पाकिस्तान परमाणु खतरा भारत: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच रहा है। पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए सैन्य अभ्यास तेज कर दिया है। इस बीच, पाकिस्तान बार-बार परमाणु युद्ध की धमकी दे रहा है और ‘इस्लामिक परमाणु बम’ की अवधारणा पर फिर से जोर दे रहा है। दिलचस्प बात यह है कि इस बात के गंभीर संकेत हैं कि इस परमाणु बम के निर्माण के पीछे सऊदी अरब का हाथ है।
पहलगाम के बाद तनाव चरम पर, पाकिस्तान ने परमाणु युद्ध की बात कहीभारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को माफ नहीं किया जाएगा। इस पृष्ठभूमि में भारतीय सेना ने कश्मीर से लेकर अरब सागर तक युद्ध अभ्यास शुरू कर दिया है। वहीं, पाकिस्तान ने चीनी एसएच-15 तोपखाने की मदद से सीमा पर छोटे परमाणु बम तैनात करना शुरू कर दिया है। इन परमाणु हथियारों का प्रयोग न केवल रणनीतिक उपकरण के रूप में किया जा रहा है, बल्कि राजनीतिक दबाव बनाने के साधन के रूप में भी किया जा रहा है।
पाकिस्तान का परमाणु बम सऊदी अरब के पैसे से बनाया जा रहा हैबीबीसी और अन्य अंतर्राष्ट्रीय मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, सऊदी अरब ने पाकिस्तान को उसके परमाणु बम कार्यक्रम के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की थी। 1990 के दशक में सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच एक गुप्त समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। इस संबंध में सऊदी रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान के परमाणु अनुसंधान केंद्रों का दौरा किया और सहयोग बढ़ाया। विशेष रूप से, सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच घनिष्ठ धार्मिक और सामरिक संबंध हैं, क्योंकि दोनों सुन्नी राष्ट्र हैं। सऊदी अरब की सुरक्षा के लिए पाकिस्तानी सैनिकों को भी रियाद में तैनात किया गया था।
इस्लामी परमाणु बम, गुप्त कार्यक्रम का खुलासाविशेषज्ञों का मानना है कि ‘इस्लामिक परमाणु बम’ की अवधारणा महज अफवाह नहीं है, बल्कि यह एक सुनियोजित और गुप्त रूप से क्रियान्वित परमाणु शस्त्रागार है। सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि अगर ईरान परमाणु बम बनाता है, तो सऊदी अरब भी ऐसा ही करेगा। सऊदी अरब ईरान की बढ़ती परमाणु क्षमताओं से चिंतित है। इसलिए, सऊदी अरब ने चीन से सीएसएस-2 लंबी दूरी की मिसाइलें खरीदी हैं। विशेषज्ञ अमोस याडलिन के अनुसार, “अगर ईरान परमाणु बम बनाता है, तो सऊदी एक महीने भी इंतज़ार नहीं करेगा। उन्होंने पहले ही पाकिस्तान में निवेश कर दिया है।”
क्या पाकिस्तान का परमाणु बम सऊदी अरब के लिए तैयार है?रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान में विशेष रूप से सऊदी अरब के लिए परमाणु बम तैयार किए जा रहे हैं, ताकि सऊदी अरब को आधिकारिक तौर पर परमाणु हथियार संपन्न राज्य के रूप में मान्यता न मिले। इस योजना के अनुसार सारी जिम्मेदारी पाकिस्तान की रहेगी और सऊदी अरब को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु समझौते का उल्लंघन करने की आवश्यकता नहीं होगी।
भारत के लिए खतरा, परमाणु बम के साये में राजनीतिआज पाकिस्तान के पास लगभग 170 परमाणु बम हैं, जिनमें से कई सामरिक क्षमता वाले हैं। पाकिस्तान ने यह परमाणु रिएक्टर सऊदी अरब की मदद से विकसित किया है। इससे भारत के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया है, क्योंकि अब परमाणु हथियारों का प्रयोग सिर्फ रक्षा के लिए नहीं, बल्कि डराने-धमकाने का राजनीतिक हथियार बन गया है।
‘इस्लामिक परमाणु बम’ एक रणनीतिक कदम हैभारत-पाकिस्तान तनाव के बीच सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच परमाणु संबंध फिर से चर्चा में आ गए हैं। ‘इस्लामिक परमाणु बम’ महज एक शब्द नहीं है, यह एक गंभीर वैश्विक खतरे की संभावना को दर्शाता है। इस संदर्भ में भारत के लिए अधिक सतर्क रहना आवश्यक है, क्योंकि इस परमाणु गाथा का केंद्र अब भारत की सीमाओं की दहलीज तक पहुंच गया है।
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