब आप सिर्फ अपना कार्ड दिखाकर इलाज शुरू नहीं करा सकते.पहले जेब से भरो,फिर पैसा वापस लो:आपको इलाज कापहले अपनी जेब से पूरा बिल चुकाना होगा.इसके बाद,आपको सारे बिल और डॉक्यूमेंट्स निवा बूपा के पास जमा करने होंगे,और फिर कंपनी आपको आपके पैसे वापस (Reimburse)करेगी.आपकी पॉलिसी बंद नहीं हुई है:यह जानना बहुत ज़रूरी है. आपकी पॉलिसी पूरी तरह से वैलिड है,बस मैक्स हॉस्पिटल में कैशलेस इलाज की प्रक्रिया बदल गई है.अब आपको क्या करना चाहिए? 3सबसे ज़रूरी कदमदूसरे हॉस्पिटल ढूंढें:अगर इमरजेंसी नहीं है,तो निवा बूपा के ऐप या वेबसाइट पर जाकर उनकेनेटवर्क में शामिल दूसरे बड़े अस्पतालोंकी लिस्ट देखें और इलाज के लिए वहां जाएं. वहां आपकी कैशलेस सुविधा बिना किसी दिक्कत के काम करेगी.कस्टमर केयर से बात करें:किसी भी कन्फ्यूजन की स्थिति में,फौरन निवा बूपा के कस्टमर केयर पर फोन करें और उनसे अपने इलाके के दूसरे अच्छे कैशलेस अस्पतालों की जानकारी लें.अगर मैक्स जाना मजबूरी है:अगर इमरजेंसी है और मैक्स हॉस्पिटल ही जाना पड़ रहा है,तो इलाज के साथ-साथ निवा बूपा को भी तुरंत सूचित करें और बाद में क्लेम करने की पूरी प्रक्रिया को ठीक से समझ लें.यह दो बड़ी कंपनियों के बीच का टकराव है,जिसका खामियाजा फिलहाल आम आदमी को भुगतना पड़ रहा है. उम्मीद है कि यह मामला जल्द सुलझ जाएगा,लेकिन तब तक सावधान रहना और सही जानकारी रखना ही सबसे बड़ी समझदारी है.
You may also like
मकर राशिफल: 4 सितंबर को मिलेगी बड़ी खुशखबरी, लेकिन ये गलती मत करना वरना पछताओगे!
बीमा प्रीमियम पर टैक्स हटाने को लेकर सीएम ममता बनर्जी ने कहा- ये जनता की जीत है
उत्तराखंड: हरीश रावत ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा, राहत कार्यों में तेजी लाने की अपील
नीति आयोग ने शुरू किया जिला और ब्लॉक स्तर पर 'ब्रेन हेल्थ इनिशिएटिव', 12 जिलों में पायलट प्रोग्राम
स्वतंत्रता से सत्ता तक: सत्येंद्र नारायण सिन्हा का सियासी सफर बेमिसाल, राजनीति में बनाई खास पहचान